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ज़ाएके की आवाज़

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ज़ाएके की आवाज़
ज़ाएके की आवाज़
(मह रूऩक ज़ाएके के भानवीकयणऩय आधारयत है अत: ज़ाएके के रूऩ भें एक
ऐसी ऩरु
ु ष वॉएस रे जो वससटाइर हो औय भबन्न भबन्न ज़ाएके को ननरुपऩत कय
सके.)
(सॊगीत)
(दीवाय घड़ी भें यात के फायह फजने के कायण फायह घॊटों की आवाज़,खयासटों की
आवाज़ ऩय सऩ
ु रयम्ऩोज़ होती हुई एक फेस वारी आवाज़ उबयती है .)
ज़ाएका खान –
नभस्काय.आऩ सफ का स्वागत है सष्ृ टट अऩाटस भेंट्स
भें .इराहाफाद शहय के फेहद ऩाश इराके भें फनी इस आठ भॊष्जरा
बफष््डॊग के फ्रैट नम्फय 201 भें यहता है शभास ऩरयवाय.भै इस सभम
इसी आरीशान फ्रैट से फोर यहा हॉ.आऩ सोच यहे होंगे कक यात के
फायह फजे जफ सफ रोग खा- ऩीकय सो यहे हैं भझ
ु े फकफक कयने
की जरूयत क्मों भहसस हुई?जी जनाफ सही पयभामा आऩने ऩय भै
करूॊ क्मा?इस घय के रोग साया ददन भेये फाये भें ही तो फात कयते
यहते हैं.ददन बय भेयी ही फात चरती है ऩय भझ
ु े कुछ फोरने का
भौका नही भभरता.अये भै अऩना ऩरयचम तो दे डारॉ .भैं हॉ इस घय
के खाने का ज़ाएका ...प्माय से आऩ भझ
ु े ज़ाएका खान कह सकते
हैं.स्वाददटट खाने के फेहद शौ़ीन रोगों के इस घय के सदस्मों का
पेवये ट हॉ भैं. आइए भभरवाता हॉ आऩको इस घय के रोगों से.
(नाट्म द्रश्म--घय भें टीवी ऩय न्मज़ चर यही है,ये डडमो ऩय गाने बी फज यहे
है ,दादी जोय-जोय से ऩजा कय यही हैं,घय भें एक फच्ची जोय जोय से ऩहाड़े माद
कय यही है )
1
भभसेज़ शभास : (आवाज़ रगाते हुए )यीना अयी ओ यीना! चाम फन गई
क्मा?आज नाश्ते भें भेथी के ऩयाठे रॊगी भैं.औय तेये ऩाऩा को
भॉग स्रोउट्स भें हयी भभचस,टभाटय,धननमा डार कय दे
दे ना.गुडड़मा आज ऩनीय की बष्ु जमा रेगी नाश्ते भें सो उसके
भरए दध पाड़ कय ताज़ा ऩनीय फना दे .फासी ऩनीय भें स्वाद
नही आता. क्मों ठीक कह यही हॉ न गुडड़मा?औय हाॉ तेये
ऩाऩा के भरए हरआ
बी फना रेना. सभु भत के ऩेट भें ददस है
ु
सो उसके भरए भग
ॊ की खखचड़ी फनेगी.अये सभु भत अबी सो
कय उठा मा नही?सभु भत ओ सभु भत !रगता है अबी सो कय
ही नही उठा रड़का...अये आऩ अखफाय ही ऩढते यहें गे मा फेटे
के ऩास जाकय हार बी ऩछे गे?अये यीना भभॊटी के भरए
सैंडपवच तैमाय ककमा मा नही? उसकी स्कर फस फस आने
वारी होगी.
ज़ाएका खान – (हॉ स कय) तो मह हैं भभसेज़ शभास.ऩये घय भें ककसको कफ क्मा
खाना है इसकी चचॊता हय सभम इन्हें यहती है .खाना अगय
स्वाददटट न हो तो घय सय ऩय उठा रेंगी. इस घय भें हय
आदभी जाएकेदाय खाने का शौ़ीन है रेककन हय आदभी की
ऩसॊद का जाएकेदाय खाना फनाने की ष्ज़म्भेदाये यीना की है
जो इस घय की फह है औय जो घय भें सफसे कभ फोरती है .
यीना :
भाॉ जी नाश्ता रग गमा है टे फर ऩय.चभरए नाश्ता कय रीष्जए.
नये शन :
मह थी यीना जी.जो इतना कभ फोरती है भानो साइॊस का कोई
छोटा सा पोभर
ुस ा फोर यही हों जैसे F=ma.आज की मह गुभसभ
ु
यीना शभास फस छह भहीने ऩहरे ही तो यीना भीयचॊदानी थी.केभभस्री
2
से एभ.एस.सी ऩास,ऊॊचे खानदान की यीना भीयचॊदानी मननवभससटी भें
स्टाय थी.ऩढाई के साथ सॊद
ु यता भें अव्वर यीना भीयचॊदानी ने
कैम्ऩस सेरेक्शन के भरए मननवभससटी आई भ्टीनेशनर कम्ऩनी के
मश शभास ऩय ऐसा जाद ककमा कक छह भहीने फीतते फीतते ऊॊचे
करयमय के सऩने दे खने वारी यीना भीयचॊदानी, यीना शभास फन सष्ृ टट
अऩाभेंट्स के इस फ्रैट भें आ गई इस वामदे के साथ कक यीना
केवर हाउसवाइप फन कय जीवन बफताएॊगी.दोस्तों,इश्क का बत
होता ही ऐसा है ऩय इश्क के ऩागरऩन भें हॉउसवाइप फन कय
यहने का वामदा फड़ा भष्ु श्कर ऩैदा कय यहा है यीना के जीवन
भें .ककचन के काभो को नाऩसॊद कयने वारी यीना अफ सफ
ु ह शाभ
ककचन भें खाना-नाश्ता फनाती है .हय फाय उसे अऩनी पस्टस क्रास
केभभस्री की डडग्री फहुत माद आती है .कहाॉ वो केभभस्री रैफ,टे स्ट
ट्मफ,एभसड-फेस के ऩसॊदीदा सोरश
ु न्स कहाॉ अफ ककचन की
यै क्स,कढ़ाई-कयछुर,दार-भसारे औय घय वारों की तयह-तयह की
डडश की पयभाइशें.यीना फहुत गुभसभ
ु यहने रगी है. भन कयता है
सफ कुछ छोड़ कय चरी जाए अऩने परम केभभस्री डडऩाटस भेंट.ऩय
मश को छोड़ कय यहने की क्ऩना बी भष्ु श्कर है .कपय क्मा कये
यीना? आज यीना काभ कयके इतना थक गई है कक उसने खाना बी
नही खामा. चभरए यीना को जगाते हैं.
(स्वप्न को ननरुपऩत कयता हुआ सॊगीत)
क्म : (पसपुसाके)यीना जी !अयी ओ यीना जी!
यीना : (नीॊद भें )कौन है ?
क्म : भै हॉ ज़ाएका खान.
यीना: कौन ज़ाएका खान?
3
क्म: अये आऩके खाने का ज़ाएका.
यीना : ऊॊ sss भै सो यही हॉ .
क्म: अये उदठए औय भझ
ु से फातें कीष्जए.
यीना: नही भै सो यही हॉ ज़ाएका खान.
क्म : आज आऩ बफना खाना खाए सो गई तो भैंने सोचा भै आऩको जगा दॉ .
यीना: नही भै नही उठॉ गी भझ
ु े खाना फनाने से नपयत है औय मही काभ भझ
ु े
योज कयना ऩड़ता है ककचेन भें घॊटों-घॊटों.भझ
ु े केभभस्री रैफ जाना है
ऩीएचडी कयनी है .I hate kitchen.
क्यू : नही रीना जी ककचेन नफरत करने की नही बल्कक प्यार करने की चीज़
है .औय केभभस्री तो आऩके ककचेन भें बी फसती है .
यीना : क्मा फेवकपी की फात है
क्म : अये रुककए.जया गौय कीष्जए अऩनी भसारे की डडष्बफमों ऩय.फहुत साइॊस
फसती है इनभे.आऩ अऩनी दादी सास की भदद क्मों नही रेती इसभें ?
यीना: ठीक है कर दे खॉगी आज सोने दो.
(स्वप्न को ननरुपऩत कयता हुआ सॊगीत)
ज़ाएका खान : (हॉ स कय) नही उठी यीना जी.ऩय सराह तो भैंने दे ही डारी है
जी.हो सकता है दादी जी यीना की ऩये शाननमाॉ दय कय सके.दादी जी
के पऩता आमव
ु ेदाचामस थे.सो दादी जी ने बी सन
ु -दे ख कय इतना
कुछ सीख भरमा कक सफके फीच घये र वैद्म के नाभ से पेभस हो
4
गईं.चभरए दे खेंगे कक कर सफ
ु ह यीना जी औय दादी भाॉ भें क्मा
फात होती है .
(नाट्म-द्रश्म)
क्म :दादी जी सभु भत बैमा के ऩेट भें ददस है आज कारेज बी नही गए.
दादी : सन
ु यसोई से जया सी हीॊग अजवाइन रे आ औय ऩानी के साथ सभु भत
को दे दे , आयाभ भभर जाएगा.(फड़े प्माय से) यीना फेटा तुभने नाश्ता ककमा कक
नही ?
क्म :कय भरमा दादी.
दादी :अये कहाॉ फेटा?मह एक सखी सी ब्रेड को नाश्ता कहोगी तभ
ु ?सफके भरए
इतना कुछ फनाने वारी खद
ु फस एक ब्रेड खा कय यह जाएगी.ना फेटा मह ठीक
ना है.
(यीना योने रगती है )
दादी: क्मों योने रगी फेटा? उदास न हो फेटा तेयी सास कड़ा फोरती जरूय है ऩय
ददर की फयु ी ना है .
यीना: दादी भै केभभस्री भें ऩी.एच.डी कयना चाहती हॉ ऩय भाॉ जी भानती ही
नहीॊ.
दादी: फेटा तेयी सास अगय आज स्वस्थ होती तो तुझे कबी न योकती ऩय फेचायी
का ऐसा एक्सीडेंट हुआ कक चरने कपयने भें राचाय हो गई.फस मही उसके
चचडचचडेऩन का कायण है .चचॊता भत कय फेटा डॉ.ने कहा है वो छह सात भहीने
भें बफरकुर ठीक हो जाएगी.तफ त आयाभ से ऩीएचडी कय रेना,योज जाना
अऩनी केभभस्री रैफ भें ऩय फेटा एक फात कहॉ ?
यीना: जी दादी.
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दादी : फेटा अऩना ककचेन बी ककसी रैफ से कभ नही है .तुभ आजकर की
रडककमाॉ ककचेन को कभ भहत्व दे ती हो ऩय कबी ककचेन केभभस्री बी सीखने
की कोभशश कयके दे खो.
यीना: ककचेन केभभस्री?
दादी : हाॉ एक फाय अऩने यसोईघय को रैफ का दजास दे कय तो
दे ख.ऩया पवऻान
सभामा है सबजी-परों की इन टोकरयमों भें ,दार-चावर के डडबफों भें ,भसारों की
डडष्बफमों भें .
यीना: (हॉ स कय ) ककचेन केभभस्री की फात तो फड़ी योचक है दादी.भैंने एक
आदटस कर बी ऩढ़ा था कक आज कर पाइटोकेभभक्स मानी ऩादऩ यसामनों का
रमोग ककस तयह योगों के उऩचाय भें ककमा जा यहा है.भेयी एक सहे री है भशवा
जो ऩहरे फहुत भोटी थी,उसे ऩैयों भें ददस की बी ऩये शानी थी ऩय एक
न्मदरशननस्ट ने केवर उचचत फ़ड-प्रान से उसे न केवर स्वस्थ ककमा फष््क
उसका वज़न बी फहुत कभ हो गमा.अफ तो वो एकदभ ष्स्रभ हो चक
ु ी है .
दादी: तो चर आज से त उदासी से रयश्ता तोड़
यीना: (हॉ स कय )औय ककचेन-केभभस्री से रयश्ता जोड़ (दोनों की हॉसी ).ठीक है
दादी तो आज से इस भाभरे भें आऩ भेयी टीचय हुईं.
दादी: (हॉ स कय) अबी तक घये र वैद्म कहराती थी अफ तने टीचय बी फना
ददमा.तो चर शरु
ु आत भसारे से कयते हैं.
यीना: बायत को भसारों का दे श कहा जाता है औय केयर याज्म भें सफसे अचधक
भसारे ऩैदा होते हैं.वैसे मह तो भै जानती हॉ कक भसारे बोजन का स्वाद फढ़ाने
के साथ उसके हाननकायक फैक्टीरयमा को बी खत्भ कय दे ते है .
दादी : फता आज तने ऩयाठे ककस चीज़ के फनाए है ?
6
यीना: भेथी के साग के.
दादी : ककतने स्वाददटट ऩयाठे फनते है भेथी के.स्वाद के साथ स्वास्थवधसक
बी.भेथी दाने तो शग
ु य की फीभायी ष्जसे डामबफटीज़ बी कहते हैं उसभे याभफाण
हैं.औय इनके सेवन से खन भें कोरेस्रॉर की भात्रा बी ननमष्न्त्रत होती है .
यीना: दादी वैसे आजकर भेथी का आ्टयनेदटव भेडडभसन के रूऩ भें रमोग
कापी होने रगा है .फाजाय भें भेथी-दाने के कैप्सर बी भभरने रगे हैं.
दादी : भेथी का रमोग फार झड़ना योकने के भरए बी ककमा जाता है .औय यीठाभशकाकाई के साथ भेथी दाने का ऩाउडय फना कय फार धोने के शैम्ऩ के रूऩ भें
इस्तेभार ककमा जाता है .जोड़ो के ददस से बी ननजात ददराने भें भेथी सहामक है .
(डोय-फेर फजने की आवाज़)
भभसेज़ शभास: यीना दे ख कोई आमा है .दयवाजा खोर दे .
यीना: जी भाॉ दे खती हॉ .(दयवाजा खर
ु ने की आवाज़)
भशवा: है रो यीना.
यीना : हाई भशवा !त एकदभ से महाॉ?आज अबी तेयी ही फात हो यही थी दादी
जी से.
दादी: अयी मही है तेयी सहे री भशवा ष्जसने न्मरीशन पवशेषग्म डॉ.अखखरेश से
सराह रेकय स्वास्त्म राब ककमा.
भशवा : जी दादी.तफसे भै खाने की दीवानी हो गई.सही बोजन आश्चमसजनक
स्वास््म ऩरयणाभ दे ता है .
यीना :आज भै दादी से भसारे के औषधीम गण
ु ों ऩय चचास कय यही हॉ .
भशवा :अये वाह.भैं बी सीखॉगी.
7
दादी : अजवाइन उरटी-दस्त,ऩेट ददस ,दहचकी भें राबदामक है.हभाये फाफजी फतामा
कयते थे कक मह रकवा,सीने भें ददस,रीवय,गुदे औय प्रीहा सम्फन्धी योगों
भें पाएदा कयती है .ष्जन भयीजों को गुदे भें ऩथयी होती थी उन्हें अजवाइन
को शहद के साथ सेवन फताते थे.फड़े नाभी वैद्म थे हभाये फाफजी.
भशवा: दादी जी भेये डॉ अखखरेश कारी भभचस को फहुत भहत्व दे ते हैं.उनका
कहना है कक कारी भभचस औय अदयक के यस के सेवन से फदहजभी औय
सदी दय होती है.
दादी : बफरकुर ठीक है .कारी भभचस ऩाउडय को शहद के साथ भभरा कय खाने से
बख खुरती है.कारी भभच को ऩानी के साथ नघस कय भह
ु ासे ऩय रगाने
से आयाभ भभरता है औय दाग नही ऩड़ते.कारी भभचस ऩाउडय को दे सी घी
के साथ भभरा कय रगाने से एक्ज्भा दय होता है.
यीना : हाॉ कुछ बमटी सरनों भें कारी भभचस का तेर नतर के तेर भें भभरा
कय उसकी स्टीभ डी जाती है .रोग फताते हैं कक उससे भासऩेभशमों के ददस
औय आथसयाइदटस भें आयाभ भभरता है .इससे खन का दौयान बी फढता है.
दादी : हीॊग भें बी फहुत भहत्वऩणस यसामन भभरते हैं.कैष््समभ,आमयन औय
अन्म रवण से सभद्ध
ृ हीॊग बोजन का स्वाद फढाने के साथ भरेरयमा
फख
ु ाय से रड़ने भें बी सहामक है.मह श्वासनरी सम्फन्धी
फीभारयमों,अऩच,भत्र सम्फन्धी पवकायों औय कप योगों भें राबरद है .
यीना : आज भाॉ की माद आ गई.वो कढ़ी भें हीॊग का ऐसा स्वाद दे ती थी कक
उॊ गभरमाॉ चाटते यह जाओ.औय कढ़ी भें कढ़ी ऩत्ते का स्वाद बी अनोखा
होता था.
दादी: कढीऩत्ता खन भें कोरेस्रॉर की भात्रा कभ कयता है.मह डामबफटीज़ भें बी
पामदा कयता है.इसके सेवन से फार चगयने बी फॊद होते हैं.औय तेयी भाॉ
की फनाई कढ़ी का स्वाद तो फढ़ाता ही है .(हॊ सी)
8
भशवा :आॊटी के हाॉथ के जीये वारे आर बी तो कभार के होते हैं.
दादी :जीया केवर स्वाद ही नही दे ता फष््क ऩाचक बी होता है .मह एॊटीसेष्प्टक
बी होता है औय जक
ु ाभ फख
ु ाय से ननजात ददराने भें सहामक होता
है .कारा जीया भसयददस औय दाॊत ददस भें सहामक है .
भशवा : भारभ है यीना डॉ.अखखरेश कह यहे थे कक जीये के एक छोटे से फीज भें
सौ से बी अचधक यसामननक अवमव होते हैं ष्जनभे सबी आवश्मक पैट्टी
एभसड ऩाए जाते हैं जो कोभशकाओॊ के ननभासण औय राक्रनतक इॊटयपेयॉन
के ननभासण भें सहामक होता है .कारा जीया जफ शहद औय रहसन
ु के साथ
भरमा जाए तो मह योग रनतयोधक ऺभता को फढ़ाता है औय एस्थभा के
योग भें आयाभ ऩहुॊचाता है .
यीना : ककतने गण
ु बये है भसारों भें . वैसे ह्दी बी एॊटीसेष्प्टक का काभ कयती
है .ह्दी तो चोट भें बी पामदा कयती है औय त्वचा ननखायने भें बी
सहामक है .भेयी शादी भें खफ ह्दी रगी थी भेयी त्वचा ऩय.(हॊ सी)
भशवा : ह्दी कैंसय को दय बगाने भें बी सहामक भाना गमा है .
दादी : अये सबी भसारे ड़ार कय जफ खाना फनता है तो बैमा भज़ा ही आ
जाता है .दारचीनी,इराइची, रौंग दार कय जो भसारे वारी चाम हभाये
भइके भें फनती थी उसका स्वाद दय तक भशहय था.इराइची ऩाचक होने
के साथ भॊह
ं को योकने के साथ कबज बी दय कयने भें सहामक
ु की दग
ु ध
है वही दारचीनी एॊटीओष्क्सडेंट है औय टाइऩ २ डामबफटीज़ योकने भें बी
सहामक है .रौंग भॊह
ं का नाश कयने के साथ राक्रनतक
ु की दग
ु ध
अनेस्थेदटक का कामस बी कयता है .
9
भशवा:
डॉ अखखरेश ने एक ककताफ भरखी है “फढ़
ु ाऩा दय यखें ” इसभें
उन्होंने सौंप को एॊटीएष्जॊग भें सहामक कहा है.मह भोटाऩे को दय
बागने के साथ ऩाचक बी है . गुदे की ऩथयी गराने भें बी सौंप का
रमोग ककमा जाता है .
यीना : वो ककताफ भझ
ु े बी चादहए भशवा.
दादी : यीना भै तुम्हे अऩने फाउजी की भरखी ककताफ बी ददखाऊॊगी ष्जसभे मह
सफ कुछ पवस्ताय से भरखा है.इसभें भरखा है कक हयद फवासीय,कबज औय
ऩेचचश जैसे योगों भें राबरद है .कैंसय तक से दय यखने भें मह सहामक
है .प्माज के गुणों के फाये भें फाउजी भरखते है कक मह शयीय भें यक्त
सॊचाय भें सहामक है तथा सदी ज़क
ु ाभ भें राबरद है .रहसन
ु को
कोरेस्रॉर को कभ कयने भें सहामक भाना गमा है .औय
तर
ु सी,अदयक,भर
ु ेठी का रमोग तो गरा खयाफ होने ऩय सबी कयते हैं.
यीना : दादी वो ककताफ भझ
ु े चादहए.
भशवा: नही दादी वो ककताफ भै रॊगी.
दादी : अये नही बई वो ककताफ भेये फाउजी की ननशानी है वो ककताफ भै ककसी
को नही दॉ गी.
यीना : ऩय कुछ सभम के भरए वो ककताफ भझ
ु े आऩको दे नी ही ऩडेगी.
दादों: वो कफ ?
यीना : जफ भै केभभस्री भें ऩीएचडी करूॊगी.
दादी: तो उसभे भेये फाउजी की ककताफ का क्मा काभ?
यीना: क्मों कक भेयी थीभसस का पवषम होगा “ककचेन केभेस्री”
10
दादी: (हॉ स कय) तो सभझ आ गमा ककचेन केभेस्री का भहत्व?
यीना: जी दादी अफ ककचेन ष्जॊदाफाद,ककचेन केभेस्री ष्जॊदाफाद.(सफकी हॊ सी)
ज़ाएका खान:
तो यीना को ककचेन का भहत्व सभझ भें आ गमा.अये बई
कहा जाता है कक ऩयी दनु नमा ही ऩेट के भरए चरती है औय
ऩेट कबी ककचेन के बफना बय सकता है क्मा? इसीभरए तो
यीना का मह ऩरयवतसन फहुत सख
ु कय है.जाएका खान की
तयप से यीना को ढे यों शब
ु काभनाएॉ औय आऩ सबी के भरए
अच्छे स्वास््म की काभनाएॉ.आऩ सबी के जीवन का ज़ाएका
हभेशा फना यहे .ज़ाएका खान की ओय से नभस्काय.
11
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