येडडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक एपऩसोड संख्मा - 13
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येडडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक एपऩसोड संख्मा - 13
ये डडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक एपऩसोड संख्मा - 13 एपऩसोड शीषषक - जीवनयऺक कृत्रिभ काफषननक मौगगक अवधध : 25 ममनट स्क्रिप्ट : डॉ ई.आर. सुब्रह्मण्यम समन्वयक : श्री बी.के. त्यागी ह द िं ी अनुवाद : डॉ ववनीता मसिंघऱ ऩात्र ऩररचय 1- डॉ सुधीर कुमार : गिककत्सक 2- डॉ माधुरी : काफषननक यसामन की व्माख्माता 3- प्रततभा : भाधुयी व सुधीय की ऩुिी, फीएससी की छािा 4- सिंदीऩ : काफषननक यसामन का ऩीजी छाि 5- डॉ प्रकाश : वैऻाननक SIGNATURE TUNE …………………… FADE OUT ऩरमाणु : (Welcome + Recap + Intro) प्माये श्रोताओ.. नभस्ते... श्रोताओं, आऩको माद होगा कक ये डडमो धायावाहहक के पऩछरे अंक भें हभने काफषननक औय अकाफषननक अणुओं ऩय योिक ििाष सुनी। आज हभ एक फाय कपय फात कयें गे ऑगेननक मानी काफषननक अणुओं के फाये भें .... रेककन ऐसे काफषननक मौगगक, जजन्हें कुदयत ने नहीं फजकक इंसान ने प्रमोगशाराओं भें तैमाय ककमा...। हारांकक कापी सभम तक मही भाना जाता था कक काफषननक यसामनों को प्रमोगशाराओं भें नहीं फनामा जा सकता। फाद भें मे सभथक टूटा सन 1828 भें .. जफ एक जभषन वैऻाननक व्होरय (Wohler) ने फतामा कक अगय रेड साइनेट को अभोननमा के साथ सभरामा जाता है तो एक जाना ऩहिाना काफषननक मौगगक मूरयमा फनता है , जजसे फहुत ऩहरे सन 1780 भें याउरे ने भानव भूि से अरग ककमा था। इस तयह व्होरय ने ऩहरी फाय प्रमोगशारा भें काफषननक मौगगक फनामा। हारांकक, ऐसे मूरयमा फनाने के तयीके को उस दौय के प्रभुख कैसभस्टों ने भान्मता दी थी, रेककन जीवन शजतत का ससद्ांत कपय बी ऩूयी तयह से खत्भ नहीं हुआ था। सन 1845 भें कोकफे ने रैफ भें एसीहटक अम्र फनामा औय सन 1856 भें फदीरॉट (Berthelot) द्वाया भीथेन का संश्रेषण कयने के फाद ही जीवनशजतत के ससद्ांत का अंत हुआ। आज हभाये ऩास फड़ी संख्मा भें प्रमोगशारा भें ननसभषत काफषननक मौगगक ह।। उनभें से अनेक यसामनों का प्रमोग फीभारयमों के इराज औय भानवता की यऺा के सरए ककमा जाता है । प्रमोगशाराओं भें फने काफषननक मौगगकों के फाये भें औय ज्मादा योिक तथ्मों को जानने के सरए आइमे िरते ह। भशहूय डॉतटय सध ु ीय कुभाय के घय। SCENE – ONE (सबु का वक्त, डॉ सुधीर का घर) डॉ सुधीर : भाधुयी, आज यपववाय है । आऩके कारेज की छुट्टी बी है । तमों न हभ शाभ को कहीं घूभने िरें ? माधुरी : ठीक है, िरते ह।। अबी प्रनतबा बी आ जाएगी। रेककन आऩ ... तमा आऩको आज अऩने अस्ऩतार नहीं जाना है ? डॉ सुधीर : नहीं, भाधुयी। आज भ। अस्ऩतार नहीं जा यहा हूं। भ।ने अऩने जूननमय को वार्डषस का दौया कयने को कह हदमा है । उन्हें जरूयत ऩड़ेगी तो भुझसे पोन ऩय फात कय रें गे। इससरए भ। तो त्रफककुर फ्री हूं। माधुरी : अगय आऩने सफ कुछ सोि ही सरमा है तो ठीक है ... नाश्ता बी तैमाय है । रेककन मे प्रनतबा कहां िरी गई ? (ऊिंचे रवर में ) प्रनतबा....प्रनतबा... कहां हो तुभ? प्रततभा : (कुछ दरू से धीरे -धीरे करीब आती आवाज) महां हूं भां, अबी आई। भ। बी नाश्ते का इंतजाय ही कय यही थी। (बततन खिसकाने व कुमसतयािं खिसकाने की आवाज़) डॉ सुधीर : अये वाह! तमा फात है ! आज तो भेया ऩसंदीदा नाश्ता फना है .. ऩयाठे , हयी सब्जी...औय अंकुरयत िने...। माधुरी : भुझे ऩता है , आऩको नाश्ते भें मह फहुत ऩसंद है । प्रततभा : भझ ु े बी मह फहुत ऩसंद है , भां। माधुरी : हां, ठीक है .. ठीक है .. भ। दध ू रेकय आती हूं। (चऱने की आ ट बततनों की आवाज़) प्रततभा : ऩाऩाजी, आऩने संदीऩ को आज हभाये घय ऩय आने को कहा था। आऩको माद है ना ? डॉ सध ु ीर : अये हां ! भ। तो बर ू ही गमा था। भ।ने आज उसे 9 फजे आने को कहा था। अच्छा ककमा.. भझ ु े माद हदरा हदमा। 9 फजने ही वारे ह।। वह कबी बी आ सकता है । प्रततभा : ऩाऩाजी, संदीऩ ने भुझे फतामा था कक उसे इंटयनर एसेसभें ट (internal assessment) के सरए यसामन पवऻान पवबाग भें एक प्रोजेतट रयऩोटष जभा कयनी है । उसे भम्भी से बी कुछ जानकायी िाहहए। डॉ सुधीर : ठीक है , आज भेये ऩास कापी सभम बी है । घूभने के सरए तो हभें शाभ को जाना है । (दरवाजे की घिंटी बजने की आवाज) माधुरी : प्रनतबा ... जाओ... जाकय दयवाजा खोरो। रगता है संदीऩ आ गमा। (दरवाजा िोऱने की आवाज़) प्रततभा : नभस्ते संदीऩ। आइमे.. आइमे... अंदय आइमे। सिंदीऩ : है रो प्रनतबा। कैसी हो... तमा अंकर’जी घय ऩय ही ह।? प्रततभा : हां। ऩाऩाजी आज अस्ऩतार नहीं जा यहे ह।। हभ आऩका ही इंतजाय कय यहे थे… औय भम्भी बी घय ऩय ही ह।। सिंदीऩ : वाह.. मे तो भेयी खुशककस्भती है । डॉ सुधीर : अंदय बी आ जाओ संदीऩ अफ... सिंदीऩ : नभस्ते अंकर... नभस्ते आंटी। डॉ सुधीर एविं माधुरी : नभस्ते... नभस्ते.. कैसे हो संदीऩ.. माधुरी : संदीऩ, आओ फैठो । डॉ सुधीर : सिंदीऩ : अफ फताओ संदीऩ। भेये रामक तमा काभ है फताओ... अंकर, भुझे काफषननक मौगगकों ऩय एक प्रोजेतट रयऩोटष तैमाय कयनी है । उसभें दवाइमों भें इस्तेभार होने वारे काफषननक मौगगक औय हभायी जजंदगी भें उनकी उऩमोगगता ऩय जानकायी दे नी है । डॉ सुधीर : ठीक है , संदीऩ। मे तो एक फहुत अच्छा औय योिक पवषम है । भाधुयी बी इसभें आऩकी भदद कयें गी। आयाभ से फैठो। वह अऩना यसोई का काभ खत्भ कयके आती ही होंगी। (कुछ ऊिंचे रवर में ) सुनो प्रनतबा...मे पवषम आऩको बी कापी भजेदाय रगेगा। (चऱने की आवाज़.. करीब आती ु ई) माधुरी : रीजजए भ। बी आ गई। प्रततभा : ...( िं सते ु ए) औय भ। बी। डॉ सुधीर : अच्छा.. तो फातिीत शुरू कयें ? माधुरी, प्रततभा व सिंदीऩ : जी..जरूय.। डॉ सुधीर : दवाइमों भें प्रमोग ककए जाने वारे काफषननक ऩदाथष प्राकृनतक मा कृत्रिभ दोनों तयह के हो सकते ह।। कुदयती स्रोतों से प्राप्त दवाइमों भें अनेक प्रकाय के एककेरॉमड, ग्राइकोसाइड, पवटासभन औय एंटीफामोहटक होते ह।। ऩेननसससरन औय कोकेन जैसे मौगगक प्राकृनतक उत्ऩाद कहराते ह।। इनभें से कुछ को रैफ भें बी फनामा जाता है । ऩरमाणु : दोस्तो... महां एक फात फहुत गौय कयने वारी है .. वो मे कक .. ऩयभाणु संयिना के ऻान के फाद ही फड़ी संख्मा भें काफषननक मौगगक फनाना संबव हुआ। एक फाय काफषन के ऩयभाणु की संयिना औय इसकी रयंग, िेन औय अनेक फंध फनाने की ऺभता की जानकायी होने के फाद, असंख्म काफषननक मौगगक फनाए जा सकते ह।। कैसभस्ट हय सार स।कड़ों - हजायों मौगगक फनाते ह।। आइए सुनते ह। कक डॉ सुधीय के घय ऩय तमा फातिीत िर यही है । माधुरी : संदीऩ ... प्रमोगशारा भें फनाए गए मौगगकों से पवटासभन, हाभोन औय एंटीफामोहटक जैसी अनेक दवाइमां तैमाय की जाती ह।। डॉ सध ु ीर : क।सय, एिआईवी, भरेरयमा, वाइयर, डामत्रफटीज के इराज के सरए प्रमोग की जाने वारी दवाइमां, सकपा ड्रग्स, एंटीफामोहटक औय एंटीसेजप्टक, मे सबी प्रमोगशारा भें फने काफषननक मौगगकों से ही तैमाय होते ह।। सिंदीऩ : अंकर, जो दवाइमां हभें प्रकृनत से सभर ही जाती ह।, कपय उन्हें रैफ भें फनाने की जरूयत बरा तमों ऩड़ी। डॉ सुधीर : अच्छा सवार उठामा आऩने। वास्तव भें इसके फहुत से कायण ह।। इनभें से एक कायण मह है कक इन मौगगकों की जजतनी ज्मादा भािा भें जरूयत ऩड़ती है , प्रकृनत उतनी फड़ी भािा भें फना ही नहीं सकती। सिंदीऩ : इसका कोई उदाहयण बी हदमा जा सकता है अंकर ? डॉ सुधीर : हां.. हां...तमों नहीं.. इसका एक अच्छा उदाहयण है प्रशांत ऺेि भें उगने वारा मू (yew) नाभ का झाड़ीनुभा ऩेड़। इस ऩेड़ की छार से ननकरने वारे टे तसॉर का प्रमोग कुछ खास तयह के क।सय के इराज भें ककमा जाता है । रेककन कुदयती तौय से हाससर होने वारे टे तसॉर की आऩनू तष फेहद सीसभत है .. तमोंकक एक तो मे ऩेड़ कापी कभ ह। औय धीये धीये फढ़ते ह।, दस ू यी खास फात मे कक छार उतायने के फाद मे ऩेड़ सूख जाते ह।। वैऻाननकों को जफ एक फाय टे तसार की संयिना का ऩता िर गमा तो इसको रैफ भें फनाने भें बी सपरता सभर गई। माधुरी : औय इन मौगगकों ने घातक फीभारयमों से हभायी यऺा कयने भें फेहद अहभ बूसभका ननबाई है । सिंदीऩ : हां, आंटी। अफ तऩेहदक जैसी फीभारयमों के सरए बी दवा उऩरब्ध ह।, जजसके सरए कुछ दशकों ऩहरे तक कोई कायगय इराज नहीं था। डॉ सुधीर : औय हां... कुछ दवाइमां तो प्राकृनतक तौय से हाससर दवाइमों की संयिना भें पेयफदर कयके मा सभराकय तैमाय की जाती ह।। इन्हें सेभी-ससंथेहटक (semi-synthetic) मानी अद्ष- कृत्रिभ दवा कहा जाता है । प्रततभा : ऩाऩाजी. हभाये कैसभस्री के रेतियय ने सेभी-ससंथेहटक ऩेनीससरीन के फाये भें कऺा भें फतामा था। डॉ सुधीर : ठीक है प्रनतबा... हभ रोग फाद भें उस ऩय बी फात कयें गे। माधुरी : ऐसी फहुत सी औय बी दवाइमां ह। जो इस वगष भें आती ह।। अफ तो प्राकृनतक औय पैजतरमों भें फनाई हुई दवाइमों की संयिना भें ऩरयवतषन कयके नए-नए ददष ननवायक, रोकर एनस्थेहटतस, ससम्ऩैथेभाइभेहटतस आहद फनाना संबव हो गमा है । सिंदीऩ : आंटी, ऐसी कौन सी दवाइमां ह। जजनके मौगगक ऩूयी तयह से रैफ भें ही तैमाय ककमे जाते ह।? माधुरी : ऐसी तो फहुत सी दवाइमां ह।। सिंदीऩ : जैसे कक...? माधुरी : भ। फताती हूं, रेककन आऩ इन सफको नोट बी कयते जाना.. सिंदीऩ : हां आंटी, जरूय.. माधरु ी : फात्रफषियु े ट्स (Barbiturates), एंटीहहस्टाभीन (Antihistamines), कुछ एंटी- हाइऩयटे जन्सव्स (Antihypertensives), औय कई साये डाइमयू े हटतस (Diuretics)... मे सबी ऐसी ही दवाइमां ह। जजन्हें रैफ भें तैमाय ककमा गमा है । सिंदीऩ : आंटी, मे दवाइमां का तमा-तमा इस्तेभार होता है ? माधुरी : फात्रफषिुयेट्स वे दवाइमां होती ह। जो केंद्रीम तंत्रिका तंि को रयरेतस कयने का काभ कयती ह।। इनसे हककी भूछाष से रेकय ऩूयी फेहोशी तक हो सकती है । ऩूयी फेहोषी तक। एरोफायत्रफटॉर (Allobarbital) इसका एक उदाहयण है । एंटीहहस्टाभीन वे दवाइमां होती ह। जो हहस्टाभीन के प्रबाव को योकती ह।। आभतौय से एरजी भें आयाभ ऩहुंिाने के सरए इनका प्रमोग ककमा जाता है । एंटी हाइऩयटे जन्सव दवाइमों का प्रमोग उच्ि यततिाऩ के इराज के सरए ककमा जाता है । डाइमूयेहटक दवाइमां गुदों से भूि के प्रवाह को फढ़ा दे ती ह।। डॉ सुधीय : मे सूिी तो फहुत रंफी है । भरेरयमा भें दी जाने वारी कुछ दवाइमां औय सकपोनाभाइड वगैयह। सिंदीऩ : अंकर, प्रमोगशारा भें फने काफषननक मौगगकों को आखखय दवा का रूऩ कैसे हदमा जाता है । डॉ सुधीर : दयअसर... ककसी बी काफषननक मौगगक को दवा के रूऩ भें फाजाय भें उतायने से ऩहरे ढे य सायी रयसिष होती है । दवा ननभाषता को इन दवाओं से आणपवक स्तय ऩय होने वारी किमाओं की जानकायी होनी िाहहमे। साथ ही मे ऩूणष जानकायी होनी िाहहमे कक इन दवाइमों से हभाये शयीय के सभूिे तंि ऩय तमा प्रनतकिमाएं हो यही ह।। माधरु ी : हां... औय कीभोगथयै ऩी का पवकास बी इसी से हुआ। प्रततभा : भम्भी, कीभोगथयै ऩी तमा होती है ? माधुरी : भ। फताती हूं.. संदीऩ आऩ बी नोट कयो। अगधकांश फीभारयमां सूक्ष्भजीवों के कायण होती ह।। शयीय भें प्रवेश कयने के फाद सूक्ष्भजीव फहुत तेजी से फढ़ने रगते ह।। अगय वे शयीय की सुयऺा प्रणारी को दफा रेते ह। तो फीभारयमा ऩैदा हो जाती ह।। इसे मूं कहें कक ऩीडड़त शयीय को कोई नुकसान ऩहुंिाए फगैय संिभणकायी सूक्ष्भजीवों को खत्भ कयने के सरए यसामनों का इस्तेभार ही कीभोगथयै ऩी है । सिंदीऩ : अच्छा ! तो मे यसामन ही दवा कहराते ह। ? माधुरी : हां, ककसी फीभायी को ठीक कयने के सरए मा उसके रऺणों को खत्भ कयने के सरए प्रमोग ककमा जाने वारा तत्व ही औषगध मा दवा कहराता है । डॉ सुधीर : भुझे एक योिक घटना माद आ यही है , जजसने कीभोगथयै ऩी की नींव यखी थी। गेयहाडष डोभेक एक गिककत्सक थे जो जभषनी की डाइ (Dye) पैतटयी भें काभ कयते थे। सन 1935 भें उनकी फेटी स्रे प्टोकोकाई का तेज संिभण हो गमा था। जफ उसकी हारत त्रफककुर नाजुक हो गई थो तो डोभेक ने उसे प्रॉन्टोससर नाभक डाइ (Dye) की एक डोज पऩराई। उस दौय भें मह जानकायी सभर िुकी थी कक इससे िूहों भें स्रे प्टोकोकाई की वपृ द् रुक जाती है । प्रॉन्टोससर की खुयाक सभरते ही उनकी फेटी का फुखाय तेजी से उतयने रगा औय वो फहुत जकदी ठीक हो गई। इस आश्िमषजनक घटना ने न केवर रड़की की जजंदगी फिाई फजकक आधनु नक कीभोगथयै ऩी की नींव बी यखी। डोभेक को 1939 भें गिककत्सा के ऺेि भें नोफेर ऩयु स्काय से सम्भाननत ककमा गमा। सिंदीऩ : मे तो कापी योिक वाकमा है ... इसके फाद डोभेक के अनुबवों से तो फाद के वैऻाननकों को कापी राब सभरा होगा ? डॉ सुधीर : हां, प्रॉन्टोससर के गिककत्सीम प्रबाव ने एक नई याह खोर दी थी। सन 1936 भें अनेस्ट पॉयनीमू (Ernest Fourneau) ने सात्रफत ककमा कक भानव शयीय भें प्रॉन्टोससर पवबाजजत होकय सकपाननरैभाइड (sulphanilamide) फनाती है जो खासतौय से स्रे प्टोकोकाई का खात्भा कयता है । महीं से सकपा ड्रग्स की शुरुआत हुई। सिंदीऩ : अंकर, मे सकपा ड्रग्स होती तमा ह।? डॉ सध ु ीर : सकपा ड्रग्स सकपाननरैभाइड का ही प्रनतरूऩ होती ह।। मे इस तयह के ऩहरे मौगगक ह। जजनका ननभोननमा, टीफी, डडफ्थीरयमा, स्कारेट फख ु ाय जैसी फीभारयमां ऩैदा कयने वारे जीवाणुओं ऩय असय दे खा गमा था। सिंदीऩ : (आश्चयत के साथ) अच्छा... मह कैसे संबव हुआ अंकर? डॉ सुधीर : दयअसर पॉयनीमू ने मे तो फता ही हदमा था कक वास्तव भें सकपाननरैभाइड ही स्रे प्टोकोकाइ को नष्ट कयने का काभ कयता है । उनकी इस खोज ने फेहतय कीभोगथयै प्महू टक प्रबावों वारे सकपाननरैभाइड के दस ू ये प्रनतरूऩों की खोज का यास्ता साप ककमा। इसके फाद तो रगबग हय संबव तयीके से सकपाननरैभाइड की संयिना भें फदराव कयके हजायों यासामननक प्रनतरूऩ तैमाय ककए गए। सकपाननरैभाइड के कुछ फेहद काभमाफ प्रनतरूऩों भें सकपाऩाइयीडडन, सकपाडाइजजन, सकपाग्वानीन, सकपागथआजोर, सकपाएसीटाभाइड वगैयह का नाभ सरमा जा सकता है । सिंदीऩ : अये वाह । माधरु ी : ... आऩको शामद मे भारभ ू होगा कक सन 1938 से ऩहरे हजायों रोग हय सार ननभोननमा से भय जाते थे। 1938 भें सकपा ऩाइयीडीन के रूऩ भें इस जानरेवा फीभायी का फेहतय इराज सभर सका। डॉ सुधीर : त्रफककुर सही कहा भाधुयी आऩने... सन 1941 भें सकपाएसीटाभाइड का सपर प्रमोग urinary tract infections (भूितंि के संिभणों ) के इराज के सरए ककमा गमा। सन 1942 भें मे जानकायी हाससर हो गई थी कक सतसीननर सकपाडाइजोर (Succinyl sulphathiazole) औय फ्थैसररससरपाथाइजोर (phthalylsylphathiazole) से आंतों के संिभण का इराज हो सकता है । मे दोनों ही दवाइमां सकपाथाइजोर (sulphathiazole) फनाने के सरए धीये -धीये शयीय के अंदय ऩानी भें घुर जाती ह।। संदीऩ एवं प्रनतबा : तो हभ सीधे ही सकपागथआजोर का प्रमोग तमों नहीं कयते? डॉ सुधीर : सकपागथआजोर का प्रमोग दस ू ये पवश्व मुद् के दौयान ककमा गमा था। सकपागथआजोर दे कय हजायों घामर सैननकों की जान फिाई गई थी। मह इतनी रोकपप्रम दवा थी कक खुरे घावों ऩय नछड़कने के सरए सैननक सकपा ड्रग्स के ऩैकेज अऩने साथ यखते थे। सिंदीऩ : अंकर, सकपा ड्रग्स कैसे काभ कयती है ? डॉ सध ु ीर : ऩैया अभीनो फें जोइक अम्र उन जीवाणओ ु ं के सरए एक आवश्मक ऩोषक तत्व है जो सकपा ड्रग्स के प्रनत संवेदनशीर होते ह।। इन जीवाणुओं भें भौजद ू एंजाइभ को एक दस ू ये जरूयी मौगगक पॉसरक एससड फनाने के सरए अभीनो फेंजोइक एससड की जरूयत होती है । सकपाननरैभाइड, जीवाणु द्वाया पॉसरक एससड फनाने की प्रकिमा को योकने का काभ कयता है औय इसका नतीजा मे होता है कक जीवाणु भय जाता है । प्रततभा : ऩाऩाजी, ऐसी जस्थनत भें तमा सकपाननरैभाइड इंसानों के सरए नुकसानदे म नहीं होता ? डॉ सुधीर : नहीं ! नहीं !. दयअसर, भनुष्म अऩने सरए पोसरक अम्र खुद नहीं फनाते फजकक वे इसे पवसबन्न बोजन के जरयमे से प्राप्त कयते ह।। इससरए उन ऩय सकपा ड्रग्स का प्रबाव नहीं होता है । सकपा ड्रग्स के इस प्रकाय काभ कयने की पवगध की जानकायी ने फड़ी संख्मा भें अगधक प्रबावी एंटी-भेटाफोराइट की खोज का यास्ता खोरा अथाषत ऐसे यसामन जो भेटाफोराइट के प्रमोग को योकते ह। । मे यसामन साभान्म भेटाफॉसरज्भ का ही हहस्सा होते ह।। माधुरी : संदीऩ ...भुझे रगता है तुम्हाये प्रोजेतट के सरए सकपा ड्रग्स के फाये भें इतना कापी है । अफ हभ कुछ फातें एंटीफामोहटतस के फाये भें बी कय रेते ह।। सिंदीऩ : हां आंटी, एंटीफामोहटतस तमा होती ह।? माधुरी : एंटीफामोहटतस जीवाणु औय पपूंद जैसे सूक्ष्भजीवों द्वाया फनने वारे यासामननक ऩदाथष होते ह। जो सूक्ष्भजीवों की वपृ द् को योकते ह। मा उन्हें नष्ट कय दे ते ह।। हारांकक इनभें से ज्मादातय एंटीफामोहटतस प्रमोगशारा भें फनाई जाती ह।। सिंदीऩ : भेये ख्मार से ऩेननसससरन सफसे अगधक इस्तेभार की जाने वारी एंटीफामोहटतस भें से एक है । डॉ सुधीर : संदीऩ, तमा तुभ जानते हो कक ऩेननसससरन खोज अिानक ही हुई थी। मह पवऻान की फेहद योिक कहाननमों भें से एक है । माधुरी : तमा भ। सुनाऊं वो कहानी ? डॉ सध ु ीर : माधुरी : ठीक है भाधयु ी ... सन ु ाओ। ( ल्की िं सी के साथ) रेककन जया संऺेऩ भें ...। ठीक है .. संऺेऩ भें ही सुनाऊंगी। मे फात सन 1928 की है । तफ एरैतज।डय फ्रेसभंग रंदन के भैयी अस्ऩतार भें अऩनी र्डमूटी ऩय थे। वो कुछ सभम ऩहरे ही अऩने ऩरयवाय के साथ छुहट्टमां भना कय वाऩस रौटे थे। छुहट्टमों ऩय जाने से ऩहरे उन्होंने अऩनी फहुत सायी ऩैरी-डडश भेज ऩय यखीं थीं। दो सप्ताह की छुहट्टमों से वाऩस आने के फाद उन्होंने दे खा कक स्टे कपरोकोकस ककिय की एक प्रेट ऩय इतने हदनों भें पंपंू दी सी उग आ थी। इसकी जांि कयने ऩय उन्होंने ऩामा कक उसने स्टे कपरोकोकस की वपृ द् को योक हदमा था। इसके फाद ककए गए प्रमोगों ने ससद् ककमा कक एक खास भाध्मभ भें पंपूद को उगामा जा सकता है औय ककिय भें एक प्रबावी एंटीफैतटीरयमर ऩदाथष होता है । फ्रेसभंग ने इस एंटीफामोहटक ऩदाथष को ऩेननसससरन नाभ हदमा। सिंदीऩ एविं प्रततभा : अये वाह... तमा फात है ! डॉ सध ु ीर : फ्रेसभंग वास्तव भें भहान थे। फ्रेसभंग ने एक रयऩोटष भें सरखा था, (कुछ गिंभीर आवाज़ में ) ‘‘ ककसी को कबी कबी वह सभर जाता है जजसे वह ढूंढ नहीं यहा होता। 1928 भें 28 ससतम्फय की सुफह उठने के तुयंत फाद, पवश्व की ऩहरी एंटीफामोहटक मा जीवाणुयोधी की खोज कयके गिककत्सा जगत भें िांनत राने की भेयी कोई मोजना नहीं थी। रेककन भुझे रगता है भ।ने ठीक ऐसा ही ककमा।’’ माधुरी : वे फहुत भहान थे। ऩेननसससरन की खोज ने गिककत्सा की दनु नमा को फदर कय यख हदमा। इसके फाद, वैऻाननकों ने अनेक नए-नए एंटीफामोहटतस जैसे कक स्रे प्टोभाइससन, अभीनो ग्राइकोसाइड, टे रासाइजतरन आहद की खोज की। सिंदीऩ : आंटी, सेभी-ससंथैहटक एंटीफामोहटक तमा होती ह। ? डॉ सुधीर : एंटीफामोहटक के प्रबाव को औय बी फेहतय फनाने, उसके साइड इपेतट्स को कभ कयने, जीवाणओं भें प्रनतयोध ऺभता पवकससत होने से योकने औय एंटीफामोहटक स्ऩैतरभ को फढ़ाने के सरए प्राकृनतक एंटीफामोहटक की संयिना भें आंसशक रूऩ से फदराव ककमा जाता है । उन्हें ही सेभी-ससंथैहटक एंटीफामोहटतस कहा जाता है । माधुरी : संदीऩ... तमा आऩने मेकराप्रगादा सुब्फायाव (Yellapragada Subbarao) का नाभ सुना है ? सिंदीऩ : हां आंटी। वे आंध्र प्रदे ष के ऩजश्िभ गोदावयी जजरे भें बीभावयभ भें जन्भे थे। माधुरी : त्रफककुर सही... उन्होंने फहुत सी भहत्वऩूणष औषगधमों की खोज की थी। सुब्फायाव की दे खये ख भें ही फेंजासभन दग्ु गय ने 1945 भें दनु नमा की ऩहरी टे रासाइजतरन एंटीफामोहटक ऑयीओभाइससन की खोज की थी। ऩरमाणु : श्रोताओ... हभ सफको डॉ सुब्फायाव ऩय गवष होना िाहहए। वे एक भहान बायतीम फामोकैसभस्ट थे। उनकी शुरुआती सशऺा याजाभुंदयी भें हुई थी। प्रेसीडेंसी कारेज से इंटयभीडडएट की ऩयीऺा ऩास कयने के फाद, उन्होंने भद्रास भेडीकर कारेज भें दाखखरा सरमा। फाद भें उन्होंने हावषडष भेडडकर स्कूर से डडप्रोभा सरमा औय जूननमय पैतकटी भेम्फय के रूऩ भें हावषडष भें कामषबाय संबारा। उन्होंने गिककत्सा जगत भें कापी अहभ शोधकामष ककमे। उन्होंने क। सय की कीभोगथयै ऩी भें प्रमोग की जाने वारी शुरुआती दवाई भीथोरे तसेज (Methotrexate) पवकससत की, जजसका आज बी गिककत्सा भें प्रमोग हो यहा है । डॉ सुब्फायाव ने हे राजन नाभक दवाई की बी खोज की जजसका उऩमोग डब्कमूएिओ पाइरेरयमा योग के ननदान के सरए कयता है । उनके सम्भान भें अभेरयकन सामनासभड ने एक नई पपूंद का नाभ सुब्फायोभाइसीज यखा। खैय... आइमे कपय से िरते ह। डॉतटय सुधीय के घय। डॉ सुधीर : एक खास फात मे बी है कक फीतते वतत के साथ-साथ जीवाणु कुछ पवशेष एंटीफामोहटक के प्रनतयोधी फन गए। इनके रड़ने के सरमे हभें फेहद शजततसारी एंटीफामोहटतस की जरूयत ऩड़ती है । औय.. भौजूदा वतत भें बी ज्मादा प्रबावशारी एंटीफामोहटतस की खोज जायी है । माधरु ी : एंटीफामोहटतस का संसाय तो अनंत है । (हककी हं सी के साथ) भझ ु े रगता है अफ सबी को िाम की जरूयत रगने रगी होगी... भ। सबी के सरए िाम रेकय आती हूं। ---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------- (कऩ – रिने, चीनी घोऱने की आवाज़) माधुरी : गभाषगयभ िाम.. रीजजमे अऩनी-अऩनी िाम.. औय...मे साथ भें त्रफस्कुट बी। सिंदीऩ : धन्मवाद आंटी। िाम फहुत अच्छी है । डॉ सुधीर : अफ हभ भरेरयमा की दवाइमों के फाये भें कुछ फात कय रेते ह।। संदीऩ.. आऩ इसे बी नोट कय रीजजए। शुरुआत भें भरेरयमा का इराज ससनकोना नाभक ऩेड़ की छार से ककमा जाता था। फाद भें ससनकोना की छार से तवीनीन नाभक एककेरॉमड ननकारा जाने रगा औय इसके तरोयाइड मा सकपेट का उऩमोग रंफे सभम तक भरेरयमा के इराज की खास दवाई के रूऩ भें होता यहा। तवीनीन का स्थान अफ ज्मादा असयदाय दवाइमों ने रे सरमा है । ऩहरे पवश्व मुद् के दौयान औय फाद भें, तवीनीन औय इसके प्रनतरूऩ जभषनी भें ऩरमाणु : उऩमुतत भािा भें उऩरब्ध नहीं थे। इससरए इस दे श के कैसभस्ट्स ने प्रमोगशारा भें भरेरयमा की दवाइमां फनाने का प्रमास ककमा जो कक तवीनीन से अरग थीं। उन्होंने शुरूआत सभथाइरीन ब्रू से की जजसभें कुछ भरेरयमायोधी गुण थे। फाद भें वे भरेरयमा की ऩहरी दवाई ऩाभातवीन फनाने भें सपर हुए। हारांकक, इसके पवषैरेऩन औय तेज भरेरयमा ऩय प्रबावी न होने के कायण इसका प्रमोग सीसभत ही यहा। फाद भें पैतरी भें फनी भरेरयमा की औय दवाइमां साभने आमीं। आइमे, कपय से िरते ह। डॉ सुधीय के घय औय सुनते ह। वहां की ििाष। सिंदीऩ : अंकर, भ।ने सुना है कक भरेरयमा के सरए तो फहुत सायी ऐसी दवाइमां ह। जो ऩूयी तयह से प्रमोगशाराओं भें ही फनाई गई ह।। डॉ सध ु ीर : हां, संदीऩ। भरेरयमा की ऐसी दवाइमों भें अभीनो तवीनोरीन के अनेक प्रनतरूऩों का नाभ सरमा जा सकता है । सिंदीऩ : जैसे ? डॉ सुधीर : तवीनािाइन (Quinacrine) इस वगष की एक भहत्वऩूणष दवा है । इसे भेऩािाइन के व्माऩारयक नाभ से फेिा जाता है । तरोयोतवीन बी भरेरयमा के इराज की एक रोकपप्रम दवाई है । एभोडामातवीन औय हाइड्रॉतसी-तरोयोतवीन इसी वगष भें आती ह।। भरेरयमा की औय बी फहुत सी भहत्वऩण ू ष दवाइमां ह। जैसे कक ऩाभातवीन, ऩें टातवीन, आइसोऩें टातवीन औय प्राइभातवीन। माधुरी : भ।ने सुना है कक ऩाइयीसभथाभाइन सफसे कायगय दवाई है । डॉ सुधीर : हां, भाधुयी। मह ऩाइयीसभडीन का प्रनतरूऩ है । माधरु ी : अफ कुछ फातें एनरजेससतस (analgesics) औय एंटीऩाइये हटतस (antipyretics) के फाये भें बी जान रेते ह।। सिंदीऩ : जरूय आंटी... जरूय। प्रततभा : भम्भी, मे एनरजेससतस (analgesics) औय एंटीऩाइये हटतस (antipyretics) तमा होते ह।? माधुरी : एंटीऩाइये हटतस वे औषगधमां ह। जो तेज फुखाय भें शयीय के ताऩभान को कभ कयती ह।। ...औय एनरजेससतस मानी ददष ननवायक वे मौगगक ह। जो ददष भें याहत ऩहुंिाते ह।। सिंदीऩ : आंटी, एंटीऩाइये हटतस हभाये शयीय के ताऩभान को कभ कैसे कयते ह। ? माधुरी : उनके प्रबाव से कापी ऩसीना ननकरता है जजससे हभाये शयीय का ताऩभान कभ हो जाता है । डॉ सुधीर : रेककन ज्मादातय एंटीऩाइये हटतस के प्रमोग से आभाशम भें फहुत अगधक अम्र फनता है औय उससे अकसय हो सकता है । इससरमे इनका फहुत ज्मादा प्रमोग नहीं कयना िाहहमे। सिंदीऩ : अंकर, आभतौय से इस्तेभार होने वारे एनरजेससतस औय एंटीऩाइये हटतस कौन से ह। ? डॉ सुधीर : एजस्प्रन एक जाना ऩहिाना एनरजेससतस औय एंटीऩाइये हटतस है । इसे सेसरसाइसरक अम्र के एससहटरीकयण द्वाया फनामा जाता है । ऩैयाससटाभॉर आज सफसे ज्मादा प्रमोग की जाने वारी एनरजेससतस औय एंटीऩाइये हटतस है । एनारजजन, पीनासेहटन, ब्रुपेन, नोवाजकजन औय दस ू ये कई ससंथेहटक काफषननक मौगगकों का प्रमोग ददष ननवायक औय फुखाय कभ कयने के सरए होता है । सिंदीऩ : जी, ऩैयाससटाभॉर तो फहुत रोकपप्रम है । इसे कैसे फनामा जाता है ? माधुरी : भ। फताती हूं.. ऩैयाससटाभॉर, ऩैयाएसीटासभडो पीनॉर होता है । इसे ऩैया अभीनो पीनॉर के साथ एसीहटक एन्हाइड्राइड औय एसीहटक अम्र के सभश्रण से फनामा जाता है । डॉ सध ु ीर : संदीऩ... आऩको अऩनी रयऩोटष भें एंटीडामफेहटक, एंटी एिआईवी-एर्डस औय एंटीननओप्राजस्टक दवाइमों के फाये भें बी सरखना िाहहए, तमोंकक उनसे बी फहुत सायी जजंदगगमां फिती ह।। सिंदीऩ : जी अंकर... तफ तो भेयी रयऩोटष कापी फेहतय फन जाएगी। डॉ सुधीर : भेये एक सभि ह। डॉ प्रकाश। वो भधुभेह, एिआईवी औय क।सय के इराज के पवषेशऻ ह।। आज भ।ने उन्हें रंि ऩय फर ु ामा है । हभ उनसे बी ििाष कय रें गे। वो बी फस आते ही होंगे। माधुरी : रंि तो तैमाय है .... आ जाइए। संदीऩ, आऩ बी हभाये साथ रंि कयो। डॉ सुधीर : हां हां िरो, डॉ प्रकाश बी फस आते ही होंगे। ---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------- (डॉ सुधीर, माधुरी, डॉ प्रकाश, सिंदीऩ और प्रततभा डाइतनिंग टे बऱ ऩर.... ऱिंच ऩूरा ो र ा ै ... चम्मच व थामऱयों की आवाज़) डॉ प्रकाश : इस शानदाय बोजन के सरए आऩका शुकिमा... फेहद रजीज खाना था... वाह ... वैसे आज भुझे आभंत्रित कयने की कोई खास वजह थी तमा ? माधुरी : बोजन की तायीप के सरए शुकिमा... फस हभने तो मूं ही फुरामा था, सफ सभरफैठकय कुछ फातें बी कय रें गे। डॉ सध ु ीर : िसरमे सबी रोग, स्टडी रूभ भें िरते ह।... वहीं होगी फातिीत। (कुमसतयािं खिसकने और सबके दरू जाते कदमों की आ ट) डॉ सुधीर : (ऩररचय के अिंदाज में ) प्रकाश, मह संदीऩ ह।.. काफषननक यसामन भें ऩीजी कोसष कय यहे ह।। इनको दवाइमों भें प्रमोग होने वारे कृत्रिभ काफषननक मौगगकों ऩय एक प्रोजेतट रयऩोटष जभा कयनी है । डॉ प्रकाश : अच्छा ! डॉ सुधीर : अफ तक हभ भरेरयमा की दवा, एंटीफामोहटतस, ददष ननवायक, सकपा ड्रग्स वगैयह ऩय ििाष कय िुके ह।। एंटीडामफेहटक, एंटी एिआईवी-एर्डस औय एंटीक।सय दवाइमों ऩय बी कुछ जानकायी सभर जाएगी तो रयऩोटष कापी अच्छी फन जाएगी। डॉ प्रकाश : ठीक है । संदीऩ, भधुभेह तो आजकर फहुत आभ हो गमा है । आभतौय से, भधुभेह ऩें किमाज की फीटा कोसशकाओं भें फनने वारे भहत्ऩूणष हाभोन इंसुसरन की कभी के कायण होता है । सिंदीऩ : सय, भधुभेह को ननमंत्रित कैसे ककमा जाता है ? डॉ प्रकाश : आभतौय से, इंसुसरन की कभी को ऩूया कयने के सरए ननमसभत अंतयार ऩय इंसुसरन के इंजेतशन दे कय भधुभेह का इराज ककमा जाता है कुछ जस्थनतमों भें ऩें किमास इंसुसरन फनाने भें तो सऺभ होता है रेककन यतत भें ग्रुकोज के प्रनत ठीक से प्रनतकिमा नहीं कयता। ऐसी जस्थनत भें टॉरब्मूटाभाइड (Tolbutamide) जैसी औषगध का प्रमोग ककमा जाता है जो ऩें किमाज से इंसनु नर के प्रवाह फढ़ाने भें भदद कयती है । सिंदीऩ : औय कौन सी दवाइमां ह।, सय? डॉ प्रकाश : भधुभेह की कायगय दवाइमों के रूऩ भें सकपोननर मूरयमा के कयीफ फायह हजाय प्रनतरूऩ फनाए गए ह।। इनभें हाइऩोग्रीसससभक, टॉरफुटाभाइड, जग्रपऩजाइड औय जग्रफेनराभाइड प्रभुख ह।। टॉरफुटाभाइड वद् ृ ों के सरए एक सयु क्षऺत दवाई है । सिंदीऩ : सय, मह फनाई कैसे जाती है ? डॉ प्रकाश : टॉरफट ु ाभाइड को टॉकमइ ु न सकपोननर तरोयाइड (toluene sulphonyl chloride) जैसे सयर मौगगकों की भदद से फनामा जाता है । डॉ सुधीर : डॉ प्रकाश, आऩ तो एर्डस औय एिआईवी योगगमों का बी इराज कय यहे ह।। कुछ ऐसी दवाइमों के फाये भें फताइए जो इनके इराज भें उऩमोगी ह।। डॉ प्रकाश : एर्डस मानी एतवामडष इम्म्मुन डडकपसशमेंसी ससंड्रोभ... एिआईवी मानी ह्मूभन इम्म्मन ु ोडडकपसशमेंसी वाइयस के कायण होने वारा योग है । एिआईवी औय एर्डस का अगधकतय इराज अबी शुरुआती दौय भें ही है । हारांकक इराज के सरए कुछ काफषननक मौगगकों फनाए गए ह।। इनभें जाइडोवुडाइन (Zidovudine), जैरससटाफाइन (Zalcitabine), डाइ-डडओऔतसी-एडीनोससन (dideooxyadenosine), रैभीवुडाइन (Lamivudine), एभटीसाइटाफाइन (Emtricitabine), एपटीसी (FTC), एफाकापवय (Abacavir) आहद शासभर ह।। सिंदीऩ : सय। भ। अऩनी रयऩोटष भें कुछ पवटासभन को बी शासभर कयना िाहता हूं, उनके फाये भें बी कुछ फता दीजजए। डॉ प्रकाश : दे खो संदीऩ.. वास्तव भें पवटासभनों की खोज स्वास्थ्म औय योग के ऺेि भें हभायी एक प्रभुख वैऻाननक उऩरजब्ध है । मह खोजा गमा कक स्कवी, फेयी-फेयी, रयकेट्स, ऩेराग्रा औय जीयोफ्थैजकभमा पवटासभन की कभी के कायण होते ह। , न कक संिभण मा टॉजतसन के कायण। इसके फाद ही कैसभस्टों ने पवसबन्न पवटासभनों को अरग ककमा, उनकी यासामननक संयिना भें फदराव कयने औय उन्हें फनाने की पवगधमां पवकससत कीं। पवटासभनों को अंग्रेजी के अऺयों ए (A), फी (B), सी (C), डी (D), ई (E) औय के (K) द्वाया दशाषमा जाता है । सिंदीऩ : सय, इनभें से कौन-कौन से पवटासभन प्रमोगशारा भें फनाए जा सकते ह।? डॉ प्रकाश : अफ तो कई साये पवटासभन फनामे जा सकते ह।। पवटासभन फी-12 (फी-ट्वैकव) को ऩूयी तयह फनाना बी संबव है । पवटासभन B -1 मानी गथआभीन, B-2 मानी याइफोफ्रेपवन, पवटासभन B-5 मानी ऩें टोथेननक एससड को बी फनामा जाता है । एस्कात्रफषक एससड औय पवटासभन-सी को बी ग्रूकोज से फनामा जाता है । डॉ सध ु ीर : संदीऩ, भेये ख्मार से आऩने अऩनी प्रोजेतट रयऩोटष के सरए कापी योिक तथ्म जुटा सरए ह।। आऩ अऩनी रयऩोटष भें इन मौगगकों की संयिना जरूय फनाना.. औय हां.. एरैतजेंडय फ्रेसभंग, डोभैक, मेकराप्रगादा सुब्फायाव औय दस ू ये भहान वैऻाननकों की तस्वीयें रगाना भत बूरना। मे जरूय माद यखना कक इन सबी काफषननक मौगगकों का प्रभुख घटक काफषन ऩयभाणु है । डॉ प्रकाश : ठीक है .. अफ भ। बी िरता हूं। सिंदीऩ : शुकिमा सय... डॉ सुधीर : ठीक है डॉतटय प्रकाश... कपय आइमेगा। डॉ प्रकाश : जरूय (दरू जाती आवाज) कपय सभरें गे... सिंदीऩ : अंकर, आऩने भेयी इतनी भदद दी... आऩका शुकिमा...। भुझे बयोसा है कक हभाये पवबागाध्मऺ को मे रयऩोटष जरूय ऩसंद आएगी। डॉ सध ु ीर : ठीक है , संदीऩ ....आऩ अच्छी तयह से इसे तैमाय कयो... ककसी तयह की जरूयत होगी तो ऩछ ू ने से संकोि भत कयना। सिंदीऩ : जरूय अंकर... अबी िरता हूं.. नभस्ते अंकर.. नभस्ते आंटी.. प्रततभा : नभस्ते संदीऩ। सिंदीऩ : फाम... प्रनतबा। कपय सभरें गे। ऩरमाणु : प्माये श्रोताओं, … सुना आऩने... ऑगेननक मानी काफषननक मौगगक हभाये सरमे ककतने ज्मादा उऩमोगी ह।.. कई घातक फीभारयमों के उऩिाय भें इनसे फनी हुई दवाइमों का प्रमोग फेहद कायगय तयीके से हो यहा है । अगय हभ कहें कक भानव सभ्मता को सुयक्षऺत फिामे यखने भें इन काफषननक मौगगकों का फेहद ज्मादा मोगदान है .. तो मे कोई काकऩननक फात नहीं फजकक सच्िाई ही होगी। दोस्तो आज के इस अंक भें इतना ही.. ये डडमो धायावाहहक के अगरे अंक भें भ। मानी ऩयभाणु कपय से हाजजय होऊंगा ... कुछ नई, योिक औय अनूठी जानकारयमों के साथ। तफ तक के सरए, नभस्काय ...... -------------------CLOSING MUSIC----------------------- [email protected]