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सही खायें, सुरक्षऺत खायें (FRUIT RIPENING)
सही खायें, सुरक्षऺत खायें (FRUIT RIPENING) रेखक: सश्र ु ी दीऩा बफष्ट सभन्वमक: श्री ननमभष कऩयू ऩहऱा सूत्रधार – श्रोताओ, आज की हभायी भहफपर भें आऩ सफका स्वागत है . आज के मुग भें रोग अऩने स्वास््म के प्रनत फहुत जागरूक हो गए हैं. आऩ सफ जीवन भें अच्छे स्वास््म के भहत्व से अच्छी तयह ऩरयचित हैं. इसके मरए जीवनिमाा औय खानऩान भें आवश्मक फदराव के मरए बी आऩ तैमाय हैं. औय जफ हभ खानऩान की फात कयते हैं तो परों का जजक्र सफसे ऩहरे आता है . फाजाय भें पर तो फहुत आता है , ऩय क्मा मह पर स्वास््म की दृजष्ट से बी सयु क्षऺत है ? जानने के मरए सन ु ते हैं आज की प्रस्तनु त ‘ सही खामें सयु क्षऺत खामें” दस ू रा सत्र ू धार – इस कहानी के ऩहरे ऩात्र डा. सन ु ीर बायद्वाज, एक हॉर्टा कल्िय साइॊर्टस्ट हैं . जारॊधय, ऩॊजाफ भें यहते हैं . पऩछरे र्दनों एक शादी भें अऩने दो ऩयु ाने मभत्रो यभेश औय जगजीत से कापी सभम फाद भुरा़ात हुई औय तीनों ने एक दस ू ये को घय आने का न्मोता र्दमा. डा. सुनीर अक्सय र्दल्री आते यहते हैं औय उन्होंने दोनों मभत्रों से वादा फकमा फक अगरी फाय जफ बी वे र्दल्री आएॊगे , जगजीत औय यभेश के घय ज़रूय आएॊगे . ऩहऱा सूत्रधार – सुनीर के एक मभत्र जगजीत मसॊह फकसान हैं. वे अॊफारा भें यहते हैं. उनके हरयमाणा औय र्हभािर भें परों के फगीिे हैं . वो अऩने फगीिों से यभेश को परों की सप्राई कयते हैं. उनके फगीिों भें सेफ, आभ, फकन्नू, आड़ू, प्रभ औय खफ ु ानी जैसे पर उगामे जाते हैं. जगजीत मसॊह का यभेश के घय कापी आना जाना है . दस ू रा सूत्रधार – डा. सुनीर के दस ू ये मभत्र यभेश र्दल्री की भॊडी भें परों के थोक पवक्रेता हैं. भॊडी के ऩास ही एक आरीशान फॊगरे भें वे यहते हैं. उनके घय भें उनकी ऩत्नी सपवता औय फेटी याचधका यहते हैं. उनका फेटा अभेरयका भें ऩढ़ यहा है . ऩहऱा सूत्रधार - आज डा. सुनीर को र्दल्री जाना है . कर वहाॉ ऩय उनका एक सेमभनाय है . साथ ही उन्हे अऩनी फेटी प्रीनत का दाखखरा र्दल्री पवश्वपवद्मारम भें कयवाना है . उन्होंने तम फकमा फक आज वो काय से र्दल्री जाएॊगे औय यास्ते से जगजीतजी को बी रेते हुए यभेश के घय जाएॊगे . जाने से ऩहरे उन्होने सोिा फक क्मों न अऩने मभत्रों के मरए फाजाय से कुछ रेता जाऊॉ. साथ ही घय के मरए कुछ पर खयीद कय यखता जाऊॉ. िमरमे हभ बी डा. सुनीर औय प्रीनत के साथ फाजाय िरते हैं . मे है जारॊधय की परों की भॊडी. दृश्य – एक स्थान : जाऱंधर की पऱों की मंडी. सुनीर - हाॉ बाई, आभ कैसे हैं ? परवारा – फाफूजी, िारीस रुऩए फकरो सपेदा, साठ रुऩए फकरो दशहयी. एकदभ भीठा आभ होगा. सुनीर - सपेदा तो ठीक भारूभ ऩड़ता है , ऩय भहॉगा है . परवारा – अये फाफूजी, बफल्कुर जामज दाभ है . दशहयी रे जाइमे, ऐसा दशहयी आऩको ऩूये फाजाय भें नहीॊ मभरेगा. सुनीर - वही तो. फाजाय भे मभरेगा कैसे ? अबी भौसभ जो नहीॊ आमा है दशहयी आभों का. तुभने जरूय भसारा रगामा होगा. इनभे वो आभ की खश ु फू बी नहीॊ है . परवारा – भसारा रगामे बफना आभ मभरेगा बी नहीॊ फाजाय भें . अगय फगैय भसारे वारा आभ खाना है तो फगीिे भें जाइए. सुनीर - मे क्मा फात हुई बरा ? मे आऩका भसारा माने कैजल्समभ काफााइड तो सयकाय ने फैन कय यखा है . औय आऩ हैं फक खर ु े आभ कह यहे हैं फक भसारा रगामा है . परवारा – ( घफयाकय ) भसारा ? भसारा-वसारा हभने नहीॊ रगामा साहफ. हभ तो योज थोक भॊडी से 810 फकरो भार उठाते हैं, औय योज फेिते हैं. फाजाय भें जजसकी डडभाॊड होती है , वही फेिते हैं. आऩ आगे दे ख रीजजमे. सन ु ीर – िरो फेटा, आगे दे खते हैं. शामद आगे फगैय काफााइड वारा पर मभर जाए. प्रीनत – ऩाऩा, मे काफााइड क्मा है ? सन ु ीर – कैजल्समभ काफााइड को ही मे रोग काफााइड मा भसारा कहते हैं . इसे मे रोग पर ऩकाने के मरए इस्तेभार कयते हैं. ऩय मह नुकसानदे ह है . दस ू या परवारा – आइए फाफूजी, मे रीजजमे आऩकी भनऩसन्द का पर. फकसी भें कोई भसारा नहीॊ रगा है . आऩके जैसे दो-िाय ग्राहकों के मरए भैं मे अरग से यखता हूॉ. सन ु ीर – हाॉ बाई, मे ठीक है . आखखय हभ पर सेहत फनाने के मरए खाते हैं, बफगाडने के मरए नहीॊ. मे ऩाॉि फकरो आभ, दो ऩऩीते औय......... आधा फकरो प्रभ दे दो . ( प्रीनत से ) फेटा भैं मे यखवाता हूॉ. आऩ दो फकरो मभठाई औय कुछ िॉकरेट रे आओ. दृश्म – 2 ( स्थान - जगजीत मसॊह का फगीिा ) दस ू या सूत्रधाय – डा. सुनीर अऩने मभत्र जगजीत मसॊह को साथ रे जाने आए हैं. हाई-वे के साथ ही उनका फगीिा है . प्रीनत बी आभ का फगीिा दे खना िाहती थी. इसमरमे महीॊ मभरना तम हुआ. वाह क्मा फगीिा है ! औय क्मा खश ु फू ! मे खश ु फू फकस िीज़ की है ? ऩहरा सूत्रधाय – मे खश ु फू आभ की है . ऐसी खश ु फू फाजाय भें मभरने वारे आभ भें नहीॊ आती है . दस ू या सूत्रधाय – वो क्मों बरा ? फाजाय भें आभ फगीिे से ही तो आता है . ऩहरा सूत्रधाय – मे तो डा. सुनीर ही फता सकते हैं . मभत्र, अगय मे जानना है तो िऩ ु िाऩ नाटक सुनो . जगजीत – आओ सुनीर बाई, आओ प्रीनत फेटा. ( अऩने भजदयू से ) अये बाई याभमसॊह, पटापट ऩेर्टमाॉ ऩैक कयके ट्रक बयो. औय 2 ऩेटी साहफ की काय भें बी यखवा दे ना. प्रीनत – नभस्ते अॊकर , आऩका फगीिा फहुत फड़ा औय सुॊदय है . फकतने साये ऩेड़ हैं ! औय मे ट्रक भे बय कय आभ कहाॉ बेज यहे हैं ? जगजीत – मे ट्रक तो फेटा भॊडी जाएगा. प्रीनत – ऩय मे आभ तो कच्िे हैं. क्मा आभ ऩेड़ भें नहीॊ ऩकता ? जगजीत - ऩकता तो है फेटा ऩय भॊडी वारे ऐसा ही आभ भॊगाते हैं . ऩका आभ तो इतनी दयू बेजने भें खयाफ हो जाएगा. औय एक आभ क्मा, हभ तो सबी पर कच्िा ही बेजते हैं. हभ तो फस डडभाॊड ऩयू ी कयते हैं. प्रीनत – ऩय फाजाय भें तो अॊकर, ऩका पर मभरता है . सन ु ीर – फाजाय भें आने वारा ज्मादातय पर काफााइड से ऩका होता है .इसीमरमे भैं फाजाय से कच्िा पर रेकय उसे घय भें ही ऩकाना फेहतय सभझता हूॉ. दृश्म – ३ यभेश का घय ऩहरा सूत्रधाय – आईए अफ हभ ऩहुॉि गए हैं यभेश के घय. वाह क्मा घय है ! दस ू या सूत्रधाय – आज यभेश जी भॊडी नहीॊ गए . रगता है दोस्तों का इॊतजाय कय यहे हैं. यभेश – सपवता ! खाना तैमाय है फक नहीॊ? वो रोग आते ही होंगे. सपवता – हाॉ, खाना एकदभ तैमाय है . याचधका – ऩाऩा, आऩ चिॊता भत कयो खाना तैमाय है . रगता है ..... गेट के ऩास कोई गाड़ी रुकी है शामद आऩके मभत्र आ गए. (यभेश दयवाज़े से फाहय ननकर कय जाते हैं औय अऩने मभत्र, डॉ. सुनीर औय प्रीनत को रे कय आते हैं सपवता औय याचधका फाहय आते हैं. यभेश सफका ऩरयिम कयाते हैं ) यभेश – मे है सपवता, भेयी धभा ऩत्नी औय मह है याचधका, भेयी फेटी, र्दल्री पवश्वपवद्मारम से फीएससी कय यही है . औय मह हैं डॉ. सुनीर बायद्वाज, भेये सहऩाठी. मह हॉर्टा कल्िय साइॊर्टस्ट हैं. औय मे है प्रीनत, इसे बी याचधका के कॉरेज भें दाखखरा रेना है . प्रीनत फड़ी होनहाय है . सुनीर – नभस्ते बाबीजी, है रो फेटा. आऩसे मभर कय खश ु ी हुई. सपवता – नभस्ते बाइसाहफ, आइमे, फैर्ठए. आओ प्रीनत, आऩ बी आओ. याचधका – है रो अॊकर. है रो प्रीनत. जगजीत अॊकर कहाॉ हैं ? सुनीर – गाड़ी ऩाका कयके आ यहे हैं. आऩका घय तो फहुत सुॊदय है . औय याचधका फेटा तुम्हायी ऩढ़ाई कैसी िर यही है ? याचधका – फहुत अच्छी अॊकर. भेयी ऩयीऺाएॉ फस कर ही सभाप्त हुई हैं. सुनीर – अच्छा, फहुत अच्छी फात है . खफ ू अच्छे अॊक राना. (तबी सपवता ऩानी रे कय आती है ) सपवता – ऩानी रीजजमे औय आऩ फतामे बाईसाहफ आऩके घय भें सफ कैसे हैं ? आऩ बाबीजी को साथ क्मों नहीॊ रामे? सुनीर – सफ कुशर भॊगर है बाबीजी. वे आना तो िाहती थी ऩय उन्हे छुट्टी नहीॊ मभर ऩामी . प्रीनत का एडमभशन आऩने ही कयवाना है . यभेश – हाॉ, हाॉ, क्मों नहीॊ ? प्रीनत तो ऩढ़ाई भें फहुत अच्छी हैं. इसका एडमभशन तो पटापट हो जाएगा. (तबी घण्टी फजती है ) यभेश – रगता है , जगजीत मसॊह जी बी आ गए. भैं दयवाज़ा खोरता हूॉ. याचधका – ऩाऩा, आऩ फैर्ठए, दयवाज़ा भैं खोरती हूॉ. (याचधका दयवाज़ा खोरती है ) याचधका – नभस्ते अॊकर. आइए, अॊदय आइए. जगजीत – है रो फेटा. कैसे हो? याचधका – है रो अॊकर. भैं ठीक हूॉ अॊकर. जगजीत – नभस्ते यभेश बाई, नभस्ते बाबीजी. अये वाह यभेश बाई आऩ तो हभसे बी ऩहरे ऩहुॉि गए. यभेश – आज दक ु ान गमा ही नहीॊ. कुछ र्दनो से िक्कय-सा आ यहा है . सन ु ीर – अये ! डाक्टय को र्दखाना िार्हए. यभेश – मे तो इस भौसभ भे हो ही जाता है . औय जगजीत बाई इस फाय आभ की पसर तो अच्छी हुई है . जगजीत –हाॉ, पसर तो अच्छी हुई है . भैं तो याचधका बफर्टमा के मरए फगीिे से ताज़े आभ तड़ ु वा कय रामा हूॉ. याचधका – ओह, धन्मवाद अॊकर. आऩके फगीिे के आभो का स्वाद ही अरग है . (सपवता कोल्ड डरॊक रे कय आती है ) सपवता – मे फात तो है बाई साहफ. याचधका के ऩाऩा िाहे भॊडी से कोई बी वेयाइटी के आभ क्मों ना रे आएॉ, याचधका उसे हाथ नहीॊ रगाती. उसको आऩके फगीिे का ही आभ ऩसॊद है . यभेश – याचधका फेटा, तेये जगजीत अॊकर के फगीिों का ही आभ फेिता हूॉ भैं औय वही आभ घय ऩय बी राता हूॉ. याचधका – ऩय अॊकर जो आभ राते हैं उनकी स्वाद औय खश ु फू अरग ही है . यभेश – हभें बी फता दो जगजीत बाई , कौन सा भसारा रगाते हो आभ ऩकाने भें . जगजीत – भैं कोई भसारा नहीॊ रगाता. भैं तो फगीिे से हल्के ऩके पर तुड़वा कय ऩेटी भें ऩैक कयके रे आता हूॉ. महाॉ आने तक पर अऩने आऩ सही ऩक जाते हैं. सुनीर – यभेश बाई, फुया न भाने तो एक फात ऩूछूॉ, क्मा आऩ परों को ऩकाने के मरए उनभें भसारा रगाते हो ? यभेश – अफ आऩसे क्मा छुऩाना सुनीर बाई! भसारा रगामे फगैय हभाया गुज़ाया नहीॊ है . औय मह तो ऩूयी दनु नमा रगाती है . हभाये ऩास परों की ज्मादाताय सप्राई ऩॊजाफ, हरयमाणा, र्हभािर औय मू.ऩी. जैसे दयू दयाज़ इरा़ों से आती है. र्दल्री भें तो फगीिे है नहीॊ. अगय हभ फगीिों से ऩका हुआ पर भॊगवाएॉ तो वो यास्ते भें ही खयाफ हो जाएगा औय खद ु या व्माऩायी तक एक िौथाई पर ही ऩहुॉि ऩाएगा. इस तयह तो हभें भन ु ापे की जगह घाटा हो जाएगा. औय परों की डडभाॊड बी हभ ऩयू ी नहीॊ कय ऩामेंगे. प्रीनत – अॊकर, क्मा इस भसारे से आऩका भतरफ कैजल्समभ काफााइड से है ? यभेश – हाॉ. उसे ही हभ भसारा कहते हैं. सन ु ीर – कौन-कौन से पर ऩकाते हो आऩ भसारा रगाकय? यभेश – रगबग सबी. आभ औय केरा तो ऩकाते ही हैं . साथ ही ऩऩीता, नाशऩाती, सेफ, प्रभ, अभरूद, भें बी रगाते हैं. सुनीर – ऩय यभेश बाई, इसका प्रमोग तो गैय कानूनी है . जगजीत – हभसे तो यभेश बाई कच्िे पर भॊगवाते हैं, जो हभ बेज दे ते हैं. हभ इस भसारे-वसारे के िक्कय भें नहीॊ ऩड़ते. सुनीर - कैजल्समभ काफााइड तो फहुत हाननकायक ऩदाथा है . इसीमरमे तो सयकाय ने इसे फैन फकमा है . उसका इस्तेभार कयते सभम हभ उसके दष्ु प्रबावों के फाये भें नहीॊ सोिते. सयकाय के प्रमासों के फावजद ू इस ऩय योक रगा ऩाना असॊबव सा रगता है . औय इसका प्रमोग धड़ल्रे से होता है . आऩ रोगों ने इसी कैजल्समभ काफााइड को भसारे का नाभ दे र्दमा है . क्मा आऩकी भॊडी भें इस ऩय कोई योक-टोक नहीॊ है ? यभेश – सयकायी आदभी तो आते हैं कबी-कबी. रेफकन हभाये ऩास औय कोई िाया बी तो नहीॊ है ! जैसा फक भैंने आऩको फतामा ही है फक ऩके हुए पर भॊगवाने से तो हभे घाटा ही होता है . सुनीर – आऩ फगीिों से हल्के ऩके पर ऩैक कयके भॊगवा सकते हैं, जजस तयह फक जगजीत जी रामे हैं. मा फपय आऩ एक गैस, जजसका नाभ “इथाइरीन” है , का प्रमोग कच्िे परों को ऩकाने के मरए कय सकते हैं. इसके अरावा “इथोपोन” का घोर बी प्रमोग कय सकते हैं. यभेश – हाॉ, माद आमा, एक फाय भॊडी भें परो को ऩकाने के मरए इथाइरीन गैस का एक डेभो तो हुआ था. कुछ सभम तो भैंने बी इसका प्रमोग फकमा, ऩय इसभें फहुत झॊझट है औय इथाइरीन तो हभें फहुत भहॊ गी बी ऩड़ती है . इसमरए सफकी दे खा दे खी भैंने बी फपयसे भसारा ही इस्तेभार कयना शुरू कय र्दमा. औय मह इथो.... ऩता नहीॊ कौनसा घोर... इसके फाये भें तो भैंने कबी सुना ही नहीॊ है . सन ु ीर – अये यभेश बाई, सफकी दे खा दे खी तो आऩ ऐसे कह यहे हो जैसे आऩ हय काभ दे खा दे खी ही कयते हो. जगजीत – सन ु ीर बाई, मे सफ तो ठीक है ऩय आऩ ऩहरे भझ ु े मे फताओ फक पर ऩकाने के मरए मे सफ जो िीज़ें आऩ फता यहे हो, मे सफ बी तो यसामन ही हैं. सन ु ीर – जफ पर प्राकृनतक तयीके से ऩकते हैं तो उनभें इथाइरीन गैस ही फनती है . इसमरमे इथाइरीन गैस परों को ऩकाने का प्राकृनतक तयीका है . इसीमरमे वैऻाननक इसकी वकारत कयते हैं. याचधका – भैं फहुत दे य से आऩ रोगों की फातें सुन यही हूॉ. अॊकर मे परों के ऩकने का प्राकृनतक तयीका क्मा है ? आऩ भुझे अच्छी तयह फताइमे, भैं अऩना प्रोजेक्ट इसी ऩय फना रॉ ग ू ी. सुनीर – ठीक है , ऩहरे तो आऩ औय प्रीनत भुझे मे फताओ फक पर क्मा है ? प्रीनत – पर फीज का फाहयी आवयण है . ऩकने ऩय मह ज्मादातय भीठा हो जाता है . ऩका हुआ पर एक प्रीडाइजेस्टे ड फ़ूड है . इससे हभाये शयीय की पवटामभन औय पाइफय की ऩूनता होती है . इसीमरमे मे स्वास््म के मरए अच्छा भाना जाता है . सुनीर - जफ पर कच्िा होता है तो वह हया, खट्टा, स्टािा औय ऩेजक्टन मुक्त होता है . जफ मह ऩकना शुरू होता है तो इसभे इथाइरीन गैस फनने रगती है जजसकी वजह से परों का यॊ ग हये से रार, ऩीरा मा सॊतयी होने रगता है , खट्टाऩन िरा जाता है . स्टािा शुगय भें फदर जाता है औय मभठास आ जाती है . ऩेजक्टन टूट जाता है औय पर नयभ होने रगता है . प्रीनत - इस तयह ऩके हुए पर से एक अरग सी सुगॊध आती है जजसे हभ अयोभा कहते हैं. सुनीर - ऐसा पर कुछ उस आभ जैसा ही होता है जो जगजीत जी आऩके मरए राते हैं. जफ एक पर ऩकने रगता है तो उसभे से इथाइरीन गैस ननकरने रगती है औय इस गैस से धीये धीये फगीिे मा ऩेटी के औय पर बी ऩकने रगते हैं. अगय ऩेटी भें कच्िे परों के साथ एक-दो ऩके पर यख र्दए जाएॉ औय इस ऩेटी को थोड़ी गयभ जगह ऩय यख र्दमा जामे तो दो-िाय र्दनों भें गभी, नभी औय इथामरीन से सबी पर ऩक जाएॉगे. याचधका – तो फपय मह कैजल्समभ काफााइड क्मा कयता है ? सन ु ीर – कैजल्समभ काफााइड से बी इथामरीन गैस ननकरती है . जो परों को ऩका दे ती है . यभेश- तो फपय कैजल्समभ काफााइड के प्रमोग भें क्मा नक ु सान है . असर भें क्मा है सन ु ीर बाई फक मे भसारा हभें फहुत सस्ता ऩड़ता है . एक फकरो भसारा आठ-दस टन पर ऩकाने के मरए कापी है . औय इतने सारों भें कबी भझ ु े रगा ही नहीॊ फक इसके प्रमोग से कोई नक ु सान बी है . भझ ु े तो मे बी सभझ नहीॊ आता फक आखखय सायी दनु नमा इस काफााइड के ऩीछे ही क्मॉू ऩड़ी है . सुनीर - कैजल्समभ काफााइड का प्रमोग सुयक्षऺत तयीका नहीॊ है इससे फहुत सी फीभारयमाॉ हो जाती है . इसमरमे सयकाय ने ‘प्रेवेंशन आफ़ फ़ूड एडल्ट्रे शन एक्ट’ के तहत इसके प्रमोग ऩय ऩाफॊदी रगाई है जजसके तहत 6 भहीने की जेर मा एक हज़ाय रुऩमे जुभााना मा दोनों बी हो सकते हैं. प्रीनत – ऩाऩा, हभने तो ऩढ़ा है फक मे कैजल्समभ काफााइड स्टीर की वैजल्डॊग मानन गैस वैजल्डॊग कयने के मरए प्रमोग होती है औय इससे कैंसय होने का ऽतया होता है . सुनीर – हाॉ, महाॉ तक फक जो रोग पराहाय कयते हैं औय खाने भें केवर ऐसे पर इस्तेभार कयते हैं जो कैजल्समभ काफााइड से ऩके हों तो उन्हें भाउथ अल्सय, ऩेट भें जरन औय महाॉ तक फक फ़ूड ऩोइजननॊग बी हो सकती है . कैजल्समभ काफााइड से ऩके हुए परों की शेल्प राइप कभ हो जाती है अथाात उन्हें ज़्मादा र्दन तक यखा नहीॊ जा सकता. जो कैजल्समभ काफााइड आऩ प्रमोग कयते हो, उसभें आसेननक औय पोस्पोयस की अशुपि मभरी होती है , जो कैंसय ऩैदा कयती है . जगजीत – फपय तो जो रोग इसे र्दन-यात छूते हैं, उन्हे तो औय बी ज्मादा नुकसान होता होगा. सुनीर - जो रोग इसके सॊऩका भें अचधक यहते हैं, जैसे फक यभेश जी औय उनके कभािायी, उनके मरए तो मे ऽतया तो औय बी ज़्मादा है . ऐसे रोगों भें मसय ददा , भूड डडस्टफेंस, हाइऩोऺीमा, िक्कय आना औय हय सभम नीॊद आने जैसी मशकामतें हो जाती हैं. अगय कैजल्समभ काफााइड को गीरे हाथों से छू मरमा जाए तो हाथों भें छारे ऩड़ सकते हैं. जो रोग ऐसे परों को ठीक से धो कय नहीॊ खाते, उनभें बी मे मशकामतें हो सकती हैं. यभेश – हाॉ, मसयददा तो भुझे बी होता है औय भुझे नीॊद सी बी आती यहती है , खास तौय से उस र्दन, जजस र्दन भैं गोदाभ जाता हूॉ. औय १-२ सारों से इस भौसभ भे तो भुझे िक्कय-सा बी आने रगा है . सुनीर - कैजल्समभ काफााइड से होने वारे नक् ु सानों का असय धीये धीये र्दखता है . इस भौसभ भे आभ आता है . औय आऩका ज्मादा काभ आभ का ही है . उसभे आऩ काफााइड रगाते हो औय साया र्दन उसके फीि भें यहते हो . इसी वजह से आऩको मे मशकामत हो जाती है . सपवता – भैं बी जफ रॊफे सभम तक डाइर्टॊग कयती हूॉ, औय फ्रूट डाइट ऩय यहती हूॉ तो भेया भड ू ठीक नहीॊ यहता औय भेये भॉह ु भें छारे हो जाते हैं. भझ ु े तो ऐसा रगता था फक मे बूखे यहने की वजह से है . ऩय अफ रग यहा है फक मे परों फक वजह से है . जगजीत – तफ तो ऐसी िीज़ ऩय योक रगाना ही ठीक है . रोग पर खाते हैं सेहत के वास्ते औय उनको मभरती है फीभारयमाॉ. मे तो कोई फात नहीॊ हुई फक रोग इतना भहॉ गा पर खयीदें औय फदरे भें फीभारयमाॉ ऩामें. सपवता – यभेश, रोग तो एक-दो ही पर खाते हैं ऩय आऩ तो र्दन-यात इसी कैजल्समभ काफााइड के फीि ही यहते हो. आऩको तो अचधक सावधानी की जरूयत है . पऩताजी की भत्ृ मु बी कैंसय से ही हुई थी. क्मा ऩता इसका कायण बी मे कैजल्समभ काफााइड ही हो. औय मे जेर औय फ़ाइन वारी फात से तो भझ ु े डय ही रग यहा है . आऩ मे कैजल्समभ काफााइड का प्रमोग फॊद कय दीजजमे. यभेश – अये -अये ! रगता है तुभ रोग भेया धन्धा फॊद कयवा के भानोगे. सुनीर – अये नहीॊ यभेश बाई. फुया भत भाननए. कबी आऩने सोिा है फक क्मों आऩकी फेटी आऩके फजाम फकसी औय के रामे आभ खाना ऩसॊद कयती है . सपवता – बाई साहफ ठीक कह यहे हैं. आऩ अऩने िायों ओय दे खखमे. आजकर रोग अऩने स्वास््म के मरए फकतने जागरूक हो गए हैं. रोग आगेननक फ़ामभिंग औय ऩमाावयण जैसे पवषमों के फाये कापी जानकायी यखते हैं. फकस तयह रोगों ने मोग को अऩने स्वास््म के मरए वाऩस अऩनामा है . सुनीर - पवदे शो भें तो पर पवक्रेता कैजल्समभ काफााइड का प्रमोग बफल्कुर नहीॊ कयते हैं. आज जजस तयह आए र्दन ये डडमो, टीवी औय सभािाय ऩत्रों भें परों को ऩकाने भें कैजल्समभ काफााइड के प्रमोग औय उसके नुकसान के फाये भें आता यहता है . तो रोग जल्दी ही ऐसे पर खाना छोड़ दें गे. यभेश – तो फपय हभ अऩना भार बफना भसारा रगामे फेिे कैसे ? सुनीर - आऩ अऩने पर प्राकृनतक तयीके से ऩका कय फेचिए. आज रोग फाजाय भें ‘ओगेननक फ़ूड’ औय ‘ट्रान्स पैट-फ्री’ फ़ूड की भाॉग कयते हैं. इसके मरए वे अचधक कीभत िक ु ाने को बी तैमाय हैं. अऩने परों को ‘काफााइड फ्री-फ्रूट’ कह कय फेचिए. दे खखमे आऩका ब्ाॊड जल्दी ही फाजाय भें छा जाएगा. उसभें कुछ ‘सही खामें, सयु क्षऺत खामें,’ ‘खद ु ऩकाएॉ, सेहत ऩामें’ जैसे स्रोगन मरख कय फेिें. जगजीत - वाह सन ु ीर बाई, मे आऩने अच्छी कही. आऩको तो बफजनस सराहकाय होना िार्हए. साथ भे परों को सयु क्षऺत तयीके से ऩकाने का तयीका बी ऩेकेट भे मरख दो तो सोने भें सह ु ागा. सन ु ीऱ – भैं तो अच्छा सराहकाय तबी भाना जाऊॉगा जफ यभेश बाई भेयी फात ऩय अभर कयें गे औय दस ू यों को बी मही सराह दें गे. एक सभझदाय बफजनस भैन वही है जो सभम के साथ खद ु को फदरे औय सभम के साथ, फजल्क सभम से आगे िरे. फाजाय भें आने वारे सभम भें फकस िीज़ की भाॉग हो सकती है , इसे सभम यहते सभझे. फाजाय भें काफााइड फ्री फ्रूट मभरेगा तो रोग जरूय रें गे. सपवता – ऩय हभ ऐसे परो को कैसे ऩहिान सकते हैं जजनभे कैजल्समभ काफााइड का प्रमोग फकमा गमा हो? सन ु ीऱ – ऐसे परो की शेल्प राइप फहुत कभ होती है मानन उन्हे ज्मादा र्दन तक घय भें यखा नहीॊ जा सकता. ऩूये पर का यॊ ग एक जैसा होगा. उनभें जल्दी ही अजीफ से कारे-कारे धब्फे र्दखामी दें गे. औय कहीॊकहीॊ परों भें कुछ गाॉठ सी बी मभर सकती है . इनका यॊ ग तो सुॊदय हो जाता है ऩय ऐसे पर कुछ ज्मादा ही सॉफ्ट होते हैं. औय 2-3 र्दन भें ही फेस्वाद हो जाते हैं. रमेश – आज आऩने भेयी आॉखे खोर दी. भैं अफ कैजल्समभ काफााइड का प्रमोग फॊद कय दॉ ग ू ा. औय आऩके फतामे हुए तयीके इस्तेभार करूॉगा. साथ ही अऩने साचथमों को बी मही सराह दॉ ग ू ा. फजल्क भैं तो मे सोि यहा हूॉ फक क्मों नहीॊ आऩको ही फुरा मरमा जाए सफ को सभझाने के मरए. सुनीऱ – िरो, दे य आए दरु ु स्त आए. भैं तो आने के मरए हभेशा तैमाय हूॉ. जल्दी ही हभाया डडऩाटा भेंट इस पवषम ऩय एक जागरूकता कामाक्रभ (awareness programme) शुरू कयने जा यहा है . असर भें भैं आज र्दल्री इसी पवषम ऩय एक सेमभनाय भें बाग रेने आमा हूॉ. सविता – आज एक फात तो फहुत अच्छी हुई फक याचधका को अऩने ऩाऩा के रामे हुए आभ खाने को मभरेंगे जजनभे वही जगजीत जी वारे आभों का स्वाद होगा. िमरमे अफ खाना रग गमा है . खाना खा रीजजमे. राधधका – थैंक मू अॊकर. आज आऩकी फातें सन ु कय फहुत अच्छा रगा. भुझे दोहया फ़ामदा हुआ- एक तो भुझे अऩने प्रोजेक्ट का पवषम मभर गमा औय भझ ु े योज काफााइड फ्री पर खाने को मभरें गे. ( सफ हॉसते हैं ) ऩहरा सूत्रधाय – तो कुछ सभझ आमा फॊधु ! सेहत फनाने के मरए पर खाने हैं तो काफााइड फ्री पर खाइमे वयना भत खाइमे. दस ू या सत्र ू धाय – हाॉ जी , कहीॊ रेने के दे ने न ऩड़ जामें. पर खाने वारों के मरए सराह है फक वे काफााइड फ्री पर खाए औय अच्छी तयह धोकय खाएॊ. पर फेिने वारों के मरए सराह है फक काफााइड फ्री पर ही फेिें. सभम यहते खद ु बी जाग जाइमे औय दस ू यों को बी जगाईए. सही खाइमे, सयु क्षऺत खाइमे. आज के मरए फस इतना ही . नभस्काय.