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साबुन एवं प्रचालक
साबुन एवं प्रचालक लेखखका: ज्योखत ससह बरार [email protected] फोन नं: 9999926198 (दरवाजे की घंटी बजती है) मीना: कौन है? (बततनों की अवाज) अशी: (ज़ोर से). मैं हूँ मम्मी...... (दरवाजा खुलने की अवाज..... क़दमों के ऄंदर अने की अवाज) मीना: मेरी बेटी! तुम्हारा ददन कै सा रहा स्कू ल में? तुम्हे भूख लगी होगी। अशी: हाूँ मम्मी! मीना: हे भगवान (अशी से गुस्सा करते हुए) अशी तुम आन कपड़ों के साथ क्या करती हो? देखो ये दकतने गंदे हैं.... अशी: कु छ नहीं मम्मी मैं बस आन्हें पहनती हूँ और ये गंदे हो जाते हैं। मैंने साबुन और प्रचालक के बहुत सारे खवज्ञापन देखे हैं। अप भी ईनमें से एक आस्तेमाल कर सकती हैं। मीना: बेटा कु छ भी शत प्रखतशत नहीं होता। ईनकी भी कु छ सीमा होती है। अशी: कै सी सीमा मम्मी? और कु छ सवाल मेरे ददमाग में अ रहे हैं, साबुन और प्रचालक कै से बने? दकसने ईन्हें सबसे पहले आस्तेमाल दकया? (दरवाजे की घंटी बजती है...... दरवाजा खुलने की अवाज क़दमों के ऄंदर अने की अवाज..) मीना: नमस्कार खप्रय! ये तो बहुत ऄच्छा तोहफा है, अप जल्दी अ गए! (क़दमों के ऄंदर अने की अवाज) नवीन: हाूँ....... थोड़ा जल्दी अ गया लेदकन बहुत थक गया। अशी कहाूँ है? (नवीन कार की चाखबयाूँ मेज़ पर रखता है..... चाखबयाूँ मेज़ पर रखने की अवाज) मीना: यहाूँ है अशी। अपका ददन जरूर थकान भरा रहा होगा लेदकन अपकी तकलीफ मुझसे कम ही होगी। नवीन: ऐसा क्यों? मीना: अपकी बेटी को ऄके ले संभालना बहुत काम है। नवीन: (हूँसते हुए) सच! ऄब ईसने क्या दकया? मीना: मैंने खसफत ईससे ये पूछा दक ईसके कपड़े आतने गंदे क्यों हैं और ईसने मुझसे ढेरों सवाल पूछ डाले। क्यों, कै से, क्या, आखतहास, भूगोल वगैरह। नवीन: (घमंड से) ईसका खजज्ञासु ददमाग है। ये एक बहुत ऄच्छा संकेत है। (तभी अशी कमरे में खचल्लाती हुइ प्रवेश करती है। दौड़ते हुए क़दमों की अहट) अशी: पापा.... पापा.... नमस्ते पापा। अपका ददन कै सा रहा पापा? नवीन: ऄच्छा था मेरी बच्ची। तुम बताओ की तुम्हारा स्कू ल कै सा रहा? तुम्हारी मम्मी ने बताया की तुम साबुन और प्रचालक की कहानी जानना चाहती हो। अशी: स्कू ल ऄच्छा रहा। (ईत्सुकता और खजज्ञासा के साथ) अप जानते हैं दक साबुन और प्रचालक कै से बनें? और वो कै से काम करते हैं? और दकसने ईन्हें बनाया? और...... नवीन: हे भगवान! तुम्हारे पास तो बहुत सारे सवाल हैं। पहले मुझे हाथ-पाूँव धो लेने दो, दफर मैं तुम्हारे सवालों के जवाब देने की कोखशश करूूँगा। अशी: ठीक है पापा। (सीन बदल जाता है, बदलने का संगीत) (कप और प्लेटों की अवाज) नवीन: अशी..... अशी.... यहाूँ अओ बेटा, ऄब मैं तुम्हारे सारे सवालों के जवाब देने के खलए तैयार हूँ। पर एक एक करके पूछना। अशी: मम्मी को भी बुला लें वो साबुन और प्रचालक ऄखधक आस्तेमाल करती हैं। नवीन: खबलकु ल। अशी: मम्मी.... मम्मी...... कृ पया अआये। मीना: अ रही हूँ अशी। (कदमों के ऄंदर अने की और कु सी खींचने की अवाज) नवीन: शुरुअत करते हैं साबुन के आखतहास से। मीना: बदढ़या! क्या सचमुच आनका कोइ आखतहास है। मैं साबुन और प्रचालक बहुत सालों से आस्तेमाल कर रही हूँ, खबना ये जाने हुए और खबना आस पहलू के बारे में सोचे हुए। नवीन: आस तरह के कु छ संकेत खमलते हैं दक साबुन बनाने की प्रदिया के बारे में बखबखलयों और फोखनखशयस को पता थी। अशी: ऄच्छा नवीन: एक रोमन दंतकथा के ऄनुसार साबुन को ईसका नाम सपो नामक पवतत से खमला, जहाूँ रोमन पशुओं की बखल चढ़ाया करते थे। स्पष्टतया, पशुओं का वसा लकखडयों की राख में खमल गया और पवतत से नीचे बह गया जहाूँ औरतों ने पाया की ईस खमश्रण से कपडे धोने से ईनके कपडे ज्यादा साफ हो गए। मीना: (अश्चयतचदकत हो कर) ये दुघतटना ही थी। (या ये संयोग ही था) नवीन: ऄठारहवीं शताब्दी के दौरान साबुन एक खवलास वास्तु थी और यहाूँ तक दक आस पर कर भी लगता था। ये मुख्यतः धखन लोगों द्वारा ही आस्तेमाल दकया जाता था। अशी: (खुश हो कर) ऄब हर कोइ आसे आस्तेमाल कर सकता है। नवीन: एक समय में एक व्यखि हुअ खजसका नाम था इयूखजन शेखवरयूल (Eugene Chevreul), आसने साबुन का रासायखनक व्यवहार का पता लगाया। अशी: रासायखनक व्यवहार? पापा मेरी सहेली रूही भी व्यवहार में बहुत ऄच्छी है। (दोनों माता-खपता हूँसते हैं) मीना: रासायखनक व्यवहार के वल रसायनों का होता है तुम्हारी सहेली रसायन नहीं है वो एक प्राणी है। अशी: ऄच्छा! ऄब मुझे समझ में अ गया। नवीन: एक सामग्री है जो साबुन बनाने में आस्तेमाल होती है। और हम सब भली-भांखत ईससे पररखचत हैं। क्या कोइ बता सकता है वो क्या है? मीना: मुझे पक्का तो नहीं पता लेदकन मैंने सुना है दक साबुन बनाने में वनस्पखत तेल का आस्तेमाल होता है। नवीन: तुमने सही सुना है। साबुन अमतौर पर पशु वसा या वनस्पखत तेल की सोखडयम हाआड्रोओक्साआड की प्रखतदिया के साथ होने से बनाया जाता है। मीना: दफर सभी साबुन एक दूसरे से प्रकृ खत में खभन्न कै से है? नवीन: वनस्पखत तेल ऄसंतृप्त काबतन श्रृंखलाओं के साथ तरल या सौम्य साबुन बनाते हैं। पशुओं के वसा से बने साबुन सख्त या कठोर साबुन की श्रेणी में अते हैं। नाररयल तेल और छोटी काबतन श्रृंखलाएं खमलकर ऄखधक घुलनशील साबुन बनाते हैं। अशी: बहुत ऄच्छा (ताखलयों की अवाज) ऄब मैं ऄपने खमत्रों को बताउंगी दक साधारण नाररयल तेल से घर में भी साबुन बनाया जा सकता है। नवीन: लेदकन बेटा साबुन बनाने के खलए खसफत ये ही काफी नहीं है। ये बहुत ही खवखशष्ट प्रदिया है। (दरवाजे की घंटी बजती है......) अशी: ऄब कौन अया है? मीना: शोर मत मचाओ मुझे देखने दो। (कदमों की अवाज, दरवाजा खुलता है) शोभा: नमस्ते! मीना: नमस्ते शोभा! कै सी हो तुम? शोभा: मैं ठीक हूँ। मुझे थोड़ा खवरं जक चूणत चाखहए, तुम्हारे पास है क्या? मीना: खवरं जक चूणत दकस खलए? शोभा: मैंने सुना है दक खवरं जक चूणत से सख्त दाग साफ़ दकए जा सकते हैं। मेरे बेटे की शटत पर कु छ दाग लग गए हैं और मैं ईन्हें साफ़ करना चाहती हूँ। आन बच्चों को तो तुम जानती ही हो। मीना: हाूँ मैं समझ सकती हूँ। अशी भी..... अशी: मम्मी.... मैं एक ऄच्छी लड़की हूँ। (दोनों औरतों के हंसाने की अवाज) मीना: ठीक है! शोभा तुम ऄंदर अओ और बैठ जाओ। मैं देखती हूँ मेरे पास है दक नहीं। (कदमों की अवाज, प्लाखस्टक के बततनों में कु छ ढू ूँढने की अवाजें) मीना: ये कु छ खमला। (कदमों की अवाज) मीना: शोभा ये बहुत कम है। शोभा: कोइ बात नहीं। ये काफी है, मुझे ज्यादा नहीं चाखहए। आससे हो जाएगा। धन्यवाद और नमस्ते। मीना: ठीक है नमस्ते! अशी: नमस्ते अंटी! शोभा: नमस्ते अशी! (क़दमों की अवाज और दरवाजा बंद होने की अवाज) (दौड़ते हुए क़दमों की अवाज) अशी: पापा शोभा अंटी कोइ चूणत मांग रही थी। नवीन: कै सा चूणत मीना? मीना: ऄरे ! वो कु छ खवरं जक चूणत मांग रही थी। ईसका बेटा भी ऄपने कपड़े गंदे कर लाया है। ईसे वो ऄपने बेटे की शटत साफ़ करने के खलए चाखहए। नवीन: ठीक है। क्या हम साबुन एवं प्रचालक की कहानी को अगे ले जा सकते हैं? अशी: पापा मेरे ददमाग में एक प्रश्न है। नवीन: पूछो। अशी: शोभा अंटी ने कहा दक ईन्हें खवरं जक चूणत दाग साफ़ करने के खलए चाखहए। ऄगर खवरं जदिरं जक चूणत से दाग खनकल सकते हैं तो साबुन और प्रचालक दकस खलए हैं? नवीन: खवराक्न्जक चूणत के वल सख्त दागों के खलए हैं और आसके लगातार आस्तेमाल से कपड़ों को नुकसान पहुूँच सकता है। मीना: चलो मैं आसे असान बना देती हूँ। खवरं जक चूणत एक छड़ी की तरह है और सख्त दाग बुरे बच्चों जैसे। बुरे बच्चे के वल छड़ी की भाषा समझते हैं। नवीन: (हंसते हुए) क्या ईदाहरण है मीना? (अशी भी हंसती है) नवीन: मजाक के अलावा, साबुन एवं प्रचालक का मूल काम क्या है? अशी: मुझे आसका जवाब देने दीखजए। ह्म्म्म्म..... प्रचालक हमारे कपड़ों को चमकदार साफ़ बनाता है और साबुन हमारी त्वचा को सुन्दर बनाते हैं। ये मैंने टीवी पर देखा है।नवीन: लेदकन ये खसफत सामान बेचने के खलए कहा जाता है। नहाने का साबुन मूल रूप से शरीर को साफ़ करता है। और यही प्रचालक के खलए भी लागू होता है। मीना: आसका मतलब कोइ भी साबुन त्वचा को खूबसूरत नहीं बना सकता। अशी: ओह! मम्मी ऄब अप खमस आं खडया जैसी नहीं ददखोगी.... वो साबुन लगाने के बाद जो अप खरीद कर लाआ है। (चहकते हुए) (नवीन भी हूँसता है) नवीन: वाकइ दुखद है! मीना: तुम दोनों मेरा मजाक ईड़ाना बंद करो। नवीन: ठीक है खप्रय! क्या हम साबुनों को खजस तरह वे खवज्ञाखपत होते हैं खवभाखजत कर सकते हैं? अशी: बच्चों के साबुन। नवीन: बदढ़या! मीना: ताज़गी देने वाले साबुन, जड़ी-बूटी या औषधीय साबुन। नवीन: बहुत ऄच्छा! ये मखहला वगत बहुत ही ऄच्छा है। मीना: मखहला वगत हमेशा ही ऄच्छा होता है। नवीन: मुझे शक है! ९अखश और नवीन के हंसाने की अवाज) अशी: (हूँसते हुए) लेदकन क्या चीज़ साबुन को पारदशी या ऄपारदशी बनाती है? नवीन: वास्तव में, सोखडयम हाआड्रोऑक्साआड की वजह से साबुन में बड़े स्फरटक बनते हैं, खजसकी वजह से साबुन ऄपारदशी हो जाता है। साबुन को पारदशी बनाने के खलए हमें साबुन को ज्यादा खवलायक में घोलना होगा तादक ईसके स्फरटक आतने छोटे हो जाएूँ दक रौशनी ईसमे से असानी से पार हो जाए। खजससे दक साबुन पारदशी हो जाए। वह खवलायक खललसरोल, एल्कोहल या खललसरोल-एल्कोहल का खमश्रण भी हो सकता है। मीना: ठीक है हम आस खवषय के बारे में बाद में बात करें गे। ऄभी मुझे ये बताआए दक क्या औषधीय साबुन त्वचा संबंधी रोग ठीक कर सकते हैं? नवीन: ये एक बहुत ऄच्छा प्रश्न है। (थोड़ा रुक कर) नवीन: जैसा दक खवज्ञापनों में कहा दक औषधीय साबुन पररमाजतन एजेंट होने के साथ रोगाणुरोधक भी होते हैं। यहाूँ साबुन को औषखध-वाहक की तरह समझा जाता है जोदक खवलेप या मरहम की तरह काम करता है। पर हमें आस बात का ध्यान रखना चाखहए दक साबुन तत्वतः एक पररमाजतन एजेंट है। साबुन को शारीर पर लगाने के तुरंत बाद हम ईसे पानी से धो देते हैं।खजससे की गन्दगी के साथ ईसमे ऄगर कोइ औषखध है भी तो वह धुल जाती है। मीना: आसका मतलब ये है दक हम औषखध को आतना समय नहीं देते दक त्वचा ईसे सोख सके । दफर ये कै से त्वचा संबंधी रोगों को ठीक कर सकते हैं? नवीन: ऄगर हम खासतौर से जीवाणु-नाशी साबुनों के बारे में बात करे तो ईनमे प्रायः जीवाणु-नाशक होते हैं। जब ये जीवाणुनाशक सा. खडग्री सेखल्शयस तापमान पर गरम कर ददए जाते हैं तो ये त्वचा के खलए बहुत हाखनकारक हो जाते हैं। क्योंदक ऐसा करने से ये एक जहरीला या खवषैले पदाथत में पररवर्ततत हो जाते हैं। मीना: ओह! क्या ये ऐसा है? नवीन: हाूँ! औषखध वाले साबुनों में सुगंखधत तेल होते हैं। मीना: नवीन सब्नो की एक और श्रेणी है तरल साबुन। नवीन: हाूँ! तुमने सही कहा। तरल साबुन ऄखधकतर दाढ़ी बनाने के साबुन और द्रव साबुनों में आस्तेमाल होता है। ये पानी में साधारण साबुन के मुकाबले ऄखधक घुलनशील है। साधारण साबुन सोखडयम साबुन होते हैं वही ूँ तरल साबुन पोटेखशयम साबुन होते हैं। अशी: पापा मेरे ददमाग में एक खवचार अ रहा है। हम क्या पाकत में चल सकते हैं? हम वाहन पर बैठेंगे और साबुनों और प्रचालकों के बारे में बात करें गे। मीना: लेदकन मुझे तो खाना बनाना है। नवीन: ये एक ऄच्छा खवचार है। मुझे भी थोड़ी ताज़ी हवा चाखहए। मीना: ठीक है।अशी: (खुशी से खचल्लाते हुए) ये ये ...... (दृश्य बदल गया, दूसरा संगीत (transition music) पखियों के चहचहाने की अवाज, बच्चों के खेलने की और संबंखधत अवाजें) नवीन: मुझे ताज़ी हवा बेहद पसंद है। अशी: मुझे भी पापा। मीना: ये वाकइ बहुत ताज़गी देने वाली है। अशी: ठीक है पापा ऄब मुझे बच्चों के साबुन के बारे में बताआए। नवीन: ये तुम्हारी श्रेणी है। अशी: (खुश होते हुए) बताआए न पापा। नवीन: बच्चों के साबुन साधारण साबुनों से बहुत ऄलग नहीं होते, बस से अम साबुनों की तुलना में ऄखधक शुद्ध होते हैं। क्यों तुम बता सकती हो? अशी: क्योंदक बच्चों की त्वचा सौम्य और संवेदनशील होती है। नवीन: हाूँ, तुम ठीक हो मेरी बच्ची। आसीखलए जो तेल बच्चों के साबुन बनाने के खलए आस्तेमाल होते हैं वो साफ़ और खवरं खजत होने चाखहए। दकसी भी रं गद्रव्य की बच्चों के साबुनों में गुंजाइश नहीं है और खुशबू वाले सामान भी के वल मात्र ही डाले जाते हैं। बच्चों के साबुन में स्वतंत्र िार मात्रा 0.05 प्रखतशत से ऄखधक नहीं होनी चाखहए। साधारण साबुन में खनक्कल जैसी ऄशुद्धता हो सकती है लेदकन बच्चों के साबुन में ऐसी कोइ चीज़ नहीं होनी चाखहए। मीना: आसका मतलब ये है दक वो तुलनात्मक सस्ते होने चाखहए। क्या मैं सही हूँ नवीन? नवीन: (मजाक करते हुए) तुमने साखबत कर ददया दक तुम एक ऄच्छी गृहणी हो, हमेशा रूपए और कीमत की बात करती हो। (अशी की जोर से हंसने की अवाज) मीना: (हंसते हुए) देखा आसे सब समझ में अ गया। अशी: पापा अप बहुत मजादकया हैं। (हंसते हुए) मीना: मजाक के ऄलावा, ऄब हमें पारदशी साबुनों के बारे में बताआए। (पाकत में बच्चों की और पखियों की अवाजें) नवीन: पारदशतक साबुन साफ़ या स्पष्ट होते हैं खजसमे खललसरीन की मात्रा ऄखधक होती है। आन्हें ऄक्सर खललसरीन साबुन भी कहा जाता है। पारदशतक साबुन ऄपारदशी साबुन के मुकाबले त्वचा को कम रूखा बनाता है क्योंदक आसमें मृदक ु ारी या प्रशामक तेल जैसे की सही बटर या जोजोबा तेल होता है। अशी: जोजोबा तेल! नवीन: जोजोबा एक पौधे का नाम है। अशी: मैं आसे याद रखूग ं ी, जोजोबा तेल। नवीन: पारदशी साबुन, मूलतः आसमें साबुन और कु छ खवलायक होते हैं। मीना: मुझे लगता है नवीन ऄब हमें घर वापस चलना चाखहए। मुझे खाना बनाना है। नवीन: ठीक है मीना। अशी अओ। अशी: अ रही हूँ पापा। (दूसरा सीन, transition music, घर का वातावरण, लाइट और पंखों के बटन दबाने की अवाज) मीना: ऄब मैं खाना बनाने जा रही जून। अशी: आसका मतलब ऄब अप हमारे साथ नहीं बैठोगी। नवीन: ऄपनी मम्मी को जाने को अशी, मुझे बहुत तेज़ (तभी लाइट चली जाती है) नवीन: हे भगवन! लाइट चली गइ। मीना: अशी जहाूँ हो वही ूँ रहना कहीं मत जाना। (दकसी के फनीचर से टकराने की अवाज) अशी: हाूँ मम्मी! मैं यहाूँ हूँ लेदकन दिप्यामोम्बखि जलाआए या हर जगह ऄूँधरे ा है। (कदमों की अवाज) मीना: हाूँ मैं ढू ंढ रही हूँ (दकसी व्यखि के कु छ ढू ूँढने की अवाज) (माखचस जलने की अवाज) मीना: क्या तुम वहाूँ हो? (कदमों की अवाज) अशी: हां मम्मी! मीना: ठीक है। नवीन: ऄब हमें क्या करना चाखहए? अशी: चलो छत पर चलें। ऄब हमारी किा वहां लगेगी। नवीन: ये ऄच्छा खवचार है। मीना: लेदकन मुझे खाना बनाना है। मैं अप लोगों के साथ नहीं अ सकती। मुझे पहले ही देर हो रही है। (लाइट अ जाती है.... पंखा चलने की अवाज) अशी: एए..... (ताखलयों की अवाज) हमें ऄब छत पर जाने की जरुरत नहीं है। मीना: मैं अप लोगों के पास दफर बैठंू गी। अशी: ओह! मम्मी कृ पया मत जाआए। भूख लगी है। मीना: अशी क्या तुम्हे तुम्हारा रात का खाना नहीं चाखहए। नवीन: मुझे तो भूख लगी है। अशी: मैं भी! पर मम्मी...... मीना: अशी..... ठीक है तो मैं ऄपने कान यहीं रखूंगी। तादक मैं साबुन और प्रचालक की कहानी सुन सकूं । (दूर जाते हुए कदमों की अवाज। बततनों की अवाज) नवीन: जब तक खाना तैयार होता है तब तक मैं तुमसे एक बहुत ददलचस्प जानकारी देता हूँ। क्या तुम्हे पता है साबुन को कु ल वसीय पदाथत (Total Fatty Matter) के िम से पररभाखषत दकया जाता है। अशी: टीएफएम फु ल फोरम है कु ल........ वसीय.......... पदाथत.......... क्या मैं सही हूँ पापा? ये क्या होता है? नवीन: खबलकु ल ठीक! टीएफएम या कु ल वसीय पदाथत आस चीज का माप है दक साबुन में दकतना कु ल वसीय पदाथत मौजूद है। या यूं भी कह सकते है दक टीएफएम से हम पता कर सकते हैं दक साबुन में दकतना कु ल वसीय पदाथत है । टीएफएम से ही साबुन को वो साबुन भाव या स्पशत खमलता है। और टीएफएम और ईसके ऄघुलनशील पदाथत ही एक साबुन को दूसरे साबुन से ऄलग करते हैं। मीना: अप लोग चावल भी खाना चाहेंगे या मैं खाने में खसफत रोरटयां ही बनाउं? (बततनों की अवाज... कु छ काटने की और संबंखधत अवाजें) नवीन: नहीं! मुझे खसफत रोरटयां चाखहए। नवीन: आस जानकारी में और जोड़े तो 6 यूरो ऑफ आं खडयन स्टेंडडत ने एक ऄलग स्रेनी बनाइ है खजसके तहत नहाने के साबुनों की सामान्य बच्चों के साबुनों, पारदशी साबुनों और प्रखतजीवाणु साबुनों के खवशेष साबुनों की श्रेणी में रखा है। ये खसफत खास ईपभोिाओं के खलए है। मीना: क्या साबुनों में टीएफएम की कोइ सीमा खनधातररत है? नवीन: मुझे ये कहना पड़ेगा मीना तुम एक ऄच्छी श्रोता हो। आस वि मैंमजाक नहीं कर रहा हूँ ये तुम्हारी प्रशंसा है। (बततनों की अवाज) मीना: धन्यवाद! नवीन: ग्रेड एक प्रसाधन साबुनों में खसफत औषधीय साबुनों को छोड़ कर बाकी सभी साबुनों में टीएफएम मान 80 प्रखतशत से उपर होना चाखहए। कोइ भी साबुन खजसमे टीएफएम का मान 55 प्रखतशत से कम हो प्रसाधन साबुन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। अज बाजार में ईपलब्ध 85 प्रखतशत साबुन प्रखसद्ध व्यखियों के द्वारा प्रचार करने के बावजूद प्रसाधन साबुनों की श्रेणी में नहीं अते। मीना: क्या सच में! और अम लोग खबना ये कड़वी सच्चाइ जाने ईन्हें आस्तेमाल करते हैं। हम खसफत आससे जुदा प्रखसद्ध चेहरा देखते हैं। नवीन: बाजार बहुत बड़ा है यहाूँ लोगों के पास बहुत सारे खवकल्प हैं ऄपना ईत्पादन खरीदने से पहले लोग सोचते तक नहीं। मीना: खाना तैयार हो गया है। अ जाओ तुम दोनों। अशी: हां.....! मुझे बहुत भूख लगी है। (कदमों की अवाज) मीना: खाना खाने से पहले ऄपने हाथ धोओ। अशी: साबुन से! ऄब मुझे आस साबुन के बारे में बहुत कु छ पता है। आसकी संरचना, आसकी खुशबू, आसके रासयाखनक गुण और ये कै से बना? (पानी की अवाज, हाथ धोने की अवाज) (कदमों की अवाज, कु सी खींचने की और बततनों की अवाज) नवीन: मीना मुझे थोड़ा सलाद देना। मीना: हां जरुर! अशी: अशी पहले ऄपना खाना खाओ। (बततनों की और चम्मचों की अवाज ) अशी: मम्मी मैं ऄपने अप को रोक नहीं प् रही हूँ कृ पया मुझे जानने दो। (सलाद खाने की अवाज) नवीन: नहाने के साबुन हमारे देश में 1985 में लाए गए, ईस समय हमारा देश वनस्पखत तेल ईद्योगों में आस्तेमाल हो जाता था। बहुत सारा वनस्पखत तेल ईद्योगों में आस्तेमाल हो जाता था। तब सरकार ने खजूर-तेल खवदेशों से अयत करना शुरू दकया। वनस्पखत तेलों के साबुन बनाने में हो रहे आस्तेमाल पर खनयंत्रण रखने के खलए सरकार ने साबुन बनाने वाली कं पखनयों को नहाने के साबुन बनाने के खलए कहा। नहाने के साबुन अने से खाने बनाने वाले तेलों का आस्तेमाल साबुन बनाने में कम होने लगा। आससे घरे लू आस्तेमाल के खलए ऄखधक खाने का तेल खमलने लगा। (चम्मचों की अवाज) मीना: क्या आसका भी कोइ पैमाना है खजससे साबुन की कीमत तय की जा सके ? अशी: मम्मी मुझे थोड़ा पानी दे दो। (खगलास में पानी डालने की अवाज) मीना: लेले अशी। नवीन: साबुन की कीमत ईसमे मौजूद कु ल वसीय पदाथत के ऄनुरूप होती है और ईससे ज्यादा जरुरी है ईसमे आस्तेमाल होने वाला कु ल वसीय पदाथत दकस तरह का है। ऐसा करने से सरकार वनस्पखत तेल के अयत की िांटम को कम करके बहुत साडी खवदेशी मुद्रा बचा सकती है। ऄगर हम नहाने के साबुनों की बात करें तो आन्हें हम दो वगों में खवभाखजत कर सकते हैं – एक वो जो अंखशक साबुन और अंखशक संश्लेखषक प्रचालक (Partial Synthetic Detergent) और दूसरा वो जो पूणततया संश्लेखषक प्रचालक से बने होते हैं। मीना: मैं अपसे एक प्रश्न पूछना चाहती हूँ जो दक बहुत सालों से मेरे ददमाग में है। अशी: मम्मी पहले ऄपना खाना खाआये। (नवीन और अशी हंसते हैं) मीना: (हंसते हुए) तुम दोनों पापा बेटी मेरी टांग खींचने का कोइ मौका नहीं गंवाते हो। नवीन: आसे एक ऄछे रुख में लो मीना। मीना: तुम्हारी टांग खींचने की अदत मुझे मेरा प्रश्न पूछने से नहीं रोक सकती। अशी: क्या बात कही मम्मी! साबुन कै से काम करता है? नवीन: क्या प्रभावशाली प्रश्न है मीना, बहुत ऄछे! चलो मुझे आसे खवस्तार से समझाने दो। धूल, मैल, काखलख त्वचा, कपडों और ऄन्य सतहों पर खचपक जाती है क्योंदक ये खचकनाइ, ग्रीस, खचपखचपी चीजों, खाने बनाने वाले तेल और आसी तरह के सामान चीजों से खचपके होते हैं। ये सारी खचपखचपी चीजों खस्टकी ललू (Sticky Glue) की तरह काम करती है। क्योंदक तेल और पानी का मेल असान नहीं है आसीखलए खसफत पानी से धोने से ये खचकनाहट साफ़ नहीं हो पाती। मीना: अशी के कपड़े धोने के खलए पानी तो क्या प्रचालक (Detergent) भी बेहद शखिशाली होना चाखहए। अशी: मम्मी..... मीना: ऄच्छा ऄब अगे सुनो। नवीन: साबुन खवरं खजत व्यखित्व का होता है। आसके एक खसरे को खजसे हम सर कह सकते हैं जो 'जो तेल-स्नेही' हौर दूसरा खसर जो आसकी पूंछ है 'पानी-स्नेही' होता है। जबदक आसकी पूंछ पानी में ही रहती है। आस तरह तेल छोटे खबन्दुकों में टू ट जाता है। ये छोटे खबन्दुग करे खवलयन या घोल में खबखर जाते हैं, ये खबन्दुक पानी में घुल जाते हैं और असानी से घुल जाते हैं। अशी: ये सचमुच ददलचस्प है पापा। मीना: मैंने कभी ये सोचा भी नहीं था दक साबुन आतने वैज्ञाखनक तरीके के साथ कम करता है, वाह! (चम्मच और प्लेट की अवाज) नवीन: हर चीज के पीछे खवज्ञान है। मीना: अपने सही कहा। अशी तुमने ऄपना खाना खा लखलया।अशी: ऄभी नहीं।मीना: जल्दी खाओ। तुम बहुत धीरे खाती हो। नवीन: ये साबुन के बारे में था, संश्लेखषक प्रचालक में लगभग आसी तरह काम करते हैं। लेदकन कपड़े धोने के खलए साबुन की ऄपेिा प्रचालक ही आस्तेमाल दकये जाते हैं। अशी: पापा साबुन प्रचालक से कै से खभन्न है? मीना: मैंने देखा है दक साबुन खरे पानी में बहुत ऄच्छे तरीके से काम नहीं करता हो सकता है ये खभन्नता हो। नवीन: हाूँ मीना ये ही कारण कइ दक कपड़े धोने के खलए प्रचालक का आस्तेमाल दकया जाता है। खारे पानी में कइ तरह के धाखत्वक अयन पाए जाते हैंजोदक साबुन के ऊणायन के साथ प्रखतदिया करके खचपखचपा और ऄघुलनशील थक्के बना देते हैं । ये खमलकर बततनों में रब ररग बना देती है। ये धुले हुए बालों को भी खचपखचपा बना देती है। मीना: मैंने ये समस्या ऄपने बचपन में झेली है। खजस जगह हम बचपन में रहते थे वाहन पानी की सप्लाइ ठीक नहीं थी। मेरे बाल लगभग हर धुलाइ के बाद खचपक जाते थे। बालों के खलए बहुत बुरे ददन थे। अशी: (अश्चयत से) सच में मम्मी! (नवीन के खगलास से पानी पीने की अवाज) नवीन: साबुन हमारी त्वचा और पयातवरण के खलए कम हाखनकारक होता है। साबुन जैव-खनम्नीकरण करने में सिम हैऔर आसमें तालाबों और नददयों में भी कम प्रदूषण होता है। लेदकन साबुन के कु छ सीमा बंधन हैं आसे हम खारे पानी में आस्तेमाल नहीं कर सकते। जैसा आ मैंने पहले भी बताया दक ये पानी की धाखत्वक ऄशुद्धताओं के साथ खमलकर थक्के बना लेते हैं जो कपड़ों से खचपक जाता है। साबुन संश्लेखषक प्रचालक से कम हाखनकारक होते हैं। और आनसे कम शखिशाली भी। आसखलए धोखबघतों पर साबुन की बजाय प्रचालक का आस्तेमाल होता है। अशी: मम्मी ऄब मेरा पेट भर गया। मीना: ठीक है। ऄपने हाथ और मुंह ठीक से धोओ। (चम्मच, प्लेटों और कु सी के खींचने की अवाज) (हाथ धोने के दौरान नल से पानी खनकलने की अवाज) अशी: क्या तरल साबुन प्रचालक से सौम्य होते हैं? नवीन: हाूँ अशी। तरल साबुन खासतौर से हाथ धोने के खलए बनाए जाते हैं आसखलए ईन्हें त्वचा के ऄनुकूल होना ही चाखहए। जबदक प्रचालक खजद्दी दागों से खनपटने के खलए बनाया जाता है आसीखलए ये सख्त होते हैं। अशी: मुझे समझ में अ गया पापा। (कदमों की अवाज) नवीन: अओ बैठो अशी। थोड़ी देर पहले तुम्हारी शोभा अंटी अइ थी वो..... अशी: हाूँ पापा वो थोड़ी देर पहले अइ थीं। नवीन: कु छ कपड़े धोने के पाईडरों में खवरं जक-एजेंट भी होता है जैसे दक सोखडयम परबोरे ट। ये ऄक्सर ऑक्सीजन का कु छ ऄंश भी खमलता है। आसीखलए, हम कह सकते हैं दक खवरं जक चूणत खजद्दी दाग खनकालने के खलए आस्तेमाल करने में लाया जा सकता है। अशी: आसखलए शोभा अंटी खवरं जक चूणत मांग रही थी। मीना: लेदकन ऄलग – ऄलग तरह के कपड़े धोने का पाईडर होता है। या कहा जाए तो कु छ नाजुक कपड़ों के खलए हमें तरल प्रचालकों का आस्तेमाल करना चाखहए। नवीन: ये खसफत कहने के खलए ही नहीं है मीना आसे पूरी तरह लागू करना चाखहए ऐसा करने से हमारे कपड़ों की ईम्र बढती है। मीना: मैं आतने सालों से कपड़े धो रही हूँ लेदकन मुझे ये नहीं मालूम दक ऄपने कपड़ों के खलए मुझे दकस रासायखनक संयोजक का आस्तेमाल करना चाखहए। नवीन: हर वो व्यखि जो कपड़े धोता है ईसे ये चीज ददमाग में रखनी चाखहए। ईन्हें ऄपना प्रचालक (Detergent) ध्यान से और समझदारी से चुनना चाखहए। अशी: पापा, कृ पया मम्मी को बताआए दक ईन्हें कौन सा प्रचालक चुनना चाखहए ऄलग – ऄलग कपड़ों के खलए। नवीन: सूती कपड़ों के ऐसे प्रचालक में धोना चाखहए खजसमे फोस्फे ट और सोडा ऐश की मात्रा ऄखधक हो। उनी, नाआलोन और रे शम के कपडों के खलए ऐसा प्रचालक सही है खजसमें कम िार, कम फोस्फे ट और कम सोडा ऐश हो। मीना: ऄगर सारांश में कहें तो पाईडर प्रचालक और तरल प्रचालक। नवीन: हाूँ। ईसके रासायखनक संयोजक की जांच ईसे खरीदने से पहले कर लेनी चाखहए। मीना: मशीन में आस्तेमाल करने वाले और हाथ की धुलाइ में आस्तेमाल होने वाले भी प्रचालक हैं। नवीन: वो बहुत ऄखधक िमता वाले प्रचालक होते हैं । ये दो तरीके के होते हैं – एक वो जो हाथ की धुलाइ के खलए सही है, और दूसरा मशीन की धुलाइ के खलए। जो प्रचालक हाथ की धुलाइ के खलए बना है ईसमे खूब ऄखधक झाग होने चाखहए। ये ईपभोगता की संवेदना को संतुष्ट करता है। मीना: मुझे ये ऄच्छी तरह यद् है दक हमें लगता है दक बहुत सारे झाग से धुलाइ ऄच्छी होगी लेदकन सच तो ये है दक झाग आस बात का पता नहीं लगा सकते दक प्रचालक दकतना प्रभावशाली होगा। हालाूँदक, जुच्छ मात्रा में झाग जरुरी हैं तादक धूल ईसमे फं स जाए और वो ईसे ऄपने साथ धुलाइ के दौरान ले जाए। अशी: और पापा मशीन की धुलाइ के खलए क्या होता है? नवीन: जो प्रचालक मशीन की धुलाइ के खलए आस्तेमाल होते हैं ईनमे ज्यादा झाग नहीं होने चाखहए। क्योंदक आससे मशीन खराब हो सकती है। खासकर दक सामने से खुलने वाली मशीन। मीना: न खसफत मशीन बखल्क आन प्रचालक से त्वचा भी खराब हो जाती है। मेरे हाथों को देखो ये दकतने रूखे हो गए हैं। नवीन: जो प्रचालक कपडों से धूल, मैल गन्दगी खनकालता है वो कपड़े धोते समय त्वचा से ईसकी खचकनाहट भी हटा देता है । खजससे त्वचा के प्राकृ खतक तेल भी धुल जाते हैं आससे त्वचा संबंधी रोग भी हो सकते हैं । आसके अलावा, साबुन में मौजूद िारीय और पूरक भी संवेदनशील त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। (फोन बजता है..... फोन बजने की अवाज) नवीन: हेल्लो! फोन से अवाज: हेल्लो, नवीन! नवीन: हाूँ नवीन बोल रहा हूँ। फोन से अवाज: नवीन मैं सतीश बोल रहा हूँ। नवीन: हाूँ, सतीश बोलो, सब ठीक है! फोन से अवाज: हाूँ, सब ठीक है। मैंने तुम्हे ये बताने के खलए फोन दकया था दक कल हमारी लयारह बजे कु छ ग्राहक – गणों से मीरटग है। तो तुम कृ पया आस वि दफ्तर में पहुूँच जाना। नवीन: हाूँ ठीक है मैं दफ्तर पहुूँच जाउूँगा। फोन से अवाज: ठीक है शुभ राखत्र! नवीन: शुभ राखत्र। मीना: कौन था? नवीन: सतीश, मेरा सहयोगी। दफ्तर में सुबह लयारह बजे मीरटग है। मुझे ईसमे ईपखस्थत रहना है। मीना: तो मुझे लगता है हमें ऄब सो जाना चाखहए। अशी: कहानी ऄभी पूरी नहीं हुइ है मम्मी! मीना: अशी तुम्हे सुबह स्कू ल जाना है और तुम्हारे पापा के दफ्तर में एक जरुरी मीरटग है आसखलए सो जाओ। अशी: मम्मी थोड़ी देर और प्लीज...... मीना; लेदकन ऄब मैं तुम्हे ज्यादा वि नहीं दूूँगी। नवीन: मैं खजतनी जल्दी हो सके खत्म करने की कोखशश करूूँगा। अशी: पापा मुझे एक बात बताआए ऄगर कपड़े ठीक से नहीं धुलें और ईसमे साबुन रह जाए तो क्या ईससे कोइ नुकसान हो सकता है? नवीन ;ऄगर कपडों को पनी से ठीक से नहीं धोया जाए तो बचा हुअ प्रचालक कपडों से खचपक जाता है और त्वातचा में जलन पैदा कर सकता है।प्रचालक में मौजूद धाखत्वक ऄशुद्धता भी हाखनकारक होती है। अशी: मम्मी अगे से कपड़े धोते समय अपको और ऄखधक सावधान रहना होगा। मीना: ठीक है अशी मैडम! मैं आसका ध्यान रखूग ं ी। नवीन: आसके साथ ही प्रचालकों का आस्तेमाल भी पयातवरणखवदों के बीच चचात का खवषय है। अशी: पापा पयातवरणखवद कौन होते हैं? नवीन: ये वो लोग होते हैं जो प्राकृ खतक पयातवरण को सुरखित रखने, ईसका जीणोद्वार कराने और सुधारने का समथतन करते है । या ये भी कहा जा सकता है दक ये प्रधुसहं रोकने का समथतन करते हैं। मीना: अशी ये है तुम्हारी अआसिीम। (कटोरी मेज पर रखने की अवाज) मीना: और ये है तुम्हारी, नवीन। नवीन: धन्यवाद मीना! ऄब मुझे बताओ की साबुन और पचातलक के बारे में तुम और क्या जानना चाहते हैं। अशी: पापा अपने कहा दक प्रचालक चचात का खवषय है। ये चचात का खवषय आऄसे है? नवीन: हाूँ.... तुम्हे पता है अशी प्रचालक में कइ तरह के रसायन आस्तेमाल होते हैं जैसे पोस्फे त, खवरं जक सफे दी करने वाला एजेंट । फोस्फे ट में एक कमी है दक यहे झीलों और तालाबों की सतह पर पैदा होने वाली काइ और ऄन्य छ्होटे पौधों के खलए बहुत ऄच्छा अहार है। काइ, धीरे पानी के प्रवाह पर जमे फोस्फे ट से ऄपना अहार लेने के साथ पानी की सतह पर एक अवरण बना लेती है खजससे पयातवरण की ऑक्सीजन समुद्री जीवों तक नहीं पहुूँच पाती। अशी: लेदकन पापा आससे तो मछखलयों को ऑक्सीजन नहीं खमलेगी और वो मर जाएंगी। नवीन: हाूँ अशी तुमने ठीक कहा। ऐसा हो रहा है, ना खसफत मछखलयों के साथ बखल्क ऄन्य समुद्री जीवों के साथ। खासतौर पर जहाूँ नददयाूँ और तालाब बड़ी मात्रा में काइ के अवरण से ढके हैं। अशी: आस समस्या का क्या हल हो सकता है? नवीन: ऄभी हमें आस समस्या का कोइ समाधान नहीं खमल पाया है। लेदकन कु छ देशो ने प्रचालकों में फोस्फे ट आस्तेमाल करना बंद कर ददया है। आसमें सबसे अशाजनक ऄनुकल्प हैं फोस्फे ट के ही वगत के खमश्रण एलुखमखनयम, खसखलकोन और ऑक्सीजन। (कदमों के ऄंदर अने की अवाज) मीना: अशी क्या तुमने ऄपनी अआसिीम खत्म कर ली? मुझे कटोरी दे दो। अशी: हाूँ मम्मी मैंने खत्म कर ली जैसे फोस्फे ट समुद्र की मछखलयाूँ खत्म कर रहा है। (नवीन, मीना और अशी के हूँसने की अवाज) नवीन: तुमने आसे ठीक समझा अशी। लेदकन ये एक गंभीर मुद्दा है और एक बहुत बड़ी मुसीबत। प्रचालकों के ऄत्यखधक आस्तेमाल से कु छ बहुत ही दुलतभ समुद्री जीव पानी के नीचे मर रहे हैं। और हमें ईन्हें जीखवत रखने में सहयोग देना चाखहए। मीना: लेदकन हमारे पास और कोइ खवकल्प नहीं है कपड़े पहनना हमारी जरुरत है और जब हम ईन्हें पहनेंगे तो वो मैले भी होंगे। तब हमें ईन्हें धोना भी होगा। हम आस चि से बच नहीं सकते। नवीन: वैज्ञाखनक आस पर बहुत मेहनत कर रहे हैं दक आस तरह के कपड़े बनाए जाएूँ खजनपर दाग न लगे और लगे भी तो खबना धोए साफ़ हो जाए। वो असानी से पहने जा सकें गे और गंदे भी नहीं होंगे। अशी: ऄदभुत! मैं ईस ददन का आं तजार कर रही हूँ जब मैं खबना दकसी दाग धब्बे की सचता दकए ऄपने कपड़े पहन सकुं गी। मीना: तुमसे ज्यादा तो मुझे ईन कपडों के बाजार में अने का आं तजार है अशी। मैं आस समस्या से सबसे ज्यादा रूबरू हूँ। नवीन: अशा करते हैं दक वो ददन हमारी सजदगी में जल्द अएगा। मीना: ठीक है ऄब सोने जाओ और ईम्मीद करते हैं वो ददन जल्दी अए। अशी ऄब सोने जाओ। तुम्हे सुबह जल्दी ईठना है! अशी: पापा क्या वैज्ञाखनक रात को भी लंबा कर सकते हैं तादक सोने के खलए खूब सारा समय खमले खबना सुबह जल्दी ईठने की सचता दकए हुए। (हूँसने की अवाजें) मीना: अशी तुम रात में सोते समय आसका ख्वाब देख सकती हो। ऄब सोने जाओ। (कदमों की अवाज, लाइट बंद होने की अवाज)