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येडडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक

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येडडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक
ये डडमो धायावाहहक : ऩयभाणु से ससतायों तक
एपऩसोड शीषषक : तयर सोने की चभक
अवधध : 25 मभनट
स्क्रिप्ट : नीराक्षी शभाा बट्टाचामाा
सभन्वमक : श्री फी.के. त्मागी
ह द
िं ी अनुवाद : श्रीननवास ओरी
ऩात्र ऩरयचम
1- योहन : आठवीीं कऺा का छात्र
2- नेहा : तीसयी / चौथी कऺा की छात्रा
3- शाींतनु : योहन व नेहा के पऩताजी
4- दादाजी : योहन व नेहा के दादाजी
5- दादीजी : योहन व नेहा की दादीजी
6- अनषव : शाींतनु के बाई के दोस्त
7- ऩयभाणु : सूत्रधाय (अऩेक्षाकृत बायी आवाज़)
8- काफषन ऩयभाणु
SIGNATURE TUNE …………………… FADE OUT
ऩयभाणु : (Welcome + Intro) नभस्ते दोस्तो। कैसे हैं आऩ रोग। अये ! क्मा आऩ रोगों ने
भुझे ऩहचाना नहीीं। भैं तो दनु नमा की हय जगह भें भौजूद हूीं। भैंने ही हवा औय ऩेड़-ऩौधों
को बी फनामा है । आऩको बी भैंने ही फनामा है । उरझन भें ऩड़ गमे क्मा ? कहीीं आऩ
रोग भुझे बगवान तो नहीीं सभझ यहे ( िं सी की आवाज) नहीीं... नहीीं... भैं बगवान नहीीं हूीं।
भैं तो ककसी बी चीज की एक फनु नमादी इकाई हूीं। भैं एक ऩयभाणु हूीं। दे खा जाए तो भैं
एक फेहद भाभूरी सी चीज हूीं। भैं कई रूऩों भें भौजूद हूीं।
क्मा आऩ रोगों ने काफषन
ऩयभाणु के फाये भें सुना है । आज भैं काफषन ऩयभाणु से आऩ रोगों का ऩरयचम कयाऊींगा।
-------------------SIGNATURE TUNE--------------------काफान ऩयभाणु : नभस्ते दोस्तो। भैं हूीं काफषन ऩयभाण।ु आऩ रोग भझ
ु े पवसबन्न चीजों भें
दे ख सकते हैं। भैं बी हय जगह हूीं, आऩके बोजन भें बी, आऩके कऩड़ों भें बी। ऩेड़-ऩौधे
औय जन्तुओीं भें बी कयीफ अठायह पीसद हहस्सा काफषन ही होता है ।
ऩयभाणु : काफषन एक टे ट्रावेरेंट (चतुसम
ं ोजी) है । मह हाईड्रोजन, क्रोयीन व नाइट्रोटन आहद
के साथ इरेक्ट्रोनों के सींमोजन से फींध फना सकता है । हाइड्रोजन के साथ सभरकय मह
हाईड्रोकाफषन का ननभाषण कयता है । हाइड्रोकाफषन हय जीपवत चीज भें भौजद
ू होते हैं। क्मा
आऩ जानते हैं कक भौजद
ू ा सभ्मता भें ऊजाष का फनु नमादी स्रोत क्मा है । मह हाइड्रोकाफषन ही
हैं। इन सफ चीजों को ज्मादा फेहतय तयीके से सभझने के सरमे चसरमे चरते हैं योहन औय
नेहा के घय।
---------------SCENE TRANSITION MUSIC --------------
ऩयभाणु : दे खो, वे हैं योहन औय नेहा। वे अऩने दादाजी के घय के अींदय की ओय जा यहे
हैं। चरो, हभ बी उनके साथ चरते हैं दे खते हैं कक वहाीं चर यहा है ।
यो न, ने ा : (दोनों एक साथ, जोय से) दादाजी, दादीजी, .... कहाीं हैं आऩ रोग।
दादीजी : (उत्साह त
ोते ु ए) अये .. योहन औय नेहा। अींदय आओ प्माये फच्चो। आऩ रोगों
ने तो अचानक आकय चौंका ही हदमा।
दादाजी : आऩके भम्भी-ऩाऩा कहाीं हैं ?
ने ा
: पऩताजी काय को ऩाककंग भें खड़ा कय यहे हैं। भम्भी जी हभाये साथ नहीीं आ सकीीं।
वो ककसी जरूयी काभ से अऩने स्कूर गई हुई हैं।
दादीजी : (कुछ उदासी के साथ) अच्छा…
शािंतनु : प्रणाभ भाीं जी, प्रणाभ पऩताजी, कैसे हैं आऩ रोग।
दादीजी : हभ रोग एकदभ अच्छे हैं... आओ.. आओ... फैठो।
दादाजी : क्मा आऩ रोगों की गसभषमों की छुहिमाीं शुरू हो गई हैं।
यो न : हाीं दादाजी, हभायी ऩयीऺाएीं बी खत्भ हो गई हैं।
दादीजी : आऩ रोग फातचीत कयो... भैं सबी के सरए कॉपी फनाकय राती हूीं।
यो न : दादीजी, साथ भें आऩके हाथों के स्ऩेशर ऩकौड़े बी।
दादीजी : ठीक है ... ठीक है .. अये ! ससरें डय की गैस तो खत्भ हो गई है । (यसोईघय से
जोय से आती आवाज़) शाींतनु, जया स्टोयरूभ से दस
ू या ससरेंडय राने भें भेयी भदद तो कयो।
शािंतनु : आता हूीं भाीं जी,
ने ा : दादीजी, हभ रोग ससरेंडय से आग कैसे जरा रेते हैं।
दादाजी : भेये साथ आओ नेहा। दादी को अऩना काभ कयने दो। भैं आऩको ससरें डय की
कहानी सुनाऊींगा। ससरें डय भें एक गैस बयी यहती है जजसे एर.ऩी.जी. कहते हैं।
यो न : भुझे ऩता है दादाजी। मह सरजक्वपाइड ऩेट्रोसरमभ गैस मानी तयर ऩेट्रोसरमभ गैस
है ।
दादाजी : हाीं... शाफाश।
ने ा : मे गैस हभें कहाीं से सभरती है ?
दादाजी : मह एक ऩेट्रोसरमभ उत्ऩाद है । योहन, क्मा आऩ जानते हो कक ऩेट्रोसरमभ क्मा
होता है ?
यो न : हाीं...मे.... मे जीवाश्भों से उऩजा हुआ ईंधन है ।
दादाजी : हूीं... ऩेट्रोसरमभ, कोमरा औय प्राकृनतक गैस को जीवाश्भ ईंधन कहा जाता है ।
ऩेट्रोसरमभ फेहद कीभती है इससरमे इसे तयर सोना बी कहा जाता है । साभान्मतमा मह
कारे-ऩीरे यीं ग का द्रव धयती की सतह नीचे ऩामा जाता है ।
ने ा : (आश्चमामभधश्रत रवय भें ) क्मा कहा ? धयती की सतह के नीचे तेर है ?
दादाजी : हाीं, भत
ृ सभुद्री जीव-जींतुओीं के अवशेष हजायों कपट गाद, ये त औय सभिी के नीचे
दपन होते चरे गमे। राखों वषों के फाद बायी दफाव व गभी की वजह से वो तेर औय
गैस भें तब्दीर हो गमे।
ऩयभाणु : सुना आऩने ? वे रोग ऩेट्रोसरमभ के फाये भें फातें कय यहे हैं। ऩेट्रोसरमभ,
पवसबन्न आणपवक वजन वारे हाइड्रोकाफषन औय तयर जैपवक मौगगकों से सभरकय फना
होता है । धयती के अींदरूनी दफाव औय ताऩभान की वजह से हल्के हाइड्रोकाफषन जैसे कक
भीथेन, ईथन, प्रोऩन औय ब्मूटेन गैस के रूऩ भें सभरते हैं जफकक ऩेन्टे न औय दस
ू ये बायी
हाइड्रोकाफषन ठोस मा तयर अवस्था भें ऩामे जाते हैं।
(शािंतनु का प्रवेश)
शािंतनु : आऩ रोग ककस फाये भें फाते कय यहे हैं। पऩताजी, भैंने कर यात सुदीप्तो से पोन
ऩय फात की थी। उन्हें डडगफोई रयपाइनयी भें अऩनी नौकयी कापी यास आ यही है , रेककन
उन्हें हभ सबी की कापी माद आती है ।
यो न : दादाजी जी, सद
ु ीप्तो अींकर ने
डडगफोई की कुछ शानदाय तस्वीयें ईभेर से बेजी
हैं। वहाीं एक फड़ा गोल्पकोसष है । क्मों ना हभ रोग गसभषमों की छुहिमों भें डडगफोई की एक
मात्रा कय रें ।
दादाजी : सही कहा। आऩकी दादीजी बी अऩने छोटे फेटे से सभरने का फेसब्री से इींतजाय
कय यही हैं।
दादीजी : ओह...योहन, आऩको भझ
ु े वो तस्वीयें हदखानी होंगी। अच्छा... अफ सबी रोग
कॉपी औय स्नैक्स रे रीजजमे।
यो न : वाह.. स्वाहदष्ट ऩकौड़े। राइमे, भुझे बी दीजजए।
शािंतनु : शुकिमा भाींजी।
(कापी ऩीने की आवाज़ें)
दादाजी : नेहा, आऩके सुदीप्तो अींकर की नौकयी बी ऩेट्रोसरमभ से ही सींफींगधत है ।
ने ा : सच भें !
दादाजी : हाीं, असभ का डडगफोई बायत भें तेर उद्मोग की जन्भस्थरी है । अभेरयका भें
ऩेनीससल्वेननमा के फाद मही वो जगह है जहाीं ऩय व्मावसानमक रूऩ से काभमाफ तेर का
ऩहरा कुआीं खोदा गमा था।
(घिंटी फजने की आवाज़)
अनाव : (फा य से आती आवाज़) चाचाजी...
शािंतनु : (चककत रवय भें ) अये वाह ! अनषव। आइमे... आइमे...
दादाजी :
वाह... सद
ु ीप्तो बरे ही हभाये साथ नहीीं है रेककन उसका दोस्त तो महीीं है ।
अनषव, कापी अच्छा रगा आऩको दे खकय।
अनाव : प्रणाभ चाचाजी, कैसे हैं आऩ।
दादाजी : हभ रोग अच्छे हैं। आऩ भुींफई से कफ आमे ?
अनाव : फस, कुछ हदन ऩहरे ही आमा। भैं आजकर छुहिमों भें हूीं।
दादीजी : आओ अनषव, फैठो... औय मे कॉपी रो।
शािंतनु : योहन, आऩके अनषव चाचा ने फॉम्फे हाई भें नौकयी शुरू की है । अफ वो
ओएनजीसी मानी तेर एवीं प्राकृनतक गैस ननगभ भें एक अगधकायी हैं। अनषव, दयअसर
पऩताजी इनको ऩेट्रोसरभम के फाये भें फता यहे हैं।
यो न : अींकर, आऩ बी भुींफई हाई के फाये भें हभें कुछ फताइमे।
अनाव : सफसे ऩहरे आऩ भुझ एक ऩकौड़ा दीजजए।...(ऩकौडे खाते ु ए) फॉम्फे हाई अयफ
सागय भें सभुद्रतट के कयीफ जस्थत एक तेर ऺेत्र है । वहाीं हभ सभुद्र की तरहटी के नीचे
से तेर ननकारते हैं।
यो न : वाह.. मे तो कापी योचक है । क्मा हभ वहाीं की सैय कय सकते हैं।
अनाव : नहीीं.. नहीीं। वहाीं घूभने के सरमे जाना भना है । वहाीं कापी जोखखभ है । हभ रोग
वहाीं जुहू से हे रीकॉप्टय से जाते हैं, मह कापी भहीं गा बी है । फॉम्फे हाई भें कापी उम्दा
ककस्भ का ऩेट्रोसरमभ ऩामा जाता है । दनु नमा भें कई साये तेर उत्ऩाद ऺेत्र हैं। कुवैत औय
सऊदी अयफ के तेर ऺेत्र दनु नमा भें सफसे फड़े हैं। वहाीं रोग ये त औय सभिी की ऩयतों से
होते हुए उन चिानी सींयचनाओीं तक गहयी खद
ु ाई कयते हैं जजनभें तेर औय गैस के बींडाय
होते हैं।
यो न : अच्छा !
अनाव : बायत भें तो हभायी जरूयत का कयीफ अस्सी प्रनतशत हहस्सा दस
ू ये दे शों जैसे कक
ईयान औय सऊदी अयफ वगैयह से आमात ककमा जाता है ।
दादाजी : कच्चे तेर को सीधे इस्तेभार नहीीं ककमा जा सकता है । पवसबन्न तेर ऺेत्रों से
ननकारा गमा तेर ऩाइऩराइनों, टैं कयों मा जहाजों के जरयमे रयपाइनयी मानी तेर शोधक
कायखानों तक ऩहुींचामा जाता है । रयपाइनयी भें कच्चे तेर को साप ककमा जाता है जजसके
फाद उससे ऩेट्रोर, डीज़र, केयोसीन, यसोई गैस औय दस
ू ये कई ककस्भ के ऩेट्रोसरमभ ऩदाथष
हाससर हो सकें।
शािंतनु : आजकर ऩरयवहन के साधनों भें उम्दा ककस्भ के ऩेट्रोसरमभ का इस्तेभार ककमा
जाता है ।
अनाव : हल्के ऑटोभोफाइर व हवाई जहाजों भें ईंधन के तौय ऩय भख्
ु मतमा ऩेट्रोर का ही
इस्तेभार होता है । जफकक डीजर का ज्मादातय प्रमोग ऩानी के जहाज, ये र इींजन, फस,
ट्रक व जनये टयों वगैयह भें होता है । भेयी नई काय बी डीजर इींजन से ही चरती है ।
शािंतनु : अच्छा... आऩने एक नई काय खयीदी है ? चरो, फाहय चरते हैं औय काय दे खते
हैं।
यो न : नेहा, दादीजी, चसरमे, अींकर की नई काय दे खते हैं।
दादीजी : चरो, चरते हैं।
(धचडडमों के च च ाने की आवाज़ें)
शािंतनु
: (उत्साह त
ोते ु ए) वाह.. मे है आऩकी नई काय।
यो न व ने ा : वाह, मे तो शानदाय काय है ।
अनाव : अच्छा... मे आऩ रोगों को बी ऩसींद आई। शुकिमा। चाची जी, आऩने अऩने
फगीचे को कापी सींवाय कय यखा है । हये ऩेड़ों की वजह से आसऩास कापी सुींदय रग यहा
है ।
दादीजी : शुकिमा अनषव। मे भेया शौक है ।
अनाव :
चाची जी, भैं आऩके सरमे कुछ रेकय आमा हूीं। वह भेयी काय भें है । एक सभनट
रूको, भैं अबी रेकय आता हूीं। (काय के दयवाजे खोरने की आवाज़)
चाची जी, मे आऩके
सरमे है । भैंने इसे भींफ
ु ई से खयीदा।
दादीजी : वाह...भोभ का शो-ऩीस। फेहद सुींदय है । शुकिमा अनषव।
यो न : नेहा, क्मा तुम्हें ऩता है कक भोभ बी एक ऩेट्रोसरमभ उत्ऩाद है ।
ने ा : भुझे तो मकीन नहीीं होता। योहन, आऩको कुछ बी जानकायी नहीीं है ।
दादाजी : नेहा, योहन ने सही कहा है ।
यो न : (गवा बये रवय भें) भैं कापी कुछ जानता हूीं नेहा।
ऩयभाणु : ऩैयाकपन भोभ औय नेफ्थरीन धीभे पऩघरने वारे ठोस हाइड्रोकाफषन हैं।
दादाजी :
नेहा, जन्भहदन ऩय जराई जाने वारी भोभफजत्तमाीं औय ड्राइींग भें इस्तेभार होने
वारे िेमान बी हभें ऩेट्रोसरमभ उत्ऩादों से ही सभरते हैं।
ने ा : सच भें ?
दादाजी : आऩ रोगों ने सड़कों ऩय गचऩगचऩा सा ऩदाथष दे खा होगा। उसे कोरताय कहते हैं
औय वह बी ऩेट्रोसरमभ उत्ऩाद ही है ।
ने ा : हाीं.. हाीं.. भैंने दे खा है ।
यो न :
भैंने कहीीं ककताफ भें ऩढा था कक प्राजस्टक बी ऩेट्रोसरमभ से ही फनामा जाता है ।
अनाव :
हाीं, प्राजस्टक, साफुन, डडटजेंट, ऩें ट, कई दवाइमाीं, उवषयक, कीटनाशक, ससींथेहटक
कऩड़े, यफय वगैयह ऩेट्रोकेसभकर से फनामे जाते हैं। ऩेट्रोकेसभकर मानी वो यसामन जो कक
ऩेट्रोसरमभ से सभरते हैं। क्मा आऩ मकीन कय सकती हो नेहा ?
ने ा :
वाह... इतनी सायी चीजें।
दादीजी : मे तो भझ
ु े बी ऩता नहीीं था कक ऩेट्रोसरमभ से इतनी सायी चीजे सभरती हैं।
अनषव : चाची जी, ऩेट्रोकेसभकर तो फेहद आभ चीजों भें बी सभरते हैं, जैसे कक सीडी
(CD), वीडडमो टे ऩ, इरेक्ट्रॉननक उऩकयण, पनीचय, काय... औय बी तभाभ चीजें।
शािंतनु : इसका भतरफ तो मे हुआ कक ऩेट्रोसरमभ के फगैय तो जजींदगी ठहय सी जाएगी।
अनाव : सफसे चौंकाने वारी फात तो खाने-ऩीने की चीजों भें बी ऩेट्रोसरमभ की भौजूदगी
है । बफमय औय कुछ दवाइमों जैसे एजस्प्रन भें बी ऩेट्रोसरमभ होता है ।
शािंतनु : सच भें ! मे तो कापी अजीफ है ।
यो न : अींकर, क्मा आऩने बफमय चखी है ।
अनाव : (कुछ शभााते ु ए) हूीं... एक मा दो फाय...
दादाजी : अये योहन, क्मों शाींतनु को शसभंदा कय यहे हो।
(सबी के िं सने की आवाज)
यो न : (धीभी आवाज भें ) सॉयी... भुझसे गरती हो गई।
दादाजी : जीवाश्भ ईंधन के कुछ पामदे हैं जैसे कक उनके जरने के फाद कुछ बी शेष नहीीं
फचता। वो आसानी से जर बी जाते हैं औय उनका कैरोयी भान बी ज्मादा होता है ।
यो न : अींकर, अगय तेर ऺेत्र भें आग रग जाती है तो क्मा होता है ।
अनाव : कबी-कबी ऐसा हो जाता है । सत्ताइस जुराई सन दो हजाय ऩाींच को एक फड़े
अजननकाींड भें फॉम्फे हाई का उत्ऩादन से जुड़ा एक हहस्सा नष्ट हो गमा था। इस हादसे भें
फाईस रोगों की जान चरी गई थी।
दादीजी : ओह... मे तो फहुत फयु ा हुआ।
यो न : अींकर, फड़ा होकय भैं बी कुछ साहससक काभ कयना चाहता हूीं। भैं बी फॉम्फे हाई
भें काभ कयना चाहूींगा।
ने ा : योहन की जजींदगी का रक्ष्म तो फदरता यहता है । कबी वो ऩामरट फनना चाहता है
तो कबी इींजीनमय...
(सबी रोगों के िं सने की आवाज़)
शािंतनु : ऩहरे आऩ अच्छी तयह से ऩढाई कय रो, फड़े हो जाओ, औय कपय तम कयो कक
कौन का काभ आऩके सरए फेहतय है ।
अनाव : ऩेट्रोसरमभ उत्ऩाद औय तेर व गैस खोज के ऺेत्र भें ओएनजीसी, इींडडमन ऑमर
कॉयऩोये शन औय बायत ऩेट्रोसरमभ बायत की सफसे अच्छी कींऩननमाीं हैं। सऊदी अयफ की
कींऩनी सऊदी अयै भको दनु नमा की सफसे फड़ी तेर कींऩनी है ।
दादीजी : आऩ रोगों ने कापी फातों ऩय चचाष कय री है । रेककन आऩ प्रदष
ू ण की फात तो
बर
ू ही गमे।
शािंतनु :
हाीं.. इन सबी ईंधन का जरना प्रदष
ू ण का एक फड़ा स्रोत है । योहन.. भेये ख्मार
से आऩको मे तो ऩता ही होगा कक ऩेट्रोर, डीजर आहद के जरने से काफषन
भोनोऑक्साइड, काफषन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्पय डाईऑक्साइड जैसी
गैसें ननकरती हैं। काफषन भोनोऑक्साइड तो जहयीरी होती है । इन गैसों के प्रदष
ू ण से साींस
सींफींधी कई गींबीय योग जैसे अस्थभा, ब्रोंकाइहटस होते हैं औय हभाये पेपड़ों को नक
ु सान
ऩहुींचता है ।
यो न : पऩताजी, भैंने ग्रीन हाउस गैसों के फाये भें ऩढा है ।
शािंतनु : हाीं, ईंधन के जरने से वातावयण भें काफषन डाईऑक्साइड, भीथेन आहद वगैयह की
भात्रा फढ जाती है । इन गैसों की भोटी ऩयत ग्रीन हाउस के नरास ऩैनर की तयह काभ
कयती है । मे गैसें सूमष की योशनी को अींदय तो आने दे ती हैं रेककन धयती की सतह से
वाऩस रौटने वारी गभी को फाहय नहीीं ननकरने दे तीीं। इसी ग्रीन हाउस प्रबाव की वजह से
नरोफर वॉसभंग होती है ।
ने ा :
नरोफर वॉसभंग का भतरफ क्मा है ?
शािंतनु : इसका भतरफ है धयती भें वातावयण के ताऩभान भें फढोतयी। ध्रुवीम इराकों भें
फपष का पऩघरना, सभुद्र सतह भें फढोतयी, फेतहाशा फाढ आहद नरोफर वॉसभंग का ही
नतीजा हैं।
अनाव : धींध
ु औय तेजाफी फारयश के सरए बी नाइट्रोजन डाईऑक्साइड औय सल्पय
डाईऑक्साइड जजम्भेदाय हैं। तेजाफी फारयश से हभाये ऩेड़ ऩौधों, सभिी औय जराशमों को
नुकसान ऩहुींचता है । तेजाफी फारयश ने ताजभहर को बी नुकसान ऩहुींचामा है । नेहा, क्मा
आऩने कबी ताजभहर दे खा है ?
ने ा
: हाीं अींकर... रेककन मे धुींध क्मा होती है ।
अनाव : धुींए औय कोहये का सभश्रण धुींध कहराता है । धुींध की वजह से औद्मोगगक ऺेत्रों भें
प्रदपू षत हवा का जभाव सा हो जाता है जजससे कक साींस सींफध
ीं ी सभस्माएीं ऩैदा होती हैं।
योहन, क्मा आऩने तेर रयसाव के फाये भें सुना है ।
यो न
: नहीीं अींकर, भैंने तो नहीीं सुना है ।
अनाव
: जफ कबी, टैं कयों से मा कपय सभुद्र भें तेर के कुओीं भें से कच्चा तेर फहने
रगता है तो उसे तेर रयसाव कहते हैं। तेर रयसाव से बी प्रदष
ू ण पैरता है । भहासागयों भें
होने वारा तेर रयसाव तो फेहद पवनाशकायी होता है ।
शािंतनु
: हाीं... अरास्का भें सन उन्नीस सौ नवासी (1989) भें हुए तेर रयसाव के फाये भें
भैंने बी ऩढा है ।
अनाव : हाीं... मे हादसा तो कापी बीषण प्रदष
ू ण की वजह फना था।
यो न : अींकर, तफ वास्तव भें हुआ क्मा था ?
अनाव : मे चौफीस भाचष उन्नीस सौ नवासी की फात है । एक्सॉन वाल्डेज़ (Exxon Valdez )
नाभ का एक सभुद्री तेर टैं कय कैरीपोननषमा के सरमे यवाना हुआ था। मे टैं कय अरास्का भें
पप्रींस पवसरमभ नाभक नछछरे सभद्र
ु भें ब्राई यीप चिान से टकया गमा जजससे कयीफ एक
कयोड़ गैरन (11 million gallons) कच्चे तेर का रयसाव हो गमा। इस बमानक तेर रयसाव
ने तेयह सौ भीर से ज्मादा रींफी तटये खा को फुयी तयह से प्रबापवत ककमा। इस ऺेत्र भें
जनजीवन ऩय फेहद फुया असय ऩड़ा औय हजायों ऩऺी व सभद्र
ु ी जानवय भाये गमे।
दादीजी : मे तो कापी दख
ु की फात है ।
ऩयभाणु : ओह...तो मे हाइड्रोकाफषन अनजाने भें वातावयण को प्रदपू षत कय यहे हैं। आओ,
अबी एक व्मस्त सड़क ऩय जाते हैं औय दे खते हैं कक ईंधन के जरने से ऩमाषवयण ऩय क्मा
प्रबाव ऩड़ यहा है ।
---------------SCENE TRANSITION MUSIC --------------
(व्मरत सडक ऩय वा नों के चरने की आवाज़ें)
ऩयभाणु : ओह... मे फस औय ट्रक ककतना साया धुींआ औय कासरख छोड़ यहे हैं। भुझे तो
घट
ु न हो यही है । ओह... दे खो.. उस गाड़ी के इींजन से तो खयाफ तेर सड़क ऩय टऩक यहा
है । अफ मे तेर ऩानी तक ऩहुींचग
े ा औय इसके साथ ही फेंजीन के रूऩ भें घातक ऩदाथष बी।
मे ऩानी औय सभिी, दोनों को ही जहयीरा कये गा। सुनो रोगो...आऩ रोगों को ईंधन के
इस्तेभार भें कापी सावधान यहना चाहहमे..... फेहतय होगा कक अफ हभ वाऩस खूफसूयत
फगीचे की ओय चरें जहाीं कक योहन औय नेहा भौजूद हैं।
---------------SCENE TRANSITION MUSIC -------------ने ा : दादीजी जी, हये ऩेड़-ऩौधे अऩना बोजन फनाने के सरए काफषन डाईऑक्साइड का
प्रमोग कयते हैं, क्मा मे फात सही है ?
दादीजी : हाीं। मे हये ऩेड़-ऩौधे वातावयण भें से काफषन डाईऑक्साइड की भात्रा को कभ कय
दे ते हैं। सुफह के वक्त, जफ भें इस फगीचे भें आती हूीं तो साींस रेने भें रगता है कक भैं
ज्मादा ताजी हवा रे यही हूीं। हये ऩेड़-ऩौधे रगाकय हभ अऩनी धयती को प्रदपू षत होने से
फचा सकते हैं।
अनाव : ककतना अच्छा होता अगय सबी रोग चाची जी की तयह सोचते। नेहा, योहन...
हभको बी प्रदष
ू ण योकने भें अऩनी बसू भका ननबानी चाहहमे।
ने ा : वो बरा कैसे ?
अनाव : आऩ रोग स्कूर कैसे जाते हो ?
ने ा : अऩनी काय से।
अनाव : आऩ रोग अऩनी काय के फजाम ऩजब्रक ट्राींसऩोटष का इस्तेभार कय सकते हो।
इससे सड़क ऩय चरने वारे वाहनों की सींख्मा घटे गी।
दादीजी : अनषव.. आऩका घय हभसे ससपष दो ककरोभीटय दयू है । कपय बी आऩ काय से
आमे। आजकर के नौजवानों ने तो ऩैदर चरना बफल्कुर ही फींद कय हदमा है ।
यो न : अगय हभ ऩैदर चरें गे मा फस से आएींगे तो इससे ईंधन तो फचेगा, रेककन सभम
ज्मादा खचष होगा।
ने ा : रेककन.. हभें ईंधन फचाने की जरूयत ही क्मा है ?
दादाजी : कुदयत भें जीवाश्भ ईंधन सीसभत भात्रा भें हैं। इससरमे हभें उसे आने वारी
ऩीहढमों के सरए फचाकय यखना है , वयना हभें बपवष्म भें बीषण ऊजाष सींकट से जूझना
ऩड़ेगा। साथ ही हभ ईंधन का कभ इस्तेभार कयके प्रदष
ू ण को बी योक सकते हैं।
शािंतनु : इसके साथ ही हभें ऊजाष से वैकजल्ऩक स्रोतों जैसे सौय ऊजाष, ऩवन ऊजाष का बी
इस्तेभार कयना चाहहमे। आजकर तो वैऻाननकों ने फामो-फ्मूर, हाईबब्रड काय औय बफजरी
से चरने वारी कायें बी फना री हैं, जो कक हाननकायक गैस बी उत्सजजषत नहीीं कयतीीं।
दादाजी : हभें बफजरी बी फचानी चाहहमे, क्मोंकक ऩेट्रोसरमभ का प्रमोग बफजरी उत्ऩादन भें
बी होता है ।
ने ा : योहन अक्सय बफजरी औय ऩींखे के जस्वच ऑप कयना बर
ू जाता है औय अऩने
कभये से फाहय आ जाता है ।
यो न : नेहा... तुभ बी तो बर
ू जाती हो... ससपष भुझे ही दोष दे यही हो। हय वक्त टीवी
ऩय काटूषन शो दे खती यहती हो.. उसका क्मा। क्मा तफ बफजरी फफाषद नहीीं होती।
दादाजी : ठीक है .. ठीक है .. अफ फहस भत कयो।
शािंतनु : फेहतय होगा कक हभ इसे अऩने जेहन भें यखें औय बपवष्म भें ऐसी गरनतमाीं ना
कयें ।
अनाव : योहन, आऩके पऩताजी सही कह यहे हैं... वैसे... भुझे अबी दे य हो यही है । भुझे
अबी खयीदायी कयने जाना है । कर भेयी भाताजी का जन्भहदन है । भुझे उनके सरए एक
तोहपा खयीदना है ।
दादीजी : अनषव, भैं बी आऩकी भाताजी को कुछ तोहपा दे ना चाहती हूीं। एक सभनट रुको।
भैं अबी रेकय आती हूीं।
ने ा : अींकर, आऩ गगफ्ट भें क्मा खयीदने वारे हैं ?
अनाव : अबी तो कुछ तम नहीीं ककमा है । फाजाय भें जाकय ही दे खूींगा।
दादीजी : अनषव, मह नीभ का एक ऩौधा है । इसे आऩ अऩनी भाताजी के सरए रे जाइमे।
अनाव : वाह.. शुकिमा चाची जी... भेयी भाताजी के सरमे मे वास्तव भें एक कीभती तोहपा
होगा।
दादाजी : वास्तव भें तुम्हायी चाची हये ऩेड़ – ऩौधे रगाकय हभायी प्मायी धयती का ख्मार
ही यख यही हैं।
ने ा : भेयी सफसे प्मायी दादीजी... आऩ फहुत अच्छी हो।
अनाव : नेहा, अगरी फाय भैं आऩके सरमे िेमान रेकय आऊींगा.. ठीक है ? रेककन अबी
भैं चरता हूीं।
शािंतनु : ठीक है अनषव। अफ भेये नमे घय भें आना।
अनाव : जरूय... जरूय...। योहन.. नेहा, अगय आऩ रोग डडगफोई जाओ तो भुझे बी फताना।
भैं बी साथ चरींग
ू ा।
यो न व ने ा : (एकसाथ) जरूय अींकर.. जरूय।
दादाजी : ठीक है अनषव। कपय सभरते हैं।
अनाव : अच्छा चाचाजी प्रणाभ... फाम फच्चो...
यो न व ने ा : नभस्ते अींकर... फाम—फाम
ऩयभाणु : तो दोस्तो... उम्भीद है कक आऩ मह अच्छी तयह से सभझ गमे होंगे कक अफ
हभ सबी को एक साथ सभरकय आगे आना होगा... जजससे हभायी प्मायी धयती ज्मादा
हयी-बयी औय यहने के सरए एक फेहतय जगह फन सके।
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