एपऩसोड शीषषक : यौद्र रूऩ भें यसामन येडडमो धायावाहहक : 17
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एपऩसोड शीषषक : यौद्र रूऩ भें यसामन येडडमो धायावाहहक : 17
ये डडमो धायावाहहक : 17 एपऩसोड शीषषक : यौद्र रूऩ भें यसामन अवधध : 27 मभनट स्क्रिप्ट : डॉ भानस प्रतिभ दास सभन्वमक : अनुवाद : श्रीतनवास ओरी श्री फी. के. त्मागी ऩात्र ऩरयचम 1- अमभि – दसवीीं कऺा का छात्रा 2- अववनाश – अमभत के पऩताजी (45 वषष) 3- भधु – अपवनाश की ऩत्नी (40 वषष) 4- भैनेजय – ट्रै वर एजेंसी के भैनेजय (35 वषष) 5- शाांतियाभ – सत्तय वषष के फज ु ग ु ष 6- वेटय - (21 वषष) 7- फाराकृष्णन – सैराननमों के गाइड (40 वषष) SIGNATURE TUNE …………………… FADE OUT उद्घोषक : (Welcome + Recap + Intro) । श्रोताओीं नभस्काय। ये डडमो पवऻान धायावाहहक.... भें आऩका एक फाय फपय से स्वागत है ... आज की कडी भें हभ फात कयें गे एक ऐसी आऩदा की, जजसकी हभें आहट तो नह ीं होती रेफकन फेतहाशा नुकसान हो जाता है । जी हाीं... हभ फात कय यहे हैं औद्मोगगक इकाइमों से होने वारे खतयनाक प्रदष ू ण औय जहय रे रयसाव की...। अबी चरते हैं अमभत औय अपवनाश के ऩास... औय जानते हैं फक क्मा होता है उस वक्त, जफ यसामन हदखाते हैं अऩना यौद्र रूऩ। -------------------SIGNATURE TUNE--------------------SCENE ONE - (सड़क का शोय / काय वगैयह की आवाज़) अमभि : ऩाऩा जी, आऩका ट्रे वर एजेंट उधय है ... वहाीं.. सडक के उस ऩाय। अववनाश : कहाीं, भझ ु े तो अबी बी नजय नह ीं आ यहा है । अमभि : ओह ऩाऩाजी, एकदभ सीधे दे खखमे... ठीक साभने... शामद अफ आऩको हदख जाए। अववनाश : हाीं अमभत...। हदख गमा... हदख गमा। वो साभने हदख यहा है टूय-ट्रे वर एजेंसी का फोडष। इस योड को ऩाय कयके जाना होगा वहाीं..। अमभि : ध्मान से ऩाऩाजी..। साभने से एक ऑटो आ यहा है ..। (ऑटो के आने औय गुजयने की आवाज़ / दोनों की ऩदचाऩ / दोनों ट्रे वर एजेंट के दफ्िय भें प्रवेश कयिे हैं / योड का शोय धीये -धीये भांद ऩड़ जािा है / ऩार्शवव भें धीभा सांगीि) भैनेजय : आइमे सय आइमे...। फैहठमे प्र ज़। फेटा आऩ बी फैहठमे..। अववनाश : नभस्ते जी, भैं अपवनाश हूीं। एक टूरयस्ट टै क्सी के मरए भैंने आऩको पोन फकमा था। भैनेजय : हाीं... हाीं...भुझे माद है । अपवनाश प्रसाद जी। भैंने तैमाय कय र है । आऩ रोग योहतक से कफ ऩहुींचे ? अववनाश : आज तडके ह ऩहुींच।े भैनेजय : ठीक है । भेये ख्मार से आज आऩ आयाभ कीजजए.. आऩका सैय-सऩाटा तो कर से ह शुरू कयें गे। अववनाश : हाीं, मे अच्छा यहे गा... । रेफकन मे तो फताइमे फक हभ रोग फकन-फकन जगहों ऩय घूभने के मरमे जाएींगे। भैनेजय : दे खखमे, हभ आऩको बोऩार के सबी भुख्म ऩमषटन स्थरों की सैय कयाएींगे। आऩने बीभबेहटका की एनतहामसक गुपाओीं के फाये भें तो सुना ह होगा। मे गुपाएीं महाीं से कय फ फावन (52) फकरोभीटय दयू हैं। औय कय फ इतनी ह दयू ऩय भशहूय साींची स्तूऩ बी है । अववनाश : ठीक है , भैं सभझ गमा फक आऩ रोग हभें आसऩास की सबी जगहों ऩय घुभाएींगें। रेफकन भैं कुछ औय बी सोच यहा था...। भैनेजय : फताइमे ना सय, हभसे जो बी हो सकेगा, जरूय कयें गे। हुक्भ कीजजए। अववनाश : आऩ तो जानते ह हैं फक सन उन्नीस सौ चौयासी (1984) के फाद बोऩार का नाभ एक बीषण आऩदा से जुड गमा था। भैनेजय : जी.. जी...। आऩका भतरफ गैस त्रासद से है ना ? अववनाश : बफल्कुर सह , तो क्मा हभ उस जगह को नह ीं दे ख सकते हैं ? भैनेजय : कोई सैरानी हभसे वहाीं चरने को नह ीं कहते हैं... हाीं, कबी-कबाय कुछ रोग गैस त्रासद वार जगह दे खने की भींशा जाहहय कयते हैं। अववनाश : (हल्की हां सी के साथ) फस तो... भझ ु े बी उन्ह ीं रोगों भें सभझ र जजए। भैनेजय : अपवनाश जी, वहाीं दे खने के मरए कुछ खास तो है नह ीं..। वैसे बी, पैक्ट्र के अींदय जाने की इजाजत नह ीं है । फस, पैक्ट्र के आसऩास ऩीडडत रोग ह हैं वहाीं। अववनाश : .. औय वो अस्ऩतार कहाीं है , जहाीं ऩीडडतों को सफसे ऩहरे रे जामा गमा था। भैनेजय : भझ ु े नह ीं रगता फक डॉक्टय आऩसे फात कयने के मरए याजी होंगे, क्मोंफक आऩ महाीं को तो हैं नह ीं। वो सोचें गे फक मे फाहय से आकय ऩता नह ीं क्मा जानना चाह यहे हैं। आऩ मे भत सभखझएगा फक भैं आऩको ननयाश कय यहा हूीं। अमभि (भामूस रवय भें ) : ऩाऩाजी, तो क्मा हभ उस पैक्ट्र वारे इराके भें नह ीं जा सकेंगे? अववनाश : ऩता नह ीं अमभत...। भैनेजय सा’फ तो कह यहे हैं फक गैस त्रासद के भद्द ु े ऩय इससे जड ु े अपसयों से फातचीत कयना कापी भजु ककर है । भैनेजय : सय, आऩ भझ ु े गरत भत सभखझमे। दयअसर इस हादसे को हुए तो रींफा असाष फीत चक ु ा है । रोग इस फाये भें फात कयते – कयते थक गमे है औय वो कापी हद तक डये हुए बी हैं। अमभि : रेफकन इससे फावजूद कुछ फदराव बी तो नह ीं आमा। अखफायों भें अक्सय ऩढ़ने को मभरता है फक दघ ष ना स्थर के आसऩास प्रदष ु ट ू ण का स्तय अफ बी कापी ऊींचा है । ट्मूफवेर से ननकरने वारा ऩानी फेहद गींदा औय प्रदपू षत है । भैनेजय : आऩका फेटा तो फेहद तेज है सय। अगय आऩ इसके फाये भें जानने को इतना ज्मादा ह उत्सुक हैं तो भैं आऩको एक ऐसे शख्स से मभराऊींगा जो कापी कुछ जानते हैं। उनकी उम्र तो सत्तय (70) सार से ज्मादा है रेफकन उनकी माददास्त कापी अच्छी है । गैस त्रासद के ऩीडडतों के मरमे चरामे गमे याहत कामों भें वो बी शामभर यहे थे। अववनाश : कहाीं यहते हैं वो ? भैनेजय : मह ीं ऩास भें ह यहते हैं। भैं आऩको वहाीं अऩनी काय से रे चरूींगा। भुझे बी अऩना कुछ काभ ननऩटाना है , भैं आऩको वहाीं छोडते हुए ननकर जाऊींगा। अववनाश : वाह, मे तो फहुत अच्छा यहे गा। चरो चरते हैं। (चरने की आवाज़) भैनेजय : (कुछ ऊांचे रवय भें ) प्रसाद, भैं एक-दो घींटे भें वाऩस रौटूींगा। पोन का ध्मान यखना। औय हाीं... आपताफ को काय की भयम्भत के फाये भें फता दे ना। (साभान्म रवय भें ) आइमे सय... चमरमे फेटा...। (काय के रटाटव होने औय चरने की आवाज़ / धीये -धीये भांद ऩड़िी हुई) ---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------SCENE TWO (फूढे शाांतियाभ का घय / भैनेजय, अववनाश औय अमभि वहाां ऩहुांचिे हैं) शाांतियाभ : आखखय आऩ रोग हादसे वार जगह ऩय जाने को इतने उत्सुक क्मों हैं ? आऩ रोग खफ ू सयू त गप ु ाओीं, जींगरोँ औय ऩयु ानी इभायतों को दे खखमे... वैसी गींद जगह को दे खने भें अऩना वक्त क्मों फफाषद कय यहे हैं आऩ रोग ? अववनाश : ट्रे वर एजेंसी के भैनेजय बी मह कह यहे थे। रेफकन हभने तो वहाीं जाने का इयादा ऩहरे से ह फकमा हुआ है । शाांतियाभ : तफ तो ठीक है ...। फताओ, आऩ रोग भझ ु से क्मा जानना चाहते हो ? अमभि : दादाजी, आखखय वो हादसा हुआ कैसे ? अचानक ऐसा क्मा हुआ जो मे कहय टूट ऩडा था ? शाांतियाभ : फेटे, मे सफकुछ अचानक नह ीं हुआ था। औय ऐसा बी नह ीं फक इस हादसे की ऩहरे से कोई आशींका ना यह हो। अववनाश : आऩका भतरफ है फक रोगों को इस हादसे का अींदेशा था। शाांतियाभ : बफल्कुर। हय कोई जानता था फक पैक्ट्र भें एक फडा हादसा कबी बी हो सकता है । अववनाश : मे तो फडी अजीफ फात है । तो फपय वहाीं के काभगाय उस जगह से कह ीं औय क्मों नह ीं चरे गमे ? शाांतियाभ : अपवनाश जी, क्मा आऩको रगता है फक इस दे श भें जीवनमाऩन का कोई दस ू या तय का ढूींढना इतना आसान है ? अववनाश : नह ीं... नह ीं... भेया भतरफ तो मे था फक... शाांतियाभ : मे पैक्ट्र मूननमन काफाषइड कॉऩोये शन की थी औय उन्होंने प्रदष ू ण ननमींत्रण ऩय बफल्कुर ह कभ ध्मान हदमा। अमभि : दादाजी, आखखय ऐसी पैजक्ट्रमों की जरूयत ह क्मा है ? शाांतियाभ : अमभत आऩने सह सवार ऩूछा। आऩने हरयत क्ाींनत के फाये भें तो सुना ह होगा। अमभि : हाीं, स्कूर की फकताफों भें भैंने उसके फाये भें ऩढ़ा है । हरयत क्ाींनत ने खाद्म उत्ऩादन के भाभरे भें बायत की पवदे शों ऩय ननबषयता को खत्भ फकमा औय हभाये दे श को आत्भननबषय फनामा। शाांतियाभ : हाीं, मे तो हरयतक्ाींनत का उजरा ऩऺ है । रेफकन उसके कुछ दस ू ये ऩहरू बी हैं। हाराींफक भैं हरयतक्ाींनत के नकायात्भक ऩऺों की फात महाीं ऩय नह ीं कयना चाहता, रेफकन इतना फता दीं ू फक हरयत क्ाींनत को फनामे यखने के मरए इस तयह की पैजक्ट्रमाीं जरूय हैं। मूननमन काफाषइड कॉऩोये शन की इस पैक्ट्र भें बी यासामननक कीटनाशकों फनामे जाते थे। अमभि : सभझ गमा। मे पैक्ट्र हाननकायक कीडे-भकोडों को भायने वारा केमभकर फनाती थी। शाांतियाभ : हाीं फेटे। रेफकन आखखयकाय मे पैक्ट्र इींसानों के मरए ह फेहद खतयनाक साबफत हुई। अववनाश : भतरफ आऩ मे कह यहे हैं फक उन्नीस सौ चौयासी (1984) भें हुआ हादसा इस पैक्ट्र का ऩहरा हादसा नह ीं था ? शाांतियाभ : बफल्कुर...। सन उन्नीस सौ नछहत्तय भें बी पैक्ट्र से होने वारे प्रदष ू ण की मशकामत की गई थी। सन उन्नीस सौ इक्मासी भें बी एक हादसा हुआ था। पैक्ट्र भें पॉस्जीन (Phosegene) नाभ की पवषेर गैस की चऩेट भें आन से एक काभगाय की भौत हो गई थी। अमभि : (भामूस रवय भें ) ओह... फेचाया भजदयू । शाांतियाभ : इस पैक्ट्र भें सन उन्नीस सौ उन्नासी (1979) भें मभथाइर आइसोसाइनेट (Methyl Isocyanate) फनाने वार मनू नट बी शरू ु की गई। अववनाश : आऩका भतरफ एभआईसी (MIC) वह गैस थी जजसका रयसाव सन उन्नीस सौ चौयासी भें हादसे वार यात को हुआ था ? शाांतियाभ : हाीं, बफल्कुर। पयवय उन्नीस सौ फमासी (1982) भें बी एभआईसी का रयसाव हुआ था औय अठायह भजदयू उसकी चऩेट भें आए थे। उसी सार अगस्त भें एक केमभकर इींजीननमय बी एभआईसी की चऩेट भें आ गमा था औय उसका शय य तीस पीसद से ज्मादा झुरस गमा। उन्नीस सौ फमासी (1982) के ह अक्टूफय भें एक फाय फपय से मभथाइर आइसोसाईनेट का रयसाव हुआ। इस रयसाव को योकने की कोमशश भें एभआईसी सुऩयवाईजय फुय तयह से झुरस गमा था। उसके साथ दो भजदयू बी गींबीय रूऩ से जख्भी हो गमे थे। अववनाश : ओह...। भुझे तो मे ऩता ह नह ीं था फक पैक्ट्र भें इस तयह के हादसे ऩहरे से ह रगाताय हो यहे थे। शाांतियाभ : हाीं, इसभें कोई अचयज की फात बी नह ीं है । याष्ट्ट्र म सभाचाय ऩत्रों ने रगाताय हो यह इन घटनाओीं को कोई तवज्जो नह ीं द । उनकी ननगाह भें तो मे भहज छोटे -भोट हादसे ह थे। औय उस दौय भें इरेक्ट्रॉननक भीडडमा बी आज की तयह फडे स्वरूऩ भें भौजूद नह ीं था। अमभि : रेफकन मे तो रोगों की जजींदगी के मरहाज से फेहद खतयनाक फात थी। शाांतियाभ : कींऩनी भामरकों ने बी इन घटनाओीं ऩय कोई ध्मान नह ीं हदमा औय प्रशासन बी फेऩयवाह ह यहा। मे ऩूये हारात एक फडी त्रासद की ज़भीन तैमाय कय यहे थे। अमभि : मे तो फडी है यानी की फात है । आखखय एक भल्ट नेशनर कींऩनी कामदे -कानूनों को ताक ऩय कैसे यख सकती है ? शाांतियाभ : हाीं फेटे, मह वो सवार है जो अक्सय ऩूछा जाता है रेफकन इसका जवाफ अफ तक नह ीं मभरा है । नवींफय सन उन्नीस सौ चौयासी भें सुयऺा के ज्मादातय इींतजाभ फेकाय ऩडे थे। कई साये वाल्व औय राइनें फेहद खस्ताहार भें थीीं। इसके अरावा तभाभ गैस स्क्फसष (Gas Scrubbers) औय स्ट भ फॉमरय (Steam Boiler) फींद ऩडे थे। एक खास फात औय थी.. वो मे फक एक टैंक भें ( सांख्मा छह सौ दस / 610) भें फमार स टन (42 Tons) मभथाइर आइसोसाईनेट बया था जो फक सयु ऺा भानकों की खर ु अनदे खी थी। अमभि : इसका भतरफ तो मे हुआ फक पैक्ट्र कैंऩस के सभच ू े हारात ह फकसी हादसे को न्मौता दे यहे थे। शाांतियाभ : बफल्कुर..। इसभें कोई शक नह ीं। अववनाश : दो हदसींफय की यात को जफ मभथाइर आईसोसाइऩेट का रयसाव हुआ औय इतने साये रोग भाये गमे, उस वक्त आऩ कहाीं थे। शाांतियाभ : अगय आऩ रोग मे सोच यहे हैं फक सभच ू े बोऩार को उस यात की त्रासद का ऩता चर गमा था, तो मे फात सह नह ीं है । अगरे हदन की सफ ु ह को बी कापी दे य तक हभें मे अींदाजा ह नह ीं था फक इतनी फडी गैस त्रासद हो चक ु ी है । अमभि : दादाजी, भैंने सन ु ा है फक उस यात तीस (30) टन गैस का रयसाव हुआ था। शाांतियाभ : हाीं, औय इस गैस ने आसऩास यहने वारे राखों रोगों को अऩनी चऩेट भें रे मरमा था। शुरुआत भें ह ऩाींच हजाय रोग भाये जाने की खफय आई, रेफकन भेये ख्मार से मे आींकडा हकीकत से कापी कभ है । हादसा इतना फडा था फक भौजूदा स्वास््म व्मवस्था इसे सींबारने के मरए नाकापी थी। कापी कभ डॉक्टय ह इस तयह के हारात से ननऩटने भें सऺभ थे। अववनाश : आऩका भतरफ मे है फक उस इराके के डॉक्टयों ने बी ऐसी त्रासद की कल्ऩना नह ीं की थी ? शाांतियाभ : हाीं, औय इसी वजह से सींकट औय ज्मादा गहया गमा था। अववनाश : भयने वारों की तादाद हय हदन फढ़ते यह । प्रशासन तो फेहद राचाय ह नजय आ यहा होगा ? शाांतियाभ : याज्म सयकाय ने तेजी हदखाई। कुछ हफ्तों के बीतय ह अस्ऩतार, क्र ननक औय भोफाइर मूननट तैमाय की गईं जजससे के गैस प्रबापवत इराके भें ऩीडडतों का इराज फकमा जा सके। रेफकन इतने फडे हादसे के मरमे मे सफ-कुछ नाकापी ह था। अमभि : उप... । फेहद ददष नाक दास्तान है मे। शाांतियाभ : औद्मोगगक पवकास के इस दौय भें पैजक्ट्रमों के अींदय यसामनों का सह औय सुयक्षऺत यख-यखाव कयना फेहद जरूय है । अगय इन केमभकर को उगचत तय के से इस्तेभार नह ीं फकमा जाम तो इसके नतीजे खतयनाक ह होते हैं। मभथाइर आइसोसाइनेट को ह रे र जजए, अगय इसभें ऩानी मभरने से फचामा जाए तो इसभें पवस्पोट नह ीं होता। अववनाश : आसऩास यहने वारे फेचाये रोगों के ऩास तो खद ु को फचाने का कोई यास्ता बी नह ीं यहा होगा ? शाांतियाभ : ऩता नह ीं, उस इराके के रोगों को ऐसे हादसे के दौयान फचाव की तयकीफ भारूभ थीीं बी मा नह ीं। आभतौय से मे कहा जाता है फक अगय अपयातपय औय दहशत ना पैराएीं तो खद ु को फचाना सींबव है । ज्मादा घनी आफाद वारे इराकों भें दहशत से औय ज्मादा नक ु सान होता है । गैस रयसाव की जस्थनत भें चेहये को गीरे तौमरमे से ढककय बी गैस के दष्ट्ु प्रबाव से फचा जा सकता है । रेफकन हादसे की आींशका वारे इराके भें रोगों को मे सफ फातें रगाताय फताते यहना चाहहमे। मे जजम्भेदाय मनू नमन काफाषइड कॉऩोये शन की थी औय वो राऩयवाह फनी यह । अववनाश : बफल्कुर...। शाांतियाभ : रेफकन उन्नीस सौ चौयासी की मे गैस त्रासद कापी बमानक थी। जहय र गैस ने फेहद तेजी से रोगों को अऩनी चऩेट भें रेना शरू ु कय हदमा था। अववनाश : आऩका कहना एकदभ सह है । अगय हभें पवकास के इस दौय भें फने यहना है तो हभें सयु ऺा ननमभों का ऩयू तयह से ऩारन कयना चाहहमे..। साथ ह फकसी बी तयह के हादसे के मरए बी ऩयू तयह तैमाय यहना होगा। शाांतियाभ : मे मसपष भेया कहना ह नह ीं है .. फजल्क मे वक्त की आवाज़ है..। तैमाय यहो मा फपय तफाह हो जाओ..। अववनाश : बफल्कुर सह कहा आऩने। सट क तैमारयमों की फदौरत की हभ फचे यह सकते हैं। अमभि : ऩाऩाजी, भुझे तो अफ बूख रगने रगी है । शाांतियाभ : फेटा, भैं तो आऩको घय ऩय खाने ऩय नह ीं फुरा सकता... दयअसर आज ऩत्नी बी घय ऩय नह ीं है । अमभि : अये ... कोई फात नह ीं दादाजी। खाना तो हभ फाहय कह ीं बी खा रेंगे... रेफकन जो जानकारयमाीं आऩने हभें द ीं, वो फेशकीभती हैं। भेय ख्वाहहश तो उस पैक्ट्र औय आसऩास के इराके को दे खने की है । शाांतियाभ : जरूय जाओ फेटा। सुयक्षऺत जीवन के कामदे जानना फेहद जरूय है । अववनाश : नभस्ते सय... फपय कबी होगी भुराकात। अमभि : गुड फाम दादाजी। ---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------SCENE THREE (फस के रुकने की आवाज़ / ऩदचाऩ / अमभि औय अववनाश ये रत्राां भें जािे हैं ) अमभि : दे खखमे तो ऩाऩाजी, वहाीं ऩय फकतना ज्मादा केयोमसन तेर गगया हुआ है । अववनाश : रगता है वो इससे पशष साप कय यहे हैं। अमभि : ऩाऩाजी, भैं सोच यहा हूीं फक जफ सभुद्र भें तेर का रयसाव होता होगा, तफ कैसी हारात होती होगी ? अववनाश (भजाककमा अांदाज भें ) : ओह अमभत...। आऩ बी फस कहाीं-कहाीं की फातें सोच रेते हो। अमभि : ऩाऩाजी, आऩ जया सोचकय दे खखमे...। तफ फकतना फडी तफाह होती होगी। अववनाश : बफल्कुर...। नुकसान तो कापी होता होगा...। रेफकन आऩ फपरहार अऩना पोकस भेन्मू ऩय यखो। आऩ क्मा रोगे... दार भखानी औय योट मा फपय बफयमानी। अमभि : (हां सिे हुए) फस ऩाऩाजी, उनसे कहना फक थार भें तेर भत गगया दे ना। (दोनों हां सिे हैं) वेटय : क्मा राऊीं सय। अववनाश : हभाये मरमे दो स्ऩेशर थार रे आइमे। वेटय : सय, दह वगैयह बी राऊीं क्मा ? अववनाश : नह ीं.. नह ीं। फस दो स्ऩेशर थार । जया जल्द कय दे ना..। फहुत बख ू रगी है । वेटय : ऩाींच मभनट भें रामा सय। अववनाश : अमभत, रगता है फक आऩके भन भें अबी बी तेर की फात ह घभ ू यह है । अमभि : हाीं ऩाऩाजी। पऩछरे हदसींफय भें ट वी ऩय तेर रयसाव से जड ु ी खफयों का ध्मान आ यहा है । अववनाश : हाीं, तफ एक भारवाहक ऩोत औय तेर टैंकय की टक्कय से रयसाव हुआ था। अमभि : तफ तो सभुद्र भें कापी तेर गगय गमा था। भेये ख्मार से मे सैकडों टन यहा होगा। नुकसान बी कापी हुआ होगा। अववनाश : तेर रयसाव की वजह से सभुद्र जीव-जींतुओीं की जजींदगी खतये भें ऩड जाती है । आऩको ट वी भें हदखाई जाने वारे वो दृकम माद होंगे, जफ सीर जभीन की ओय आकय खद ु को फचाने की कोमशश कयती नजय आ यह ीं थीीं। अमभि : तेर रयसाव से ऩरयींदे बी प्रबापवत होते हैं। तेर ऩींखों भें घुसकय उनकी त्वचा तक ऩहुींच जाता है । अववनाश : हाीं अमभत, इसी तयह स्तनधारयमों के मरए बी तेर रयसाव फडी भुजककरें ऩैदा कयता है । तेर की वजह से उनके पय सदष भौसभ भें उनकी यऺा नह ीं कय ऩाते। अमभि : ऩाऩाजी, हभाये फामोरॉजी के ट चय फता यहे थे फक सभुद्र भें हुए ऐसे तेर रयसाव को साप होने भें कई-कई भह ने बी रग जाते हैं। अववनाश : भह ने ह नह ीं फजल्क कबी-कबी तो सार बी रग जाते हैं। फहुत ह खतयनाक है मे तेर रयसाव। (थामरमाां / धगरास यखने की आवाज़) अमभि : ऩाऩाजी, इनकी सपवषस तो कापी तेज है । अववनाश : वाह... खश ु फू बी कापी अच्छी है । चरो शुरू हो जाओ। अमभि : (खािे-खािे) जफ बी भें ट वी ऩय सभुद्र भें हुए तेर रयसाव की खफयें दे खता हूीं तो भन काऩी उदास हो जाता है । कीभती तेर तो फफाषद होता ह है , आग बडकने का खतया बी यहता है । अपवनाश : तेर रयसाव से ऩानी बी दपू षत हो जाता है । दो सार ऩहरे (2013) भरेमशमा भें दो अरग-अरग जगहों ऩय हुए तेर रयसाव से मभय (Miri) इराके के तीन राख रोगों को दपू षत ऩेमजर की हदक्कत से जझ ू ना ऩडा था। अमभि : ऩाऩाजी, क्मा इसे योका नह ीं जा सकता है ? अववनाश : क्मों नह .ीं ..। जरूय योका जा सकता है । कई दे शों भें तो तेर रयसाव औय इसके पैराव की योकथाभ के मरए पवशेष दस्ते बी फनामे गमे हैं। अमभि : ऩाऩाजी, हभें इस्तेभार के मरए मभरने वारा तेर कापी रींफा सपय तम कयके हभ तक ऩहुींचता है । ऐसे भें इसका रयसाव को कह ीं बी हो सकता है । जरूय नह ीं फक मे रयसाव सभद्र ु भें ह हो। अववनाश : बफल्कुर। अगय आऩ अतीत भें हुई तेर रयसाव की घटनाओीं ऩय नजय डारें तो ऩता चरता है फक ज्मादातय हादसे जभीन ऩय हुए हैं। मद्ध ु ों के दौयान अींतयाषष्ट्ट्र म ऩाइऩ राइनों ऩय की गई फभफाय से बी तेर की फेतहाशा फफाषद हुई है । मे तो शामद आऩको भारभ ू ह हो फक..... (पोन की घांटी फजिी है ) अमभि : ऩाऩाजी, आऩका भोफाइर फज यहा है । जरूय भम्भी का ह पोन होगा। उनको गचींता हो यह होगी फक हभ रोग अफ तक होटर भें क्मों नह ीं रौटे । अववनाश (पोन ऩय फाि कयिे हुए) : है रो... हाीं भध.ु ..। हभ रोग अबी खाना खा यहे हैं... मह ीं एक ढाफे ऩय। फस... फस.. कुछ ह दे य भें हभ रोग होटर ऩहुींच जाएींगे...ओके। अमभि : क्मा हुआ ऩाऩाजी, क्मा फात है ? अववनाश : दयअसर, जाऩान से आए सैराननमों का एक ग्रुऩ होटर भें ऩहुींचा है । आऩकी भम्भी फता यह थीीं फक होटर का स्टाप कापी व्मस्त है ... इसीमरमे रींच भें कुछ दे य हो यह है । अमभि : (हां सिे हुए) चरो, कुछ जाऩाननमों से भुराकात तो होगी। अववनाश : चरो—चरो। खाना पटापट खत्भ कयो। आऩकी भम्भी हभाया इींतजाय कय यह हैं। अमभि : ठीक है ऩाऩाजी। ---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------SCENE FOUR (अववनाश औय अमभि होटर भें / ऩदचाऩ / ऩार्शवव भें भधु औय फाराकृष्णन की अरऩष्ट फािचीि) अववनाश : रो जी... हभ बी होटर भें ऩहुींच ह गमे। भध,ु आऩने खाना खा मरमा मा नह ीं ? भधु : फस अबी-अबी ह उठी हूीं खाना खाकय। बीड-बाड तो कापी थी रेफकन होटर स्टाप ने ठीक-ठाक इींतजाभ कय मरमा था। अये ... इनसे मभमरमे...। मे हैं फाराकृष्ट्णन जी। जाऩानी सैराननमों को घभ ु ाने की जजम्भेदाय फाराकृष्ट्णन जी ह सींबार यहे हैं। अववनाश : नभस्ते फाराकृष्ट्णन जी... अच्छा रगा, आऩसे मभरकय। फाराकृष्णन : नभस्ते जी...। कैसे हैं...। आऩ भझ ु े फारा बी कह सकते हैं। भधु : इनके साथ आमे सबी टूरयस्ट आयाभ कय यहे हैं। अबी फारा जी पुयसत भें थे तो भैंने सोचा फक क्मों ना उनसे ऩछ ू ू ीं फक वो अऩनी ट भ को कहाीं घभ ु ाने रे जाने वारे हैं। फस इसी मरए इनको ऩये शान कय यह थी। फाराकृष्णन : अये .. इसभें ऩये शानी कैसी। हभाय ट भ के कुछ रोग बोऩार गैस त्रासद वार जगह दे खने को उत्सक ु हैं। हाराींफक उन्होंने महाीं आने से ऩहरे इसका कोई जजक् नह ीं फकमा था। ऩता नह ीं, इतना जल्द भें सफ इींतजाभ हो ऩाएगा मा नह ीं ? अमभि : अजफ सींमोग है । कर हभ रोग बी पैक्ट्र के आसऩास का इराका दे खने जाने वारे हैं। फाराकृष्णन : अच्छा ! रेफकन भैंने तो मे सन ु ा है फक वहाीं दे खने रामक कुछ बी नह ीं है । अववनाश : अमभत, ऩता नह ीं आऩको भारूभ है मा नह ीं, रेफकन जाऩान जैसा पवकमसत दे श बी यासामननक दघ ष नाओीं औय प्रदष ु ट ू ण से भुक्त नह ीं है । भधु : भैंने पुकुमशभा (Fukushima) भें हुई ऩयभाणु दघ ष ना के फाये भें तो ऩढ़ा है रेफकन जाऩान ु ट भें हुए फकसी यासामननक हादसे की जानकाय भुझे नह ीं है । अववनाश : नह ीं भध।ु जाऩान भें बी ऐसा हो चक ु ा है । कुभाभातो (Kumamoto) के तहत आने वारे मभनाभाता (Minamata) भें एक हादसा हुआ था। अमभत, आऩको तो भारूभ है ना ? मभनाभाता कहाीं है । अमभि : हाीं, भुझे आऩने ह फतामा था। फाद भें भैंने इींटयनेट भें इसके फाये भें खोजा। दयअसर, मभनाभाता जाऩान के दक्षऺणी छोय भें क्मूशू (Kyushu) के ऩजकचभी तट ऩय जस्थनत है । भधु : अमभत, फातचीत के दौयान अगय चाम बी हो जाए तो अच्छा यहे गा। अमभि : ठीक है भम्भी, अबी इींतजाभ कयता हूीं। (चरने की आवाज़) भधु : भेया अींदाजा है फक मभनाभाता भें औद्मोगगक प्रदष ू ण का कोई फडा भाभरा हुआ था। अववनाश : भध,ु आऩका अींदाजा एकदभ सह है । इस यासामननक त्रासद की वजह से आसऩास के रोगों ऩय आपत ह टूट ऩडी थी। फाराकृष्णन : अच्छा ! रेफकन मे प्रदष ू ण कैसे पैरा था ? (अमभि वाऩस रौटिा है / ऩदचाऩ सुनाई दे िी है ) भधु : अमभत, आऩ सह वक्त ऩय आ गमे। आऩके ऩाऩाजी मभनाभाता भें हुए प्रदष ू ण की वजह का ह जजक् कय यहे हैं। अमभि : भुझे ऩता है भम्भी। मे प्रदष ू ण ऩाये (Mercury) की वजह हुआ था। फाराकृष्णन : ऩाये की वजह से ! अववनाश : हाीं। मभनाभाता भें ऩाये की वजह से फेतहाशा प्रदष ू ण हो गमा था। इस सभस्मा का एहसास तो उन्नीस सौ ऩचास-ऩचऩन के आसऩास ह होने रगा था। मभनाभाता खाडी भें सभद्र ु जीव-जींतओ ु ीं औय दस ू ये उत्ऩादों ऩय ऩाये का ऊींचा स्तय नजय आने रगा था। फाराकृष्णन : तट म इराके भें यहने वारे रोगों ने इन सभुद्र जीवों का बोजन के तौय ऩय इस्तेभार फकमा होगा.. औय इससे वो बी प्रबापवत हो गमे होंगे..। अववनाश : बफल्कुर सह कहा आऩने। ऩीडडत रोगों औय मशयान्मई ू (Shiranui) सागय तट के ननवामसमों भें ऩाये की कापी फढ़ हुई भात्रा दे खी गई। ऩाये के इस ऊींचे स्तय की वजह से ऩीडडतों के तींबत्रका-तींत्र भें गडफडी होने रगी थी। इस बमानक प्रदष ू ण ने गबषस्थ मशशओ ु ीं को बी नह ीं फख्शा। फाराकृष्णन : रेफकन, मह सफ हुआ कैसे ? इतना साया ऩाया कहाीं से आमा ? अववनाश : दयअसर इस सफके मरमे फकसो कॉऩोये शन (Chisso Corporation) नाभ की कींऩनी जजम्भेदाय थी। इस कींऩनी की यासामननक पैक्ट्र से ननकरने वारे औद्मोगगक कचये औय गींदे ऩानी भें मभथाइर भकषय (Methyl mercury) बी था। सन उन्नीस सौ फत्तीस (1932) से उन्नीस सौ अडसठ (1968) तक मभथाइर भकषय इसी तयह फाहय पैरता यहा। भधु : इतने रींफे असे तक खतयनाक यसामन पैरता यहा औय रोगों ने कोई आवाज़ नह ीं उठाई... ? अववनाश : हाीं, मह जरूय चौंकाने वार फात है । इस सद की शुरुआत तक कय फ ढाई हजाय (2500) रोगों को आगधकारयक तौय ऩय ऩीडडत भाना गमा। फकसो कींऩनी ने दस हजाय से ज्मादा रोगों को भुआवजा हदमा था। भधु : इतने रींफे असे तक रगाताय ऩाये के प्रदष ू ण का असय तो औय ज्मादा बमावह होना चाहहमे था ? अमभि : शामद उस इराके भें घनी आफाद ना यह हो। फाराकृष्णन : आऩका फेटा तो कापी होमशमाय है ..। अववनाश : ऩाये के इस खतयनाक प्रदष ू ण के भसरे ऩय भुआवजे को रेकय आज बी अदारतों भें भाभरे चर यहे हैं। मभनाभाता के भाभरे को जाऩान की चाय फडी प्रदष ू ण से होने वार फीभारयमों भें शुभाय फकमा जाता है । अमभि : ऩाऩाजी, चाम बी आ गई। (ऩदचाऩ / भेज ऩय कऩ-प्रेट यखने की आवाज़) फाराकृष्णन : भैं तो इसी गचींता भें हूीं फक जाऩानी सैराननमों को घुभाने का इींतजाभ कैसे होगा ? अववनाश : आऩका भतरफ बोऩार त्रासद वार पैक्ट्र के दौये की गचींता ? फाराकृष्णन : हाीं, वो रोग जफ इन पवदे शी ऩमषटकों को दे खेंगे तो मरखखत इजाजत की बी भाींग कयें गे। अववनाश : भेये ख्मार से पैक्ट्र के आसऩास का इराका घभ ू ने भें तो कोई हदक्कत नह ीं आएगी। रेफकन पैक्ट्र के अींदय जाना शामद इतना आसान ना हो। भधु : भैंने कह ीं ऩढ़ा था फक पैक्ट्र के अींदय अफ बी कुछ जहय रे ऩदाथों का ढे य भौजूद है । ऐसे भें जजरा प्रशासन पैक्ट्र के अींदय जाने की भींजयू शामद ह दे । अववनाश : हाीं. भझ ींु पवकास ु े बी मह रगता है । दे खो अमभत, भौजद ू दौय भें हभ रोग अींधाधध की दौड भें तो शामभर हैं.... रेफकन हभ मे बर ू जाते हैं फक कामदों-कानन ू ों की अनदे खी कबी बी जानरेवा तक साबफत हो सकती है । भधु : फदरते वक्त के साथ-साथ दनु नमाबय भें प्रदष ू ण सींफींधी ननमभ भें बी फदराव आ यहा है । भेये ख्मार से दनु नमा बय भें ऐसे आवकमक फदरावों को औय फढ़ावा दे ने की जरूयत है । अमभि : भैं कुछ सभझा नह ीं भम्भी। भधु : इसके कानूनी ऩहरुओीं के फाये भें तो भुझे ज्मादा जानकाय नह ीं है रेफकन जवाफदे ह के भुद्दे ऩय अींतययाष्ट्ट्र म स्तय ऩय सम्भेरन हो चक ु े हैं । अववनाश : भध,ु फकसी सम्भेरन के फाये भें तो फताओ जया। भधु : आऩको तो ऩता ह है , भेया साभान्म ऻान कुछ ज्मादा ह कभजोय है । रेफकन भुझे एक सम्भेरन का ध्मान आ यहा है ... वो है रूगानो सम्भेरन, जो सन उन्नीस सौ नतयानफे (1993) भें हुआ था। इस सम्भेरन भें प्रदष ू ण के मरमे जजम्भेदाय उन ऑऩये टसष की जवाफदे ह तम कयने को रेकय एक साझा व्मवस्था फनाई गई.... जजनकी खतयनाक गनतपवगधमों से आभजन को नुकसान ऩहुींचता है । अववनाश : हाीं... औय मयू ोऩीम ऩरयषद ने बी उन मसपारयशों को अऩनामा। फाराकृष्णन : प्रदष ू ण ननमींत्रण औय भुआवजे का भसरा भहत्वऩूणष तो है रेफकन प्रदष ू ण को उसके स्रोत ऩय ह योकने की कवामद बी फेहद जरूय है । अववनाश : बफल्कुर... इसभें तो कोई शक ह नह ीं। फारा जी, भेय आऩसे एक गुजारयश है । फाराकृष्णन : जी... फताइमे प्र ज़। अववनाश : अगय आऩको बोऩार गैस त्रासद वार जगह भें जाने की इजाजत मभर जाती है तो प्र ज़ हभें बी अऩने ग्रुऩ भें शामभर कय र जजएगा। फाराकृष्णन (हां सिे हुए) : ओह... तो इस चाम का इींतजाभ इसीमरमे फकमा गमा था। (सबी के जोय से हां सने की आवाज़) -------------------CLOSING MUSIC----------------------- [email protected]