Comments
Transcript
Syllabus of Hindi (General) Semester - I
Syllabus of Hindi (General) Semester - I िहन्दी कथा सािहत्य एवं नाटक Module – I: िहन्दी कथा सािहत्य 100 marks 50 marks क. िहन्दी कथा सािहत्य के िवकास की रूपरे खा ख. िहन्दी की कहानी और कहानीकार :अमृतसर आ गया है भींम साहनी बुिद्धवादी हिरशंकर परसाई अथवा इं ःपेक्टर मातादीन चाँदपर हिरशंकर परसाई अभागी का ःवगर् शरतचन्द पाजेब जैनेंि कुमार वापसी उषा िूयंवदा बडेर् ःवयं ूकाश Module –II: उपन्यास एवं नाटक- 50 marks क उपन्यास का उद्भव और िवकास गबन ख ूेमचंद (समाजशास्तर्ीय दृिष्ट से िवचार) नाटक का उद्भव और िवकास आधे अधूरे मोहन राकेश Semester – II िहन्दी सािहत्य का इितहास Module – I: िहन्दी सािहत्य का आिदकाल एवं मध्यकाल क. काल िवभाजन एवं नामकरण ख. आिदकाल की ूमुख ूवृित्तयाँ किव पिरचय – अमीर खुसरो तथा िवद्यापित । 100 marks 50marks ग. भिक्तकाल की ूमुख धाराएँ - संत काव्यधारा, सूफी काव्यधारा, रामकाव्यधारा तथा कृ ंण काव्यधारा की ूमुख ूवृित्तयाँ । किव पिरचय – कबीरदास, जायसी, तुलसीदास तथा सूरदास। घ. रीितकाल की ूमुख ूवृित्तयाँ, ूमुख धाराएँ। किव पिरचय– िबहारी, केशवदास तथा घनानन्द। Module –II: मध्यकालीन काव्य- 50marks (क) कबीर के दोहे –(15) गुरु संबंधी दोहे : १. कबीर गुरु गरवा िमल्या ..........................नॉव धरौगे कौंण ।। २. सतगुरू हमसूँ रीझी कर ..........................भीिज गया सब अंग ।। ३. गुरु गोिवंद तौ एक है ............................तौ पावै करतार ।। ४. सतगुरू की मिहमा अनॅत ........................अनॅत िदखावण हार ।। ५. सतगुरू सवां न कोइ सगा .......................हिरजन सई न जाित ।। भिक्त एवं नीित संबंधी दोहे : ६. कःतुरी कुंडली बसै .................................दिु नयां दे खै नािहं ।। ७. जाकै मुह ँ माथा नहीं ..............................ऐसा तत्त अनूप ।। ८. राम नाम िजन चीिन्हया .........................अंग न जायैं मासु ।। ९. कबीर यहु घर ूेम का ............................तब पैसे मािहं ।। १०. ूेम न बारी उपजै ................................सीस दे इ लै जाइ ।। ११. साईं इतना दीिजए ................................साधु ना भूखा जाये ।। १२. तन कौ जोगी सब करैं ..........................जे मन जोगी होइ ।। १३. सेख सबूरी बािहरा ................................ताकौं कहा खुदाइ ।। १४. साधु भया तौ क्या भया ........................भीतरी भरी भंगािर ।। १५. कर पकरें अंगरु ी िगनैं ...........................सो भया काठ की ठौर ।। (ख) सूरदास के पद - १. जसोदा हिर पालने झुलावे..........................सो िनत जसुमित पावै ।। २.िसखवत चलन जसोदा मैया........................ूताप िबलसत नँदरै या ।। ३. संदेसो दे वकी सो किहयो...........................मोहन ह्वै है करत संकोच ।। ४. गोकुल सबै गोपाल उपासी.........................माँिग मुिक्त छाँड़ै गुन-रािस ।। ५.अँिखया हिर दरसन की भूखी......................चलावहु ये सिरता हैं सूखी ।। ६. जोग ठगौरी ॄज न िबकैही........................साँवरे को िनरगुन िनरबैहै ।। (ग) तुलसीदास के पद – १. कबहुंक अंब अवसर पाइ............................तव-नाथ-गुनगन गाइ ।। २. ऐसी मूढ़ता या मन की.............................करहु लाज िनज पन ।। ३. अब लौं नसानो अब न नसइहौं...................पद कमल बसइहौं ।। ४. बरन धमर् नहीं आौम चािर.....................तेइ बकता किलकाल महुं ।। ५. अबला कच भूषण भूिर छुधा...................हिर नाम ते पाविहं लोग ।। ६. इहां न पच्छपात कछु राखउं ...................पद ूीित सदा अिबछीन ।। (घ) िबहारी के दोहे – १. मेरी भव बाधा हरौ...................................ँयाम हिरत दिु त होई ।। २. अधर धरत हिर के..................................इन्िधनुष रं ग होित ।। ३. तिज तीरथ, हिर.....................................पग-पग होित ूयाग ।। ४. िचर जीवौ जोरी......................................वे हलधर के बीर ।। ५. बतरस लालच लाल के.............................दै न कहैं निट जाई ।। ६. चटक न छाड़त.......................................चोल रं ग चीर ।। ७. दस ु ह दरु ाज ूजानु..................................मावस रिव चंद ु ।। ८. िजन िदन दे खे वे....................................अपत कँटीली डार ।। ९. को छुटयो इिह जाल................................त्यौं- त्यौं उरझत जात ।। १०. ःवारथु ,सुकृत न ,................................पच्छीनु न मािर ।। ११. कर कै मीड़ैं ..........................................नीिठ िपछानी जाय ।। १२. पऽाहीं ितिथ पाइयत...............................आनन ओप उजास ।। १३. जाित मरी िबछरी..................................अरी जरी यह ूीित ।। १४. दृग उरझत टू टत...................................दई नई यह रीित ।। १५. तो पर वारौ उरबसी...............................उरबसी समान ।। Semester – III िहन्दी सािहत्य का इितहास 100 marks Module – I: िहन्दी सािहत्य का आधुिनक काल 50 marks क) नवजागरण-अथर् एवं ःवरूप , नवजागरण-युग की िवशेषताएँ ,भारतेन्द ु हिरश्चंि का योगदान। ख) िद्ववेदी-युग की ूमुख िवशेषताएँ। किव पिरचय- हिरऔध, मैिथलीशरण गुप्त। ग) छायावाद युग की ूमुख िवशेषताएँ, छायावाद तथा ःवच्छं दतावाद में अंतर। किव पिरचय- ूसाद, पंत, िनराला तथा वमार्। घ) ूगितवाद- युग की ूमुख िवशेषताएँ। किव पिरचय- िदनकर तथा नागाजुन र् । ङ) ूयोगवाद तथा नई किवता की ूमुख िवशेषताएँ। किव पिरचय- अज्ञेय, केदारनाथ अमवाल तथा दंु यंत कुमार। Module –II: आधुिनक-काव्य क) जयशंकर ूसाद – १. ले चल मुझे भुलावा दे कर २. िहमािी तृंग ौृग ं ख) सुिमऽानंदन पंत – १. बादल २. गीत- िवहग ग) सूयक र् ांत िऽपाठी ‘िनराला’१. जागो िफर एक बार २. राजे ने रखवाली की घ) महादे वी वमार् – १. मैं नीर भरी दख ु की बदली २. बीन भी हूँ मैं ङ) नागाजुन र् - १. गुलाबी चुिड़याँ २. िघन तो नहीं आती च) अज्ञेय१. उड़ चल हािरल २. कलगी बाजरे की छ) दंु यंत कुमार- १. हो गई है पीर पवर्त-सी २. उगते सूयर् से 50 marks Semester-IV गद्य िवधाएँ एवं सािहत्य-िसद्धांत 100 marks Module – I: गद्य िवधाएँ- 50 marks क) िनबंध का उद्भव एवं िवकास १. बालमुकुंद गुप्त – पीछे मत फेंिकए २. आ॰ हजारी ूसाद िद्ववेदी- कुटज ३. िवद्यािनवास िमौ – मेरे राम का मुकुट भींग रहा है ख) संःमरण:अज्ञेय –बसंत का अमदत ू ग) याऽा वृत्तांत:- अमृतलाल बेगड़- सौंदयर् की नदी नमर्दा Module –II: सािहत्य-िसद्धांत 50 marks क) शब्द एवं शब्द-शिक्तयों की पिरभाषा तथा भेद- अिभधा, लक्षणा, व्यंजना (ध्विन)। ख) रस का ःवरूप, ूकार एवं अवधारणा। ग) अलंकार की पिरभाषा एवं िनम्नांिकत अलंकार- उपमा, रूपक, श्लेष, यमक, उत्ूेक्षा, अनुूास तथा अितँयोिक्त। घ) ूतीक एवं िबम्ब। ङ) काव्य-गुण। Semester-V ूयोजनमूलक िहन्दी के िविवध-रूप 100 marks क) ूयोजनमूलक िहन्दी का अिभूाय, उपयोिगता तथा ूयोग के क्षेऽ। ख) राजभाषा िहन्दी की संवैधािनक िःथित; राजभाषा अिधिनयम-१९६३ ; राजभाषा संकल्प-१९६८; राजभाषा िनयम-१९७६; सामान्य जानकारी। ग) ूशासिनक पऽाचार: आवेदन, आलेखन, अिधसूचना तथा ूितवेदन-लेखन। घ) िवज्ञापन-लेखन:-अथर् एवं पिरभाषा, भेद, उपयोिगता, ूिविध एवं िवज्ञापन-नमूना। ङ) समाचार तथा िरपोटर् में अंतर; संवाददाता की योग्यताएँ एवं दाियत्व। च) ूूफ़ संशोधन: ूूफ़ कायर् का सामान्य पिरचय; ूूफ़ संशोधन के संकेत और पद्धित; ूूफ़ संशोधन व्यवहार। छ) पािरभािषक शब्दावली: १५० शब्द। ज) कम्प्यूटर: िहन्दी साफ्टवेयर। Semester-VI झ)